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हेलो मैं मंत्री जी का PA बोल रहा हूं...अधिकारियों का ट्रांसफर कराने वाले कथावाचाक का बड़ा खेल

जानकारी के मुताबिक वह बातों में ऐसा उलझाता है कि बड़े-बड़े धोखा खा जाएं।आरोपी पुष्पेंद्र को क्राइम ब्रांच ग्वालियर से गिरफ्तार किया है।

Aditi Sharma लाइव हिन्दुस्तान, ग्वालियरFri, 9 Aug 2024 09:03 AM
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खुद को केंद्रीय मंत्री का पीए बताकर अफसर-कर्मचारियों के ट्रांसफर कराने वाला कथावाचक पुष्पेंद्र दीक्षित महज 10वीं पास है, लेकिन इससे कारनामों को सुनकर आप चौंक जाएंगे। साल 2016 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नाम से बीएसएफ डीजी को लेटर लिखकर आरक्षक का ट्रांसफर करवा चुका है। उसकी जालसाजी का खुलासा तब हुआ जब एमपी के डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना पर दो टीआई के ट्रांसफर का दबाव बनाया। पुष्पेंद्र ने कई केंद्रीय मंत्रियों, बड़े नेताओं और एक्टर के साथ फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रखे हैं। इनके जरिए प्रभाव जमाकर ठगी का जाल बुनता था। वह बातों में ऐसा उलझाता है कि बड़े-बड़े धोखा खा जाएं।आरोपी पुष्पेंद्र को क्राइम ब्रांच ग्वालियर से गिरफ्तार किया है। वह डबरा के छोटे से गांव ऊदलपाड़ा का रहने वाला है।गांव में उसे लोग गैंबलर कहकर बुलाते हैं।

पुष्पेंद्र के ताऊ कथावाचक हैं। उनकी गांव में आवभगत देखकर उसने ठान लिया था कि वह ऐसा ही नाम कमाएगा, लेकिन सिर्फ 10वीं तक ही पढ़ाई कर सका। इसके बाद मथुरा-वृंदावन जाकर संस्कृत सीखी। कथावाचक और आचार्य बन गया। गांव में जब उसके सोशल मीडिया पर कुछ बड़े नेताओं के साथ फोटो की चर्चा हुई, तो उसे इज्जत मिलने लगी। इसके बाद वह ठगी के पेशे में रम गया।

पुलिस को आरोपी के अब तक 4 बैंक अकाउंट मिले हैं। पुलिस अफसरों का मानना है कि बैंक खातों में हुए ट्रांजेक्शन से उन अफसरों-कर्मचारियों का पता चल सकेगा, जिन्होंने उससे ट्रांसफर करवाया है। पुलिस को ऐसा इनपुट मिला है कि पुलिस ही नहीं, दूसरे डिपार्टमेंट के लोग भी उससे ट्रांसफर करवा चुके हैं। पुलिस ने पांच मोबाइल भी बरामद किए हैं। मोबाइल में से काफी हद तक डेटा डिलीट कर दिया गया है। पुलिस ने फोरेंसिक जांच के लिए मोबाइल दिए हैं। साइबर एक्सपर्ट की टीम इन मोबाइल फोन से डेटा रिकवर करने में लगी है। इसके बाद ही पता लग सकेगा कि कौन-कौन पुलिस अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी उसके संपर्क में थे। कितने मंत्रियों के नाम से वह अधिकारियों को मैसेज कर हड़का चुका है।मोबाइल खुलेगा तो कई बड़े अधिकारियों के राज भी खुल सकते हैं।

पुलिस अफसर और क्राइम ब्रांच की टीम लगातार आरोपी से पूछताछ कर रही है, लेकिन वह काफी शातिर है। जब भी उससे पूछताछ होती है, अपना सीना पकड़कर बैठ जाता है। उसके पास से शुगर और बीपी की दवाएं मिली हैं, लेकिन हार्ट की कोई दवा नहीं मिली।जांच में यह भी पता चला है कि कुछ समय पहले ही उसने गन लाइसेंस बनवाया है। पुलिस अफसरों का मानना है कि इसे भी ठग ने दबाव बनाकर बनवाया होगा।अब पुलिस इसे निरस्त कराने की तैयारी में लग गई है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि कितने लोगों के आर्म्स लाइसेंस के लिए इसने सिफारिश की है।

शातिर आरोपी पुष्पेंद्र के खिलाफ पूर्व में अपराध दर्ज हुआ है। पूर्व में भी दिसंबर 2016 में इसने केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के विदेश मंत्रालय के कार्यालय के जरिए अर्द्धशासकीय पत्र भेजकर महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल कार्यालय नई दिल्ली के बीएसएफ के कर्मचारियों के ट्रांसफर के लिए पत्र प्रेषित किया था, जो कूटरचित होना पाया गया था। इसके बाद दक्षिण दिल्ली के लोधी कॉलोनी थाना पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में भी यह फरार था।

रिपोर्ट- अमित कुमार

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