फोटो गैलरी

Hindi News मध्य प्रदेशडेढ़ साल के बच्चे से दरिंदगी, 40 बार दागने के मामले में जांच शुरू; दाई पर है आरोप

डेढ़ साल के बच्चे से दरिंदगी, 40 बार दागने के मामले में जांच शुरू; दाई पर है आरोप

बता दें कि बच्चे की गर्दन, पेट और शरीर के अन्य हिस्सों में 40 से ज्यादा जख्म के निशान मिले हैं। अब लड़के का इलाज शहडोल के सरकारी अस्पताल में चल रहा है और इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। 

डेढ़ साल के बच्चे से दरिंदगी, 40 बार दागने के मामले में जांच शुरू; दाई पर है आरोप
Nishant Nandanपीटीआई,शहडोलTue, 21 Nov 2023 02:20 PM
ऐप पर पढ़ें

मध्य प्रदेश में डेढ़ साल के मासूम बच्चे को लोहे की रॉड से 40 बार दागे जाने के मामले में अब जांच के आदेश दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि मासूम लड़का निमोनिया से पीड़ित था। शहडोल जिले के एक गांव में स्थानीय नर्स ने बच्चे का निमोनिया ठीक करने के लिए उसे लोहे की रॉड से 40 बार दागा था। अधिकारियों ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी है। बाद में जब बच्चे की हालत बिगड़ गई तब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था और फिर यह पूरा मामला उजागर हुआ था। बच्चे की गर्दन, पेट और शरीर के अन्य हिस्सों में 40 से ज्यादा जख्म के निशान मिले हैं। अब लड़के का इलाज शहडोल के सरकारी अस्पताल में चल रहा है और इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। 

मासूम बच्चे का परिवार हर्दी गांव में रहता है। बच्चे की तबीयत खराब होने पर उन्होंने एक दाई (गांव की नर्स)को बुलाया था। आऱोप है कि उसी ने बच्चे के शरीर को लोहे की रॉड से 40 से ज्यादा बार दागा।  4 नवंबर को उसने ऐसा बच्चे के इलाज के नाम पर किया था। Chief Medical and Health Officer (CMHO) डॉक्टर आर एस पांडे ने कहा कि बच्चे की दादी ने एक दाई से दागने वाला यह इलाज घर पर ही करवाया था। 

उन्होंने कहा कि जब बच्चे की हालत खराब हो गई तब उसे जिला अस्पताल लाया गया। इसके बाद उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में रेफऱ किया गया है। इस मामले में स्वास्थ्य अधिकारियों की एक टीम बनाई गई है। यह टीम घटना की जांच-पड़ताल केरगी। मेडिकल कॉलेज में Paediatrics विभाग के प्रमुख निशांत प्रभाकर ने कहा कि जन्म के समय भी बच्चे को गर्म लोहे से दागा गया था और जब उसे निमोनिया हुआ तब भी उसे गर्म लोहे से दागा गया। बच्चे के गर्दन, पेट, पीठ और शरीर के अन्य हिस्सों पर दागने के 40 से ज्यादा निशान हैं।

डॉक्टर ने कहा कि बच्चे की स्थिति अब ठीक है। बता दें कि जिले के आदिवासी बहुल इलाकों में बच्चों को इलाज के लिए ग्रम लोहे से दागना आम बात है।  इसी साल फरवरी के महीने में ढाई साल की एक बच्ची की मौत हो गई थी। बाद में पता चला था कि निमोनिया के इलाज के लिए बच्ची के शरीर को 50 से ज्यादा बार गर्म लोहे की छड़ से दागा गया था। इसी महीने तीन महीने की बच्ची के साथ भी ऐसी ही दरिंदगी का मामला सामने आया था।
 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें