फोटो गैलरी

Hindi News मध्य प्रदेशसचिन पायलट ने गद्दारी की है? पत्रकारों के सवाल पर राहुल गांधी ने दी प्रतिक्रिया

सचिन पायलट ने गद्दारी की है? पत्रकारों के सवाल पर राहुल गांधी ने दी प्रतिक्रिया

राहुल गांधी ने सचिन पायलट और अशोक गहलोत को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी से पूछा गया कि गहलोत ने पायलट को गद्दार कहा क्या आप भी मानते हैं कि वो गद्दार हैं?

सचिन पायलट ने गद्दारी की है? पत्रकारों के सवाल पर राहुल गांधी ने दी प्रतिक्रिया
Nishant Nandanलाइव हिन्दुस्तान,इंदौरMon, 28 Nov 2022 02:41 PM

इस खबर को सुनें

0:00
/
ऐप पर पढ़ें

राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुट और सचिन पायलट गुट के बीच चल रहे आपसी खींचतान के बीच अब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। राहुल गांधी के नेतृत्व में अभी कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा चल रही है। इस यात्रा के तहत राहुल गांधी अभी मध्य प्रदेश में हैं। इंदौर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने सचिन पायलट और अशोक गहलोत को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी से पूछा गया कि राजस्थान में गहलोत ने पायलट को गद्दार कहा क्या आप भी मानते हैं कि सचिन पायलट ने गद्दारी की है? इस पर राहुल गांधी ने कहा, 'मैं इसमे जाना नहीं चाहता हूं कि किसने क्या कहा...ये दोनों नेता कांग्रेस पार्टी के वैभव हैं। मगर मैं आपको एक बात की गारंटी दे सकता हूं कि भारत जोड़ो यात्रा पर इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला है।'

एक साक्षात्कार में अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को गद्दा करार दे दिया था। इसके बाद दोनों ही गुट आमने-सामने आ गये थे। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि गहलोत को ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था। जयराम रमेश ने गहलोत और पायलट के बीच चल रही शब्दों के जंग को लेकर कहा था कि पार्टी के लिए राजस्थान में संगठन सर्वोपरि है। इसकी मजबूती के लिए जरूरत पड़ने पर कठोर फैसले भी लिए जाएंगे। उन्होंने कहा था कि अगर गहलोत और पायलट गुट के बीच समझौता कराया जाना है तो समझौता कराया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि गहलोत और पायलट दोनों ही पार्टी के लिए जरूरी हैं।

आपको बता दें कि हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा सचिन पायलट को गद्दार कहे जाने के बाद इस मामले में कांग्रेस की अंदरुनी खींचतान और बढ़ गई थी। आज राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर राहुल गांधी मीडिया से रूबरू हुए थे। करीब 2 साल पहले सचिन पायलट के द्वारा अपने समर्थक विधायकों के साथ गुड़गांव के मानेसर में बाड़ेबंदी की थी। जिसको लेकर प्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया था। कहा गया था कि सचिन पायलट मुख्यमंत्री की कुर्सी चाहते थे और इसी वजह से उन्होंने बगावती तेवर अपनाए थे। हालांकि, उसके बाद किसी तरह पार्टी ने इस मामले को सुलझा लिया था और सचिन पायलट कांग्रेस के साथ रहे। 

सचिन पायलट और अशोक गहलोत गुट के बीच यह खींचतान नई नहीं है। इसी साल जब अशोक गहलोत को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा थी तब गहलोत गुट काफी सक्रिय हो गया था और उसने सचिन पायलट को राज्य का अगला सीएम बनाने का विरोध शुरू कर दिया था। उस वक्त राजस्थान में बड़ा सियासी संकट खड़ा हो गया था क्योंकि गहलोत के समर्थक इस्तीफा देने की बात खुलकर बोल रहे थे। उस वक्त भी किसी तरह पार्टी आलाकमान ने इस मामले को सुलझाया था।

इस घटना के बाद से भी दोनों गुटों के बीच बयानबाजी सामने आती रहती है। सचिन पायलट ने बगावती तेवर दिखाने वाले गहलोत गुट के कुछ विधायकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई किये जाने की बात कही थी। पिछले कुछ दिनों में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच उनके बयानों के जरिए कई मौकों पर तकरार देखने को मिल चुकी है। अब यह देखने वाली बात होगी कि पार्टी आलाकमान पार्टी के दो बड़े नेताओं के बीच चल रहे इस शब्द युद्ध को कैसे खत्म करता है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें