मध्य प्रदेश में कांग्रेस संगठनात्मक चुनाव, एआईसीसी नेताओं की बैठक से भी दिग्विजय-अरुण यादव रहे दूर
कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव के लिए मध्य प्रदेश में पहली बार अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के चुनाव प्राधिकरण के पीआरओ और एपीआरओ के प्रदेश में आकर बैठक लेने जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री...

इस खबर को सुनें
कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव के लिए मध्य प्रदेश में पहली बार अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के चुनाव प्राधिकरण के पीआरओ और एपीआरओ के प्रदेश में आकर बैठक लेने जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव की गैर मौजूदगी चर्चा का विषय रही है। बैठक में एआईसीसी महासचिव और प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक भी शामिल हुए। इसमें सदस्यता को लेकर जिला अध्यक्ष के साथ एआईसीसी के साथ प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने चर्चा की जिसमें पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने फर्जी सदस्यता से बचने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए।
कांग्रेस में संगठनात्मक चुनाव के लिए पार्टी के चुनाव प्राधिकरण ने पीआरओ, एपीआरओ की नियुक्तियां की हैं। मध्य प्रदेश कांग्रेस के चुनाव कराने के लिए रामचंदर खुंटिया, एपीआरओ कांति शुक्ला, चक्रवर्ती शर्मा व तरुण त्यागी बनाए गए हैं जो पहली बार मध्य प्रदेश के दौरे पर आए हैं। दे दो दिन यहां रहेेंगे। उनके साथ प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक भी यहां आए। पीआरओ-एपीआरओ की यह पहली बैठक थी तो वासनिक भी लंबे समय के बाद मध्य प्रदेश के दौरे पर आए हैं। इतनी महत्वपूर्ण बैठक से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और अरुण यादव की गैर मौजूदगी से यह गले नहीं उतर रहा है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस में सबकुछ ठीक-ठाक चल रहा है।
तर्क देकर गैर मौजूदगी के बताए जा रहे कारण
दिग्विजय सिंह और अरुण यादव की बैठक से अनुपस्थिति को लेकर पार्टी के जिम्मेदार नेता तर्क दे रहे हैं। पीसीसी के संगठन प्रभारी उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर ने लाइव हिंदुस्तान को बताया कि वे एक शादी समारोह में गए हैं तो कुछ नेता यादव को खंडवा में होने की बात कहते सुने गए। वहीं, पार्टी के प्रदेश प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक मीडिया को यह बयान देते रहे कि जो बैठक में आए हैं, उनके साथ बात करेंगे। कौन आया और कौन नहीं यह चर्चा का मुद्दा नहीं है।
बैठक में कमलनाथ की नसीहत
संगठन चुनाव के लिए सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है और इस पर पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने साफतौर पर कह दिया कि मतदाता सूची से फर्जी मेम्बरशिप नहीं बनाएं। इससे पार्टी को बहुत नुकसान होता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी सदस्यता मध्य प्रदेश ही नहीं देश के दूसरे राज्यों में भी होती है। कमलनाथ ने कहा कि जो भी सबसे ज्यादा सदस्य बनाएगा, उसको पहला, दूसरा, तीसरा पुरस्कार दिया जाएगा। गौरतलब है कि सदस्यता अभियान 31 मार्च तक चलेगा और इसके बाद ही संगठनात्मक चुनाव की अगली प्रक्रिया शुरू होगी।
