वन्य प्राणी सप्ताह से पहले मध्य प्रदेश की पेंच नदी में मिला मृत बाघ, मौत का कारण अज्ञात , पोस्टमार्टम के लिए भेजा शव
बाघ के शरीर पर किसी तरह के कोई निशान नहीं है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि बाघ की मौत करंट लगने से हो सकती है। क्योंकि आसपास के क्षेत्रों में कुछ मछुआरे नदी में करंट फैलाकर मछली पकड़ते हैं।
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2 अक्टूबर से देश में वन्य प्राणी सप्ताह की शुरुआत हो रही है। लेकिम उससे पहले ही मध्य प्रदेश में पेंच नेशनल के बफर एरिया में बादलापार के समीप नदी में एक बाघ का शव मिला है। सुबह जब मछली मारने वाले नदी में पहुंचे तो उनको बाघ का शव पानी में तैरता हुआ मिला। जिसके बाद वन विभाग की टीम पहुंची और बाघ के शव को अभिरक्षा में लिया।
जानकारी के अनुसार जिन परिस्थितियों में बाघ की मौत हुई है, उसे देखकर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि बाघ की मौत सामान्य नहीं है। क्योंकि बाघ के शरीर पर किसी तरह के कोई निशान नहीं है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि बाघ की मौत करंट लगने से हो सकती है। क्योंकि आसपास के क्षेत्रों में कुछ मछुआरे नदी में करंट फैलाकर मछली पकड़ते हैं।
लेकिन पुष्टि ना होने के कारण बाघ की मौत का कारण अभी अज्ञात है। पोस्टमार्टम के बाद ही किसी निर्णय पर पहुंचा जा सकेगा। बाघ की हालत से अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह कहीं से बहकर आया है और मौत हुई काफी देर हो चुकी है। इस क्षेत्र में लगातार बाघों की मृत्यु होने से यह बात स्पष्ट नजर आती है कि इनकी सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि विभाग का सारा ध्यान आयोजन और प्रचार प्रसार में ही लगा हुआ है। पेंच क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में बाघों की संख्या बढ़ी है लेकिन उसके साथ ही बाघों के शिकार एवं मौत की घटनाएं भी बहुत तेजी से बढ़ी है। वहीं एक तरफ 2 अक्टूबर से देशभर में वन्य प्राणी सप्ताह जोर शोर से मनाया जाएगा।
दरअसल इस बार नवाचार करते हुए इस सीजन का आरंभ कन्या पूजन से किया जाएगा और कन्याओं को पेंच पार्क में प्रवेश भी कराया जाएगा। इतने तमाम ढकोसलों के बावजूद भी शिकार पर रोक लगाने के लिए धरातल में कोई कदम नहीं उठाए जा रहा है।