वरिष्ठ भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ सीधा मोर्चा खोलते हुए तीखी बयानबाजी कर रहे पूर्व लोकसभा सांसद प्रेमचंद बौरासी 'गुड्डू' से पार्टी की प्रदेश इकाई ने 'घोर अनुशासनहीनता' को लेकर मंगलवार को जवाब तलब किया। भाजपा की इंदौर जिला इकाई (ग्रामीण) के अध्यक्ष राजेश सोनकर ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, 'प्रदेश भाजपा इकाई ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आपत्तिजनक बयानबाजी को लेकर गुड्डू को नोटिस जारी किया है।
उनसे कहा गया है कि वह सात दिन के भीतर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के सामने अपना स्पष्टीकरण पेश करें। वरना उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कदम उठाये जायेंगे। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश भाजपा इकाई द्वारा गुड्डू को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि वह इंदौर जिले के सांवेर विधानसभा क्षेत्र के आगामी उपचुनाव की पृष्ठभूमि में प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कर रहे हैं और उनका यह कृत्य 'घोर अनुशासनहीनता' की परिधि में आता है।
हालांकि, इस नोटिस में भाजपा के किसी वरिष्ठ नेता के नाम का सीधा उल्लेख नहीं किया गया है। लेकिन वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के करीबी माने जाने वाले गुड्डू, सिंधिया को 'सामंती सोच का नेता' बताकर उन पर लगातार हमले कर रहे हैं। गुड्डू की ताजा बयानबाजी को इन अटकलों से जोड़कर देखा जा रहा है कि वह जल्द ही पाला बदलकर सांवेर विधानसभा सीट के आगामी उपचुनाव में कांग्रेस खेमे से उम्मीदवार हो सकते हैं।
उधर, सिंधिया खेमे के वफादार नेता तुलसीराम सिलावट को इस क्षेत्र के चुनावी मैदान में भाजपा की ओर से उतारा जा सकता है। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में पहले ही शामिल हो चुके सिलावट, शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई वाली मौजूदा राज्य सरकार में जल संसाधन मंत्री हैं। सांवेर के विधानसभा उपचुनाव से पहले दल-बदल की भूमिका बनाते दिखायी दे रहे गुड्डू का लम्बा राजनीतिक जीवन कांग्रेस में ही गुजरा है।
हालांकि, प्रदेश के नवंबर 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों से चंद रोज पहले वह अपने पुत्र अजीत बौरासी के साथ भाजपा के पाले में चले गये थे। भाजपा ने इन चुनावों में अजीत को पड़ोसी उज्जैन जिले की घट्टिया सीट से उम्मीदवार बनाया था। लेकिन गुड्डू के पुत्र अनुसूचित जाति के लिये आरक्षित इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार रामलाल मालवीय के हाथों चुनाव हार गये थे।