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Hindi News मध्य प्रदेशविधानसभा चुनाव 2018: 2019 से पहले ही बीजेपी कई सांसदों की लेगी 'अग्निपरीक्षा'

विधानसभा चुनाव 2018: 2019 से पहले ही बीजेपी कई सांसदों की लेगी 'अग्निपरीक्षा'

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों को सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। यही वजह है कि कांग्रेस हो या बीजेपी हर कोई अपनी तरफ से हर संभव...

विधानसभा चुनाव 2018: 2019 से पहले ही बीजेपी कई सांसदों की लेगी 'अग्निपरीक्षा'
रामनारायण श्रीवास्तव ,नई दिल्लीWed, 17 Oct 2018 10:16 AM
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2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों को सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। यही वजह है कि कांग्रेस हो या बीजेपी हर कोई अपनी तरफ से हर संभव कोशिश कर रहा है। वहीं बीजेपी ने तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में कई नए चेहरों पर दांव लगाएगी। साथ ही लगभग तीस फीसदी मौजूदा विधायकों के टिकट भी काटे जा सकते हैं। जीत के समीकरण बनाने के लिए पार्टी कुछ मुश्किल सीटों पर सांसदों को भी चुनाव मैदान में उतार सकती है। 

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इस बीच, पार्टी के कुछ सांसदों ने भी विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। साथ ही पार्टी भी कुछ मुश्किल लेकिन रणनीतिक तौर पर अहम सीटों पर सांसदों को चुनाव लड़ाना चाहती है, ताकि वहां पर जीत हासिल की जा सके। चूंकि सांसद संसदीय दल से जुड़े होते हैं, इसलिए उनके बारे में फैसला पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही लेंगे। पार्टी की 20 अक्तूबर के आसपास केंद्रीय चुनुाव समिति की पहली बैठक होगी, जिसमें इन सारे मुद्दों पर चर्चा होगी। 

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बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की पहली बैठक 20 अक्तूबर के आसपास होने की संभावना है। इसमें छत्तीसगढ़ के पहले चरण की सीटों के साथ कुछ और राज्यों के लिए भी उम्मीदवारों पर चर्चा होगी। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में इन तीन राज्यों में भाजपा को सरकारें होने से उसे सरकार विरोधी माहौल का भी सामना करना पड़ रहा है। 

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तीन दशक से सत्ता में
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में तो बीते 15 सालों से भाजपा सत्ता में है। सूत्रों के अनुसार विभिन्न सर्वे व संगठन की अंदरूनी रिपोर्ट व आकलन में तीनों में राज्यों में प्रत्येक में लगभग तीस फीसदी विधायकों की स्थिति अच्छी नहीं है। सबसे ज्यादा संख्या राजस्थान में है, जबकि सबसे कम छत्तीसगढ़ में है। इनमें तीनों राज्यों के लगभग एक दर्जन मंत्री भी शामिल हैं। ऐसे में इन सीटों पर नए चेहरे लाए जाने की संभावना है। 

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अधिकांश लोकसभा सीटें
भाजपा के लिए पांच राज्यों में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान सबसे अहम हैं क्योंकि इन राज्यों में सरकारें होने के साथ यहां की अधिकांश लोकसभा सीटें उसके पास हैं। विधानसभा चुनाव के नतीजे खिलाफ जाने पर लोकसभा चुनाव पर भी असर पड़ सकता है। 

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जिताऊ को प्राथमिकता
सूत्रों के अनुसार, बीजेपी नेतृत्व ने सभी प्रदेश के प्रभारियों व संगठन मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश की सूची में जिताऊ उम्मीदवारों को ही प्राथमिकता दी जाए। जरूरी नहीं है कि हर अच्छा कार्यकर्ता चुनाव ही लड़े, संगठन में बहुत सारी जगह उनका उपयोग हो सकता है।  

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