चूड़ी बेचने वाले की पिटाई का मामला पूरी तरह से पलटा, अब उस पर ही दर्ज हुआ यौन उत्पीड़न का केस
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में सोमवार को दिन भर चूड़ी वाले को कथित तौर पर नाम पूछकर पीटे जाने के मामला अब पूरी तरह से पलट गया है। एक तरफ सोमवार को दिन भर इस पर हंगामा रहा और अल्पसंख्यक समुदाय के...
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मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में सोमवार को दिन भर चूड़ी वाले को कथित तौर पर नाम पूछकर पीटे जाने के मामला अब पूरी तरह से पलट गया है। एक तरफ सोमवार को दिन भर इस पर हंगामा रहा और अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्ति की पिटाई पर सवाल खड़े होते रहे, वहीं अब उस शख्स पर ही यौन उत्पीड़न का केस पुलिस ने दर्ज किया है। इसके अलावा उस शख्स पर अपनी पहचान छिपाने का भी आरोप है। इंदौर पुलिस ने चूड़ी विक्रेता तस्लीम अली पर यौन उत्पीड़न का केस दर्ज कर लिया है। इससे पहले आरोप लगे थे कि भीड़ ने उसका नाम पूछकर पिटाई की। कहा जा रहा था कि उसे मुस्लिम होने के चलते पीटा गया था। सोमवार शाम को इस मामले में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने भी राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की थी।
युवक की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी थी। आरोप है कि चूड़ी बेचने के नाम पर वह युवक महिलाओं से छेड़छाड़ कर रहा था, जिसके चलते भीड़ ने उसकी पिटाई कर दी थी। पुलिस ने तस्लीम अली के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 354 (A), 420, 467, 468 और 471 के तहत केस दर्ज किया है। इसके अलावा पॉक्सो एक्ट के कई प्रावधानों के तहत भी केस फाइल किया गया है। इंदौर पुलिस के एसपी आशुतोष बागड़ी ने कहा, 'चूड़ी बेचने वाले के पास से दो आधार कार्ड बरामद हुए हैं। एक में उसका नाम तस्लीम अली है और पिता का नाम मोहर अली लिखा हुआ है।'
दो आधार कार्ड में हैं अलग-अलग नाम, उठे सवाल
इसके अलावा एक अन्य आधार कार्ड में उसका नाम असलीम है और पिता का नाम मोर सिंह है। इसके अलावा उसके पास से एक अधजला वोटर आईडी कार्ड भी मिला है, इसमें उसके पिता का नाम मोहन सिंह लिखा हुआ है। इससे पहले पुलिस ने चूड़ी बेचने वाले तस्लीम से मारपीट के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ लूटपाट और पिटाई का केस दर्ज किया था। वायरल वीडियो को लेकर एसपी आशुतोष बागड़ी ने कहा, 'वायरल वीडियो में दिखता है कि चूड़ी बेचने वाले को बाणगंगा पुलिस थाना इलाके में कुछ लोग पीट रहे हैं और उसे गालियांदे रहे हैं। एफआईआर दर्ज कर ली गई है और वीडियो के अनुसार आरोपियों की पहचान की जाएगी। उनके खिलाफ कड़ा ऐक्शन लिया जाएगा।'
होम मिनिस्टर ने उठाया, अलग आईडी पर सवाल; बोले- इससे पैदा होती है कड़वाहट
दरअसल यह पूरा मामला राज्य के होम मिनिस्टर नरोत्तम मिश्रा के बयान के बाद पलटा। मिश्रा ने कहा, 'इस घटना को सांप्रदायिक रंग नहीं देना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति अपना नाम, जाति और धर्म छिपाता है तो इससे कड़वाहट पैदा होती है। हमारी बेटियां सावन के पवित्र महीने में चूड़ियां पहनती हैं और मेहंदी लगवाती हैं। वह चू़ड़ी बेचने विक्रेता के तौर पर आया था। इसे लेकर कन्फ्यूजन था और पूरा सच उसकी अलग-अलग आईडी देखने के बाद ही सामने आया।'