Jabalpur Mayor Chunav 2022: 18 साल बाद जबलपुर को मिला कांग्रेस का मेयर, पर इस वजह से जश्न हुआ फीका
जबलपुर में 18 साल बाद कांग्रेस ने महापौर की सीट पर कब्जा किया है। जबलपुर में जगत बहादुर सिंह अन्नू ने भाजपा के महापौर उम्मीदवार डॉ जितेंद्र नामदार को 44,000 से अधिक वोटों के अंतर से मात दी है।
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मध्य प्रदेश के जबलपुर में 18 साल बाद कांग्रेस ने महापौर की सीट पर कब्जा किया है। जबलपुर में जगत बहादुर सिंह अन्नू ने भाजपा के महापौर उम्मीदवार डॉ जितेंद्र नामदार को 44,000 से अधिक वोटों के अंतर से मात दी है। हालांकि कांग्रेस की इस जीत का जश्न फीका इसलिए पड़ जाता है, क्योंकि यहां मेयर तो कांग्रेस का होगा, लेकिन पार्षदों की संख्या भाजपा के पक्ष में अधिक है। कांग्रेस के पार्षदों की संख्या पिछले निकाय चुनावों की तुलना में भी कम हो गई है।
जबलपुर में भाजपा उम्मीदवारों ने 79 वार्डों में से 44 पर जीत हासिल की, वहीं कांग्रेस ने 26 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं सात सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 29 वार्डों में जीत हासिल की थी। पिछली बार की तुलना में भाजपा को दो सीटों का फायदा हुआ है।
चुनावी मैदान में थे 11 उम्मीदवार
जबलपुर नगर निगम के चुनाव 6 जुलाई को हुए थे और मेयर पद के लिए 11 उम्मीदवार थे। मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नामदार के लिए दो बार शहर का दौरा किया, जबकि पीसीसी चीफ और पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी कांग्रेस प्रत्याशी जगत बहादुर सिंह के लिए प्रचार किया। कांग्रेस ने कोविड -19 के दौरान स्थानीय लोगों के सामने आने वाली कठिनाइयों और शहर में बिके नकली रेमेडिसविर इंजेक्शन के मुद्दों को उठाया। जनता से सीधे तौर पर जुड़े इन मुद्दों की मजह से लोग कांग्रेस के समर्थन में आए।
1999 में कांग्रेस ने आखिरी बार जीती थी सीट
इस चुनाव से पहले 1999 में कांग्रेस ने आखिरी बार जबलपुर से मेयर की सीट जीती थी। उस दौरान विश्वनाथ दुबे महापौर चुने गए थे, लेकिन बाद में उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था और जबलपुर से कांग्रेस के टिकट पर सांसदी का चुनाव लड़ा और हार गए थे।