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मध्य प्रदेश के धार में जुड़वां बेटियों का शानदार स्वागत, परिवार ने गाजे-बाजे के साथ निकाला जुलूस

मध्य प्रदेश के धार जिले की कुक्षी तहसील के ग्राम कोणदा में एक परिवार ने अपने यहां जन्मी दो बेटियों का घर में दुल्हन की तरह स्वागत किया। उन्हें बैलगाड़ियों को बग्घी की तरह सजाकर जुलूस के रूप में घर तक...

मध्य प्रदेश के धार में जुड़वां बेटियों का शानदार स्वागत, परिवार ने गाजे-बाजे के साथ निकाला जुलूस
भोपाल, लाइव हिंदुस्तानSun, 16 Jan 2022 04:59 PM

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मध्य प्रदेश के धार जिले की कुक्षी तहसील के ग्राम कोणदा में एक परिवार ने अपने यहां जन्मी दो बेटियों का घर में दुल्हन की तरह स्वागत किया। उन्हें बैलगाड़ियों को बग्घी की तरह सजाकर जुलूस के रूप में घर तक लाया गया और फिर दुल्हन की तरह उनके पैरों को रोली में भिगोकर घर में छापे गए। 

 

मालवा के धार जिले की कुक्षी तहसील के ग्राम कोणदा में मोहन भायल का परिवार रहता है जिनका बेटा मयूर है। मयूर की पत्नी डिलीवरी के लिए अपने मायके चली गई थी। वहां उसने गणेश चतुर्थी पर जुड़वां बेटियों को जन्म दिया था। इस पर उनका रिद्धि-सिद्धि नामकरण किया गया था। चार महीने बाद मयूर की पत्नी अपने ससुराल लौट रही थी तो मयूर ने अपनी नवजात बेटियों के स्वागत को यादगार बनाने के लिए कुछ बड़ा आयोजन करने की सोचा था। 

गांव से दो किलोमीटर पहले से जुलूस निकाला
पत्नी और बेटियों रिद्धि-सिद्धि के स्वागत के  लिए घर की साज-सज्जा की गई थी। घर के आंगन में फूलों से फर्श पर सजावट की गई तो प्रवेश द्वार को भी सजाया गया। गांव की सीमा के बाहर से जुलूस के रूप में बेटियों को लाने के लिए बैलगाड़ियों को बग्घी की तरह सजाया गया। गाजे-बाजे के साथ बैलगाड़ियों में मां और दोनों नवजात बेटियों को घर तक लाया गया। घर में प्रवेश के पहले बेटियों के पैरों को थाली में रोली भिगोकर घर के फर्श पर पैर की छाप बनाई गई। 

नवजात को लावारिस फेंके जाने की घटना से दुख हुआ
मयूर ने अपनी बेटियों के अनोखे ढंग से किए गए स्वागत को लेकर कहा है कि जब उनकी बेटियां हुईं थीं तो उसके कुछ दिन बाद ही एक समाचार पढ़ा था जिसमें किसी व्यक्ति ने अपनी बेटी को लावारिस कचरे में फेंक दिया था। इस घटना के बाद वे समाज को संदेश देना चाहते थे कि बेटियां बोझ नहीं होती हैं बल्कि वे लक्ष्मी होती हैं। इसलिए उन्होंने अपनी बेटियों के पहली बार घर पर आने के मौके पर उनका स्वागत करने का मन बनाया था। 

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