
जेल में बंद कैदी भाइयों को बहनों ने बांधी राखी, दोनों के छलके आंसू
संक्षेप: ग्वालियर में शनिवार को रक्षाबंधन के अवसर पर केंद्रीय जेल में बंद कैदियों को उनकी बहनों ने राखी बांधी। सैकड़ों बहनें आसपास के शहरों से सुबह ग्वालियर की सेंट्रल जेल पहुंचीं और खुली जेल में अपने भाइयों से मिलकर मंगल तिलक किया और कलाई पर राखी बांधी।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में शनिवार को रक्षाबंधन के मौके पर केंद्रीय जेल में बंद कैदी भाइयों को उनकी बहनों ने राखी बांधी। सैकड़ों बहनों ने खुली जेल में अपने भाइयों से मिलकर उन्हें मंगल तिलक कर कलाई पर राखी बांधी है। सभी बहने आसपास के शहरों से सुबह ग्वालियर की सेंट्रल जेल पहुंचीं। वैसे तो राखी का शुभ मुहूर्त दोपहर 10:47 बजे के बाद का था, लेकिन सेंट्रल जेल में बिना मुहूर्त ही बहनों ने भाइयों से मिलकर राखी बांधी।

बहन-भाई के छलक रहे थे आंसू
जेल में बंद भाइयों के माथे पर तिलक करते वक्त बहन-भाई, दोनों के आंसू छलक आए। जेल में बने लड्डू और राखी किट से बहन रोली चावल से तिलक किया और एक-दूसरे को लड्डू खिलाकर मुंह मीठा कराया है। जेल प्रशासन ने पहले ही आदेश जारी कर दिया था बाहर से कोई भी मिठाई, राखी या अन्य सामग्री अंदर नहीं आएगा। जेल प्रबंधन ने बंदी भाइयों को राखी बांधने वाली बहनों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो, इसके लिए खुली जेल मैदान में टेंट लगाकर रक्षाबंधन की मुलाकात कराई।
मोबाइल, नशीली पदार्थ और खान-पान सामग्री पर रोक
जेल अधीक्षक विनीत सरवईया ने बताया कि रक्षा बंधन पर इस बार बहनों को राखी के लिए जेल में आने की जेल मुख्यालय से अनुमति दी थी। बहनें जेल आकर यहां पर सजा काट रहे अपने भाइयों को तिलक कर राखी बांधी और मंगल कामना की। इस दौरान कुछ ऐसे भी दृश्य देखने को मिले, जिससे आंखें नम हो गईं।





