
देश के सबसे साफ शहर में प्रशासन की सख्ती, 1 अगस्त से बिना इस चीज के नहीं मिलेगा पेट्रोल
संक्षेप: मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने इंदौर में लोगों द्वारा धड़ल्ले से यातायात नियम तोड़े जाने पर हाल ही में गहरी नाराजगी जताई थी और इस प्रवृत्ति पर अंकुश के लिए कठोर कदम उठाए जाने की जरूरत पर जोर दिया था। जिसके बाद जिला प्रशासन ने यह कदम उठाया है।
लगातार आठवें साल देश के सबसे साफ शहर का खिताब जीत चुके मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में 1 अगस्त यानी शुक्रवार से दोपहिया वाहन चालकों को खास तरह की सख्ती का सामना करना पड़ेगा। यह सख्ती साफ सफाई से जुड़ी नहीं है बल्कि शहर के यातायात को सुधारने से जुड़ी है। दरअसल अगले महीने से शहर के पेट्रोल पंपों पर बिना हेलमेट पहुंचने वाले दोपहिया चालकों को पेट्रोल नहीं दिया जाएगा।
यह फैसला स्थानीय जिला प्रशासन ने लिया और बुधवार को इस बारे में आदेश भी जारी कर दिए। जिसमें प्रशासन ने लोगों को हेलमेट लगाकर ही पेट्रोल पंप तक पहुंचने की सलाह दी। प्रशासन ने बताया कि यह सख्त उसने कदम शहर के यातायात को व्यवस्थित बनाने और लोगों को ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने से रोकने के लिए उठाया है। प्रशासन ने बताया कि इस नियम का उल्लंघन करने वाले पेट्रोल पंपों के खिलाफ कानूनी प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया जाएगा, दोष सिद्ध होने पर उन्हें जेल जाने से लेकर आर्थिक दंड तक की सजा हो सकती है।
इस बारे में जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष और वहां के पूर्व न्यायाधीश अभय मनोहर सप्रे ने मंगलवार को एक बैठक में प्रशासन को निर्देश दिए थे कि वाहन सवारों द्वारा हेलमेट और सीट बेल्ट लगाए जाने के नियम का पालन सुनिश्चित कराने के लिए शहर में सघन अभियान चलाया जाए।
जिसके बाद बुधवार को इस बारे में आदेश जारी किया कि बिना हेलमेट वाले दोपहिया वाहन चालकों को आगामी एक अगस्त से ईंधन पंप पर पेट्रोल नहीं दिया जाएगा। जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया,‘इन निर्देशों के मद्देनजर हमने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है कि आगामी एक अगस्त से जिले के किसी भी ईंधन पंप पर बिना हेलमेट वाले दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं दिया जाएगा।’
सिंह ने बताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत जारी प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा गया है कि इसके उल्लंघन पर संबंधित पेट्रोल पंप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस कानूनी प्रावधान के तहत दोषी को एक वर्ष तक के कारावास या 5,000 रुपए तक के जुर्माने या दोनों सजाओं से दण्डित किया जा सकता है।
इससे पहले मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने इंदौर में लोगों द्वारा धड़ल्ले से यातायात नियम तोड़े जाने पर हाल ही में गहरी नाराजगी जताई थी और इस प्रवृत्ति पर अंकुश के लिए कठोर कदम उठाए जाने की जरूरत पर जोर दिया था। स्थानीय आरटीओ (क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी) प्रदीप शर्मा के अनुसार जिले में आरटीओ की स्थापना यानी सन 1950 से लेकर अब तक सभी श्रेणियों की कुल 32 लाख गाड़ियां पंजीकृत हैं जिनमें करीब 16 लाख दोपहिया वाहन शामिल हैं।
शर्मा का कहना है कि,‘हमारा अनुमान है कि जिले में फिलहाल अलग-अलग श्रेणियों की कुल 21 लाख गाड़ियां चल रही हैं।’





