कूनो के सबसे फुर्तीले चीते पवन की मौत, नाले से बरामद की गई डेड बॉडी, क्या वजह?
एमपी के कूनो नेशनल पार्क में जारी चीता प्रोजेक्ट को एक और झटका लगा है। नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क में लाए गए पवन चीते की मौत हो गई है।
कूनो नेशनल पार्क से एक और दुखद खबर सामने आ रही है। नामीबिया से लाए गए पवन चीते की मौत हो गई है। फिलहाल चीते की मौत किन वजहों के चलते हुई है, इस बारे में आधिकारिक बयान नहीं आया है। पवन चीते की डेड बॉडी नाले में पड़ी पाई गई है। कूनो के डॉक्टरों डूबने से चीते की मौत की आशंका जताई है। चीते पवन की मौत के बाद केएनपी में 24 चीते बचे हैं। इनमें 12 वयस्क और इतने ही शावक शामिल हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को नामीबियाई चीता पवन की कुनो नेशनल पार्क के जंगल में मौत हो गई। इससे पहले 5 अगस्त को केएनपी में अफ्रीकी चीता गामिनी के पांच महीने के बच्चे की मौत हो गई थी। अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षण (एपीसीसीएफ) और लायन प्रोजेक्ट के निदेशक उत्तम शर्मा के कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, मंगलवार को सुबह करीब 10.30 बजे चीता पवन झाड़ियों के बीच एक उफनते नाले के किनारे पड़ा मिला।
इस के बाद पशु चिकित्सकों को घटना की जानकारी दी गई। पशु चिकित्सकों के निरीक्षण करने पर पता चला कि चीते की डेड बॉडी का सिर समेत अगला आधा हिस्सा पानी में डूबा था। शरीर पर कहीं भी कोई बाहरी चोट के निशान नहीं पाए गए हैं। इससे अंदेशा जताया जात रहा है कि चीते की मौत डूबने से हुई होगी। वन विभाग ने कहा है कि चीते की मौत के बारे में विस्तृत जानकारी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने के बाद दी जाएगी।
फिलहाल केवल पवन चीता ही बाड़े से बाहर जंगल में स्वतंत्र विचरण कर रहा था। कूनो में पवन बहुत तेज दौड़ता था। अधिकारियों की मानें तो उसकी फुर्ती के कारण उसे पकड़ना मुश्किल था। मानसून की वापसी के बाद भारत में जन्मे चीतों के शावकों, अन्य वयस्कों को चरणबद्ध तरीके से जंगल में छोड़े जाने की योजना है। शुरुआत में सभी वयस्क चीतों को जंगल में छोड़ दिया गया था, लेकिन सेप्टीसीमिया के कारण तीन की मौत के बाद उन्हें वापस बाड़ों में भेज दिया गया था।
रिपोर्ट- अमित कुमार
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