इंदौर में नाबालिग से रेप व जबरन अबॉर्शन का मामला, 20 साल के युवक को आजीवन कारावास की सजा
- पीड़िता ने आगे बताया कि आरोपी भी उसी कॉम्प्लेक्स में उसके ऊपर वाले फ्लैट में रहता था। वह उसके घर आता-जाता था और वह तभी से उसेजानती थी। बाद में वे एक-दूसरे से फोन पर बात करने लगे और दोस्त बन गए।
मध्य प्रदेश के इंदौर में एक विशेष POCSO अदालत ने एक नाबालिग से बलात्कार और गर्भपात के लिए मजबूर करने के मामले में 20 साल के युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही 4 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
इस बारे में जानकारी देते हुए जिला अभियोजन अधिकारी (डीपीओ) संजीव श्रीवास्तव ने बताया, 'मंगलवार, 13 अगस्त को सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (द्वितीय) और विशेष न्यायाधीश (POCSO) सविता जड़िया की अदालत ने रायसेन निवासी आरोपी अभिषेक (20) को आईपीसी की धारा 376(2)(एन), 313 और धारा 5(एल) सहपठित 6 और 5(जे)(ii) सहपठित 6 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए जुर्माना लगाया।'
घटना के बारे में श्रीवास्तव ने बताया कि 20 मार्च 2021 को सूचना मिलने पर आजाद नगर थाने से एक उपनिरीक्षक जांच करने और पीड़िता का बयान दर्ज करने इंदौर के एमवाय अस्पताल गए थे। नाबालिग ने पुलिस को बताया कि उसके पिता नेमावर रोड, इंदौर स्थित एक इंडस्ट्री में काम करते थे और उन्हें कंपनी की ओर से उसी इंडस्ट्री के हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में एक फ्लैट मिला था, जहां वह अपने परिवार के साथ रहती थी।
पीड़िता ने आगे बताया कि आरोपी भी उसी कॉम्प्लेक्स में उसके ऊपर वाले फ्लैट में रहता था। वह उसके घर आता-जाता था और वह उसे तभी से जानती थी। बाद में वे एक-दूसरे से फोन पर बात करने लगे और दोस्त बन गए। इसके बाद आरोपी ने उसे शादी का झांसा दिया और अगस्त 2020 में, जब लड़की के घर पर कोई नहीं था, तब उसके साथ पहली बार शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद उन्होंने घर खाली रहने पर 1-2 बार और शारीरिक संबंध बनाए।
आगे उन्होंने बताया, 'जब नाबालिग को पता चला कि वह गर्भवती है, तो उसने आरोपी को इसकी जानकारी दी। फिर युवक ने उसे गर्भपात की दवा लाकर दी, ताकि उसका गर्भ समाप्त हो सके। जिसे उसने 3 मार्च, 2021 को खा लिया, लेकिन इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। 8 मार्च, 2021 को उसके माता-पिता उसे एमवाय अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टर ने उन्हें बताया कि गर्भपात के कारण उसकी तबीयत खराब हो गई है। जब उसके माता-पिता ने इस बारे में उससे पूछताछ की, तो उसने पूरी कहानी बताई।'
पीड़िता के बयान के आधार पर आजाद नगर थाने में आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376(2)(एन), 313 और पॉक्सो एक्ट की धारा 3/4 और 5(एल)/6 के तहत मामला दर्ज किया गया है। डीपीओ ने बताया कि जांच के दौरान आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 450 और पॉक्सो एक्ट की धारा 5(जे)(ii)/6 के साथ ही अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(1)(डब्ल्यू)(आई) और 3(2)(वी) भी जोड़ी गई। पूरी जांच के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 4,000 रुपए का जुर्माना लगाया।
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