
अफसोस वो आंखों के सामने नहीं मरी... पत्नी की हत्या करने के बाद बोला सनकी पति; पुलिस भी हैरान
संक्षेप: ग्वालियर में एक दिल दहला देने वाली घटना में, पति अरविंद परिहार ने अपनी पत्नी नंदिनी केवल की गोली मारकर हत्या कर दी। पति ने पुलिस पूछताछ में कहा कि उसे रोज के झगड़ों से आजादी मिल गई है।
ग्वालियर के रूप सिंह क्रिकेट स्टेडियम के बाहर 12 सितंबर को एक दिल दहलाने वाली घटना ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया। अरविंद परिहार नाम के शख्स ने अपनी पत्नी नंदिनी केवल को सरेआम गोली मार दी। लेकिन हैरानी की बात ये है कि हत्या के बाद अरविंद के चेहरे पर न तो कोई डर था, न ही कोई अफसोस। पुलिस की पूछताछ में उसने बेशर्मी से कहा, 'अब रोज के झगड़ों से आजादी मिल गई।'

एक फेसबुक पोस्ट ने भड़काई आग
पुलिस के मुताबिक, इस खौफनाक वारदात की जड़ में एक फेसबुक पोस्ट थी। नंदिनी ने चार दिन पहले अपने कथित बॉयफ्रेंड अंकुश पाठक के जन्मदिन पर एक वीडियो शेयर किया था। इस वीडियो को देखकर अरविंद का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उसने पुलिस को बताया कि नंदिनी उसका पैसा और गाड़ियां इस्तेमाल करती थी और दूसरों के साथ रिश्ते रखती थी। इस जलन और गुस्से ने उसे इतना उकसाया कि उसने हत्या की साजिश रच डाली।
वारदात का खौफनाक मंजर
12 सितंबर को नंदिनी अपने बॉयफ्रेंड अंकुश के साथ ग्वालियर के एसपी ऑफिस गई थी, जहां उसने अपने पति अरविंद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। वापस लौटते वक्त स्टेडियम के पास अरविंद ने उनका रास्ता रोका और अपनी .315 बोर पिस्तौल से पांच गोलियां दाग दीं। चार गोलियां नंदिनी को लगीं। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हैरत की बात ये कि नंदिनी के घायल होने के बाद भी अरविंद ने फेसबुक लाइव किया, पिस्तौल लहराते हुए अपनी पत्नी पर झूठे केस दर्ज करने का इल्जाम लगाया।
प्यार, शादी और धोखे की कहानी
अरविंद और नंदिनी की मुलाकात 2022 में एक ब्यूटी पार्लर में हुई थी। दोनों ने सोशल मीडिया पर एक-दूसरे से बात शुरू की और 2023 में शादी कर ली। लेकिन इस शादी में दोनों का अतीत पहले से ही भारी था। नंदिनी तलाकशुदा थी, जबकि अरविंद पहले से शादीशुदा था और उसके दो बच्चे भी थे। शादी के बाद जल्द ही रिश्ता बिगड़ने लगा। दोनों एक-दूसरे पर बेवफाई का इल्ज़ाम लगाने लगे और सोशल मीडिया पर खुलेआम गालियां देने तक नौबत पहुंच गई।
पुलिस के अनुसार, अरविंद पिचोर के पुत्थी गांव का रहने वाला है और उसका परिवार खेती-किसानी करता है। उनके पास 60 बीघा ज़मीन है। अरविंद के दो भाई और एक पत्नी व बच्चे दबरा में अपने माता-पिता के साथ रहते हैं। अरविंद ने एक बार जिला पंचायत का चुनाव लड़ने की कोशिश की थी, लेकिन बाद में उसने नाम वापस ले लिया। हत्या के बाद उसकी पहली पत्नी ने इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार का विवाद
नंदिनी का पोस्टमॉर्टम 13 सितंबर को किया गया। उसके पिता बृजमोहन केवल ने पहले शव लेने से मना कर दिया और कहा कि नंदिनी के ससुराल वाले इसे लें। लेकिन अरविंद के परिवार ने भी शव लेने से इनकार कर दिया। नंदिनी के दोस्त अंकुश ने शव लेने की पेशकश की, लेकिन पुलिस ने नियमों का हवाला देकर मना कर दिया। आखिरकार, पुलिस के समझाने के बाद बृजमोहन ने शव को स्वीकार किया।
पुलिस ने बताया कि अरविंद को 15 सितंबर तक रिमांड पर रखा गया है। उसकी क्रिमिनल बैकग्राउंड की जांच की जा रही है। पूछताछ के दौरान अरविंद ने न केवल अपनी हरकत पर गर्व जताया, बल्कि ये भी कहा कि उसे सिर्फ इस बात का अफसोस है कि नंदिनी उसकी आंखों के सामने नहीं मरी। पुलिस का कहना है कि वह इस मामले की हर कड़ी को जोड़ रही है ताकि सच पूरी तरह सामने आ सके।





