Hindi Newsमध्य प्रदेश न्यूज़Dhirendra Shastri said Those who cannot say Vande Mataram should leave the country

स्वतंत्रता दिवस पर धीरेंद्र शास्त्री ने फहराया झंडा; बोले- जिन्हें वंदे मातरम से दिक्कत, उन्हें देश छोड़ देना चाहिए

  • धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि देश और राष्ट्र सबसे पहले है। भारत बहुत प्यारा है, यहां होंठों पर गंगा और हाथों में तिरंगा है। जो देश के लिए नहीं जीता वो किसी के लिए नहीं जी सकता, राष्ट्र के लिए जीना बहुत जरूरी है।

Sourabh Jain लाइव हिन्दुस्तानThu, 15 Aug 2024 05:43 PM
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मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उसी स्कूल में मुख्य अतिथि बनकर पहुंचे, जहां उन्होंने कक्षा 9 से 12वीं तक की पढ़ाई की थी। इस दौरान उन्होंने ना केवल झंडा फहराया, बल्कि अपने पुराने दिनों को भी याद किया। साथ ही यहां उन्होंने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि हर व्यक्ति के लिए देश और राष्ट्र सबसे पहले होना चाहिए और जो लोग वंदे मातरम् नहीं बोल सकते उन्हे देश छोड़ देना चाहिए।

चीफ गेस्ट बनकर पहुंचे तो खिल उठा चेहरा

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बचपन में गंज गांव के एक सरकारी स्कूल में पढ़ते थे। इस स्वतंत्रता दिवस पर उन्हें उसी स्कूल में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। यहां पहुंचने पर स्कूल के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने उनका जोरदार स्वागत किया।

यहां झंडावंदन के बाद बच्चों को संबोधित करते हुए शास्त्री ने कहा कि ‘आप जिस स्कूल में पढ़े हों, वहीं आपको मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया जाए, तो यह बात किसी सपने के पूरे होने जैसी है।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे गर्व है कि मैं जिस स्कूल में पढ़ता था मुझे वहीं पर बतौर अतिथि बुलाया गया।’ शास्त्री ने कहा आपकी सोच अच्छी और सच्ची होनी चाहिए, आपको राष्ट्र के लिए सोचना चाहिए यही महत्वपूर्ण है।

शास्त्री बोले- छोटी जगह से पढ़कर भी बड़ा कर सकते हो 

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने आगे कहा कि ‘यह महत्वपूर्ण नहीं है कि आप कितनी छोटी जगह और किस स्कूल में पढ़ते हैं, बल्कि महत्वपूर्ण बात यह है कि आप विचार कैसा रखते हो, और करते क्या हो। भले ही आप छोटी जगह पर पढ़ो लेकिन आप देश के लिए बड़ा कर सकते हो।’

स्कूल पहुंचकर शास्त्री ने उन दिनों को भी याद किया जब वह गढ़ा गांव से पैदल चलकर गंज के स्कूल में पढ़ने के लिए आया करते थे। उन्होंने कहा, हम भी आप ही की तरह बूंदी के लड्डू के लिए लाइन में लगा करते थे। उन्होंने कहा कि सालों बाद स्कूल में आकर पुरानी यादें ताजा हो गईं। उन्होंने बताया कि यहां एक खान सर हैं जो आज भी स्कूल में बच्चों को पढ़ाते हैं, उन्होंने बचपन में हमारा खूब ख्याल रखा और बहुत मन से पढ़ाया। 

नहीं बोल सकते वंदे मातरम् तो देश छोड़कर चले जाएं

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि देश और राष्ट्र सबसे पहले है। भारत बहुत प्यारा है, यहां होंठों पर गंगा और हाथों में तिरंगा है। जो देश के लिए नहीं जीता वो किसी के लिए नहीं जी सकता, राष्ट्र के लिए जीना बहुत जरूरी है। हर घर तिरंगा अभियान बहुत अच्छा है, राष्ट्र के प्रति प्यार होना बहुत अच्छा है। कई लोगों को तो वंदे मातरम बोलने से भी समस्या है, उन लोगों से कहेंगे कि उन्हें देश छोड़कर चले जाना चाहिए।'

रिपोर्ट- जयप्रकाश/छतरपुर/एमपी

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