जीत के जश्न में मुंडन और परेड; चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर MP में क्या है नया बवाल
चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की जीत के बाद जश्न को लेकर मध्य प्रदेश में एक और नया बवाल खड़ा हो गया है। इंदौर में हिंसा भड़क उठी तो दूसरी तरफ देवास में जश्न मनाने वालों पर सख्ती की वजह से पुलिस घिर गई है।

चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की जीत के बाद जश्न को लेकर मध्य प्रदेश में एक और नया बवाल खड़ा हो गया है। इंदौर में हिंसा भड़क उठी तो दूसरी तरफ देवास में जश्न मनाने वालों पर सख्ती की वजह से पुलिस घिर गई है। आरोप है कि भारत की जीत को लेकर जश्न मनाते हुए ज्यादा जोश में आ गए कुछ युवकों का पुलिस ने सिर मुंडवा दिया और परेड निकाल दी। देवास की भाजपा विधायक गायत्री राजे पवार ने मंगलवार को विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए नाराजगी जाहिर करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ ऐक्शन की मांग की है।
भाजपा विधायक ने कहा कि उन्होंने एसपी देवास से बात की है और जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिन युवकों को हिरासत में लिया गया उनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है। एएनआई से बात करते हुए विधायक ने कहा, 'मैंने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया और एसपी से बात की है कि सभी जीत का जश्न मना रहे थे। जिनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है उनमें से किसी की आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है। मुझे लगता है कि उनके साथ कुछ ज्यादा हो गया है। मैंने उन्हें तुरंत रिहा करने की मांग की है और जल्द ऐसा हो जाएगा।'
विधायक ने कहा, 'मैं मानती हूं कि पुलिस को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐक्शन लेना होता है, लेकिन यह कुछ ज्यादा हो गया। इसलिए मैंने इसका विरोध किया है। एक जांच का आदेश दिया गया है कि कौन से अधिकारी थे जिन्होंने युवकों, दुकानदारों और जनता को पीटा। एडिशनल एसपी इसकी जांच करेंगे। देवास एसपी ने भरोसा दिया है कि रिपोर्ट में जो भी दोषी पाया जाएगा उनके खिलाफ ऐक्शन लिया जाएगा। मैंने दोषियों खिलाफ सख्त ऐक्शन की मांग की है।' उन्होंने कहा कि सिर मुंडवाकर परेड निकालने की कोई आवश्यकता नहीं थी।
गौरतलब है कि रविवार को दुबई में भारत ने न्यूजीलैंड को हराकर चैंपियंस ट्रॉफी जीती तो देशभर की तरह देवास में भी लोगों ने जश्न मनाते हुए जुलूस निकाला। यहां कुछ अधिक जोश दिखा रहे कुछ युवकों को पुलिस ने पकड़ लिया और सिर मुंडवाकर उनकी परेड निकाल दी। देवास के एसपी पुनीत गहलोत ने कहा, '9 मार्च को चैंपियंस ट्रॉफी में जीत के बाद कुछ लोगों ने हंगामा किया। पुलिस के साथ कुछ बदसलूकी भी की गई। बाद में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें पुलिस बल प्रयोग करते दिखी। मेरी आज विधायक से चर्चा हुई है। विस्तृत जांच का आदेश दिया गया है। 7 दिन में इसकी जांच पूरी कर ली जाएगी। स्थानीय व्यापारियों ने भी जांच की मांग की है, जिसमें कुछ दुकानदारों को पीटा गया है।'
अधिकारी ने बताया कि मामले में शामिल रहे पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया गया है और जांच का आदेश दिया गया है। सात दिन में सबकुछ साफ हो जाएगा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अधिकारी ने कहा, 'दुकानदारों को पीटने वाले एक वीडियो के आधार पर एक पुलिसकर्मी को लाइन अटैच किया गया है। इस पूरे मामले की जांच एडिशनल एसपी को दी गई है।' उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ परिवारों से आवेदन मिले हैं कि वे पूरे मामले में कहीं शामिल नहीं थे। अभी तक जो ऐक्शन लिया गया है वह फुटेज पर आधारित है। एफआईआर दर्ज कर ली गई है, लेकिन चार्जशीट तैयार नहीं है। यदि उनकी भूमिका नहीं पाई गई तो उस हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एसपी से जब युवाओं के सिर मुंडवाने और परेड निकालने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, 'हमने पूरे मामले की जांच एएसपी को दी है और निष्पक्ष जांच की जाएगी। यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अभी कोतवाली थाने में दर्ज एफआईआर में कुल 10 आरोपी हैं।'
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