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साहब! मैं अभी मरा नहीं, खुद को जिंदा साबित करने के लिए भटक रहा बुजुर्ग; MP में हैरान करने वाला मामला

मध्य प्रदेश में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। एक बुजुर्ग खुद को जिंदा साबित करने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहा है। बुजुर्ग का न सिर्फ डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया, बल्कि अंत्येष्टि के लिए मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना के तहत राशि भी जारी कर दिए गए।

Subodh Kumar Mishra लाइव हिन्दुस्तान, रीवाWed, 16 April 2025 04:30 PM
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साहब! मैं अभी मरा नहीं, खुद को जिंदा साबित करने के लिए भटक रहा बुजुर्ग; MP में हैरान करने वाला मामला

मध्य प्रदेश में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। एक बुजुर्ग खुद को जिंदा साबित करने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहा है। बुजुर्ग का न सिर्फ डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया, बल्कि अंत्येष्टि के लिए मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना के तहत राशि भी जारी कर दिए गए।

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में कागजों में मृत एक बुजुर्ग आदमी खुद को जिंदा साबित करने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है। बुजुर्ग व्यक्ति का बाकायदा मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया। हद तो तब हो गई जब कागजों में मृत शख्स की अंत्येष्टि के लिए मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना के तहत राशि भी जारी कर दिए गए। इसकी जानकारी बुजुर्ग को तब हुई जब वे अपनी जमीन का केवाईसी कराने पहुंचे। अब कागजों में मृत घोषित किए गए 61 साल के काशी प्रसाद खुद को जिंदा बताते हुए अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं।

रीवा जिले के भमकी गांव से अपनी मौत का प्रमाण पत्र लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय आए काशी प्रसाद मुड़हा ने कहा, साहब मैं जिंदा हूं...। उनकी बात सुनकर अधिकारी भी सकते में आ गए और हैरान रह गए की कागजों में मृत व्यक्ति उनके सामने खड़ा है। उन्होंने कहा कि गांव के सरपंच और सचिव ने 2018 में मुझे कागजों में मृत घोषित कर दिया। जब जमीन का ई-केवाईसी कराने गया तब पता चला कि मुझे तो मार दिया गया है।

बताया गया कि इसके लिए बकायदा सरपंच और सचिव को अंत्येष्टि में दी जाने वाली सहायता राशि भी दी गई थी। 1 अगस्त 2018 को उन्हें मृत घोषित किया गया और 14 अगस्त 2018 को अधिकारी द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। उन्होंने बताया कि मेरे साथ ऐसा कुछ हुआ है, 6 साल तक मुझे पता ही नहीं चला। अधिकारियों से शिकायत की गई तो जनसुनवाई में मौजूद अधिकारियों ने उन्हें थाने में जाकर शिकायत करने की सलाह दी।

उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि सरपंच और सचिव ने जिंदा होते हुए भी मुझे कागजों में क्यों मृत घोषित कर दिया। जीवित व्यक्ति काशी प्रसाद का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने के बाद धीरे धीरे शासन की सभी योजनाओं से नाम कटने लगा। अब वो अपने जिंदा होने का सबूत दिखाते हुए अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं।

रिपोर्टः सादाब सिद्दीकी

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