लोकसभा रिजल्ट 2019: बंगाल की बारासात सीट पर टीएमसी की काकोली घोष दस्तीदार जीती
पश्चिम बंगाल की बारासात लोक सभा सीट पर टीएमसी की काकोली घोष दस्तीदार चुनाव जीत गई। कोलकाता से सटी हुई बारासात लोकसभा सीट अपने ऐतिहासिक भौगोलिक स्थिति के कारण भी प्रसिद्ध है। संसदीय राजनीति...
पश्चिम बंगाल की बारासात लोक सभा सीट पर टीएमसी की काकोली घोष दस्तीदार चुनाव जीत गई।
कोलकाता से सटी हुई बारासात लोकसभा सीट अपने ऐतिहासिक भौगोलिक स्थिति के कारण भी प्रसिद्ध है। संसदीय राजनीति में यह सीट ज्यादातर समय वामपंथी दलों के पास रही है जहां मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और फारवर्ड ब्लॉक के प्रतिनिधि संसद पहुंचते रहे हैं। बारासात लोकसभा सीट पर 2009 से ही तृणमूल का कब्जा है। इसके अलावा 1998 व 199 में भी तृणमूल को जीत मिली थी, लेकिन 2004 में वाममोर्चा समर्थित फाब्ला प्रत्याशी को जीत मिली थी।
1952 में जब देश में पहला आम चुनाव हुए तो बारासात लोकसभा सीट को शांतिपुर लोकसभा सीट के नाम से जाना जाता था। उस समय कांग्रेस के प्रत्याशी अरुण चंद्र गुहा चुनाव जीते और लोकसभा पहुंचे। अरुण चंद्र गुहा कांग्रेस के ही टिकट पर 1962 में भी दोबारा चुनाव जीते। माकपा के रणेंद्रनाथ सेन 1967 और 1971 के चुनावों में जीते। 1977 और 1980 के लोकसभा चुनावों में फारवर्ड ब्लॉक के चिट्टा बसु सांसद चुने गए।
1984 में कांग्रेस ने फिर वापसी की और तरुण कांति बोस सांसद चुने गए, लेकिन इसके बाद हुए लगातार तीन लोकसभा चुनावों में फारवर्ड ब्लॉक जीतती रही। 1998 के चुनावों में बारासात संसदीय सीट की तस्वीर बदल गई और तृणमूल कांग्रेस ने पहली बार यहां खाता खोला। तृणमूल कांग्रेस के डॉ. रंजीत कुमार पंजा ने 1998 और 1999 के चुनावों में लगातार जीत हासिल की। 2004 के आम चुनावों में फारवर्ड ब्लॉक के सुब्रत बोस चुनाव जीते। 2009 और 2014 के चुनावों में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर तृणमूल कांग्रेस की डॉ. काकोली घोष दास्तिदार चुनाव जीतीं।
2014 लोकसभा चुनाव में बारासात सीट के आंकड़े
2014 के जीते सांसद- दस्तीदार काकोली घोष, तृणमूल कांग्रेस
जीत का अंतर- 1,73,141 वोट
दूसरे स्थान पर- मुर्तजा हुसैन, AIFB
2014 में कुल मतदाता- 15,12,792
पुरुष वोटरों की संख्या- 7,74,305
महिला वोटरों की संख्या- 7,38,463