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लोकसभा चुनाव: बंगाल में कांग्रेस-वाम गठबंधन नहीं होने से तृणमूल की उम्मीदें बढ़ी

Lok Sabha Elections 2019: पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वामदलों के गठबंधन की संभावना खत्म हो चुकी है। पश्चिम बंगाल कांग्रेस ने न सिर्फ सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है बल्कि वाम...

लोकसभा चुनाव: बंगाल में कांग्रेस-वाम गठबंधन नहीं होने से तृणमूल की उम्मीदें बढ़ी
मदन जैड़ा,नई दिल्ली, Thu, 21 Mar 2019 08:23 AM
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Lok Sabha Elections 2019: पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वामदलों के गठबंधन की संभावना खत्म हो चुकी है। पश्चिम बंगाल कांग्रेस ने न सिर्फ सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है बल्कि वाम मोर्चे द्वारा छोड़ी गई चार सीटों को भी ठुकरा दिया है। कांग्रेस और वाम के अलग-अलग लड़ने से सबसे ज्यादा फायदा तृणमूल कांग्रेस को होने की उम्मीद है, क्योंकि ज्यादातर सीटों पर मुकाबला चौकोणीय होने के आसार पैदा हो गए हैं। ऐसे में तृणमूल की राह आसान है। तृणमूल को उम्मीद है कि वह पिछली जीत को दोहरा सकती है। जबकि कांग्रेस-वाम गठबंधन होने की स्थिति में त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना ज्यादा थी। जिसका बड़ा फायदा कांग्रेस को मिल सकता था।

पश्चिम बंगाल में चार प्रमुख दलों की स्थिति को समझने से पूर्व पिछले लोकसभा चुनाव में उन्हें मिले मत प्रतिशत को समझना होगा। तृणमूल को 39.05, वामदलों को 29.71, भाजपा को 16.80 तथा कांग्रेस को 9.58 फीसदी वोट मिले थे। इससे पिछले चुनाव की तुलना करें तो तृणमूल एवं भाजपा का मत प्रतिशत बढ़ा है और वामदलों तथा कांग्रेस का घटा है। इस बार राज्य में जो स्थितियां बन रही हैं, उसमें भाजपा का मत प्रतिशत बढ़ने की संभावना है। कारण भाजपा की सक्रियता वहां बड़ी है। संघ भी सक्रिय हुआ है। जबकि कांग्रेस यह मानकर चल रही है कि तीन राज्यों में जीत के बाद देश में उसकी स्थिति बेहतर हुई है। वामपंथी दलों की स्थिति में कोई अपेक्षित सुधार नहीं है लेकिन लोकसभा के बाद पिछला विधानसभा चुनाव भी हारे हैं। कैडर को खड़ा करने की कोशिश हुई है। लेकिन बहुत ज्यादा सफल नहीं हुए हैं। इसलिए उनके मत प्रतिशत में ज्यादा कमी या बढ़ोत्तरी के आसार नहीं हैं।

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दूसरी तरफ भाजपा और कांग्रेस का मत प्रतिशत यदि बढ़ता है तो सबसे ज्यादा नुकसान तृणमूल और थोड़ा कांग्रेस को होगा। लेकिन तृणमूल के करीब 39-40 फीसदी मत हैं। जबकि विधानसभा चुनाव में यह प्रतिशत और भी बढ़ गया था। यदि उसमें पांच-छह फीसदी सेंध यदि अन्य दल लगा भी लेते हैं तो ज्यादातर सीटों पर चौकोणीय संघर्ष में तृणमूल का मत प्रतिशत अभी भी ज्यादा रहने की संभावना है। इसलिए यह माना जा रहा है कि मुख्य मुकाबला तृणमूल और वाम मोर्चे के बीच होगा।

यह भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि यदि मुस्लिमों के मत एकजुट होकर तृणमूल को मिलते हैं तो उसके मत प्रतिशत में ज्यादा बदलाव नहीं आएगा। जबकि अभी तक वह वामदलों एवं कांग्रेस में बंटते रहे हैं। लेकिन भाजपा के बढ़ते प्रभाव के चलते मुस्लिम वोटर तृणमूल के लिए एकजुट होकर वोट कर सकते हैं।

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पश्चिम बंगाल चुनाव
2014
तृणमूल-34
कांग्रेस-04
वाम-02
भाजपा-02

2009
तृणमूल-19
कांग्रेस-06
वाम-15
भाजपा-01

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