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सांसद निधि पड़ताल: शाहजहांपुर में सोलर और हाईमास्ट लाइट पर सांसद ने ज्यादा किया खर्च

लोकसभा चुनाव आने को हैं। सांसद के कामकाज के आधार पर ही जनता उन्हें वोट करेगी। अब तक सांसद कृष्णाराज ने करीब 22 करोड़ रुपये जनहित में खर्च किए हैं, जिसमें सड़क, बिजली, स्कूलों के विकास, पानी सप्लाई,...

सांसद निधि पड़ताल: शाहजहांपुर में सोलर और हाईमास्ट लाइट पर सांसद ने ज्यादा किया खर्च
हिन्दुस्तान संवाद,शाहजहांपुरFri, 08 Feb 2019 10:46 PM
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लोकसभा चुनाव आने को हैं। सांसद के कामकाज के आधार पर ही जनता उन्हें वोट करेगी। अब तक सांसद कृष्णाराज ने करीब 22 करोड़ रुपये जनहित में खर्च किए हैं, जिसमें सड़क, बिजली, स्कूलों के विकास, पानी सप्लाई, सोलर लाइट, हाईमास्ट पर 22 करोड़ रुपया प्रस्ताव बनवा कर खर्च किया गया है। अभी करीब ढाई करोड़ रुपए की एक अंतिम किश्त आनी बाकी रह गई है। अब 22.50 करोड़ की सांसद निधि से सोलर और हाईमास्ट लाइट पर ज्यादा खर्च किया गया है।

पहले सांसद फिर कृष्णाराज केंद्र सरकार में मंत्री भी बनीं। दो विभागों का काम देखा। कृष्णाराज को केंद्र सरकार ने दलित चेहरे के तौर पर स्थापित किया। एक साधारण गृहणी से मंत्री पद तक सफर पूरा करने वालीं कृष्णाराज ने सांसद और मंत्री बनने के बाद शाहजहांपुर के लिए क्या-क्या किया, यह सवाल हर किसी के मन में हैं। कृष्णाराज ने अब तक जिले के विकास में अपनी सांसद निधि में आए करीब 22 करोड़ रुपये कहां लगाए। वहाम तो तमाम गिनाती हैं। पुवायां से बंडा तक रोड निर्माण, निगोही से खुदागंज का 18 किमी रोड, निगोही खुदागंज वाया खेड़ा संडा नकटिया रोड समेत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत करीब 50 सड़कों का निर्माण सांसद ने करवाया है। 

इसी तरह से उनका कहना है कि मिर्जापुर-जलालाबाद क्षेत्र में रामगंगा नदी किनारे बसे गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए बंधा निर्माण भी उनके प्रयास से हो सका है। यात्रियों की सुविधा के लिए टीनशेड व एफओवी शेड का निर्माण कराया है। सांसद बताती हैं कि चयनित गांवों में पेयजल आपूर्ति पर भी निधि का बड़ा हिस्सा खर्च किया गया है। उन्होंने बताया कि गांवों में सोलर लाइट पर ज्यादा फोकस किया गया है। सार्वजनिक स्थानों पर लाइटों को लगवाने की वरीयता दी गई। उन्होंने बताया कि अभी सांसद निधि की बकाया राशि से काफी काम होना है।

शिक्षा
गोद लिए गए नवादा दरोबस्त गांव में एक महाविद्यालय, एक हाईस्कूल का उच्चीकरण कराया गया है। कटरा में इंटर कालेज स्वीकृत कराया है। सीआरएस फंड से स्कूलों में सुविधाएं दिलाई गई हैं।

स्वास्थ्य
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की स्थापना कराई गई, जहां पर सस्ती दवाएं मिलती हैं। इसी के साथ ही मेडिकल कालेज भी केंद्र सरकार की बदौलत ही शाहजहांपुर को मिल सका। खुटार में सीएचसी बनी। नवादा को पीएचसी के साथी सीएचसी का प्रस्ताव पास है।

रेल
रोजा में रिजर्वेशन काउंटर और यात्री प्रतीक्षालय, शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन पर दिव्यांगों के लिए विशेष शौचालय, ब्रेस्ट फीडिंग केबिन, द्वितीय प्रवेश द्वार का निर्माण, शाहजहांपुर, रोजा, कटरा, तिलहर स्टेशनों का सौंदर्यीकरण, पड़रा सिकंदरपुर में अंडर पास बनवाया।

पांच बड़ी उपलब्धियां
मेक इन इंडिया के तहत रोजा में लोको शेड की स्थापना, जहां रेल के डीजल इंजन की मरम्मत होती है। इससे करीब 300 लोगों को रोजगार मिला।
जलालाबाद में भगवान परशुराम मंदिर और रेणुका झील के जीर्णोद्धार के लिए 2.72 करोड़ रुपए स्वदेश दर्शन योजना से सांसद ने दिलवाए।
शाहजहांपुर में पशुपालकों, दुग्ध उत्पादकों के लिए यूपी में पहले, भारत में चौथे महिला दुग्ध संघ की स्थापना कराने में सांसद ने सफलता पाई है।
शाहजहांपुर के खुटार ब्लाक के सिमरा वीरान में राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत गोकुल ग्राम की स्थापना सांसद कृष्णाराज ने कराने की बात बताई।
शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन पर स्वाचलित सीढ़ियों को लगाया जाना सुनिश्चित कराया है, यह काम नौ फरवरी से शाहजहांपुर स्टेशन पर शुरू हो रहा है।

विरोधी कामकाज से खुश नहीं
सांसद कृष्णाराज से लोग काफी नाराज हैं। जिन कामों को वह गिना रही हैं, उसमें तो 90 प्रतिशत तो केंद्र की योजनाओं के तहत काम हुआ है। दो मंत्रालयों में मंत्री रहने के बाद भी वह शाहजहांपुर के लिए अतिरिक्त कुछ नहीं करा सकीं। वह जनता की नजरों में सफल सांसद नहीं हैं।
- तनवीर खां, सपा जिलाध्यक्ष
 
कृषि मंत्रालय की मंत्री रहने के बाद भी कृष्णाराज ने कृषि प्रधान शाहजहांपुर के किसानों के लिए कुछ भी खास नहीं कर पाईं। कटरी में सिंचाई योजना अब तक धरातल पर सांसद कृष्णाराज नहीं ला सकीं। उनके पास बहुत अच्छे मौके थे, लेकिन अनुभव की कमी के कारण वह फेल हो गईं।
- कौशल मिश्रा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष

जनता के जवाब
सांसद चुने जाने के बाद कृष्णाराज ने जनता की ओर से तो आंखें की फेर लीं। बहुत उम्मीद थी कि वह जीतने के बाद भी जनता की सुनवाई करती रहेंगी, लेकिन वह अपने कार्यकाल में अधिकतर बाहर ही रहीं। अब फिर से चुनाव आ रहा है तो हो सकता है, उनका गांव देहात में आना जाना शुरू हो जाए। उन्होंने कोई बड़ी योजना शाहजहांपुर को नहीं दिलाई।
- रघुवीर प्रसाद, पुवायां

सांसद की टीम बहुत कमजोर रही। मंत्री पद होने के कारण उन पर पार्टी ने और भी जिम्मेदारियां डालीं, लेकिन उनके बाद जिले में उनके प्रतिनिधियों को तो जनता से संपर्क बनाए रखने की जरूरत थी। उनके गोद लिए गांवों में तो विकास की चिंता रखनी थी। पर सांसद के आने पर ही उनके प्रतिनिधियों के भी दर्शन होते हैं। इस कारण उनके कराए काम भी सामने नहीं आते हैं।
- अमित राजपूत, ददरौल
 
सांसद का इंटरव्यू
पांच सालों में सांसद निधि का बराबर से बिना किसी भेदभाव के साथ विकास कार्यों में इस्तेमाल किया गया है। सांसद निधि के अलावा भी केंद्र सरकार से विभिन्न योजनाओ

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