फोटो गैलरी

Hindi News लोकसभा चुनावVIP Seat Bhopal : प्रज्ञा-दिग्विजय के उतरने से सियासी पारा चरम पर

VIP Seat Bhopal : प्रज्ञा-दिग्विजय के उतरने से सियासी पारा चरम पर

देश का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में इस बार सियासी पारा चरम पर है। लोकसभा चुनाव में जहां कांग्रेस ने भोपाल से जीत का सूखा खत्म करने के लिए दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह पर दांव लगाया...

VIP Seat Bhopal : प्रज्ञा-दिग्विजय के उतरने से सियासी पारा चरम पर
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली,Mon, 29 Apr 2019 04:11 PM
ऐप पर पढ़ें

देश का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में इस बार सियासी पारा चरम पर है। लोकसभा चुनाव में जहां कांग्रेस ने भोपाल से जीत का सूखा खत्म करने के लिए दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह पर दांव लगाया है। वहीं भाजपा ने अपने इस किले को बचाने के लिए भगवा चेहरे साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को मैदान में उतारा है।

कट्टर हिंदू छवि वाली साध्वी प्रज्ञा ठाकुर वर्ष 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी रह चुकी हैं। इसके साथ ही प्रज्ञा को दिग्विजय सिंह का धुर विरोधी माना जाता है। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के मैदान में उतरने से भोपाल में चुनावी जंग नरम हिंदुत्व बनाम कट्टरपंथी हिंदुत्व की हो गई है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा नेता आलोक संजर ने जीत हासिल की थी, लेकिन पार्टी ने इस बार उनका टिकट काट दिया है। माना जा रहा है प्रज्ञा ठाकुर के मैदान में उतरने से भाजपा को सिर्फ भोपाल सीट पर ही नहीं, बल्कि आस-पास की कई सीटों पर फायदा मिलने की उम्मीद है। प्रज्ञा ठाकुर ने आते ही दिग्विजय सिंह पर आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं। वह पहले भी उन्हें निशाने पर लेती रही हैं। उम्मीदवारी घोषित होने के बाद से प्रज्ञा ठाकुर ने कई साक्षात्कार दिए हैं जिसमें उन्होंने हिंदु आतंकवाद के तमगे को नकारा है।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी प्रज्ञा की उपस्थिति से सियासी माहौल में आने वाले बदलाव को पहले ही भांप गए थे, यही कारण है कि उन्होंने प्रज्ञा का स्वागत करते हुए एक वीडियो संदेश जारी किया था। सिंह स्वयं जहां खुलकर प्रज्ञा पर हमला करने से बच रहे हैं, वहीं कार्यकर्ताओं को भी इसी तरह की हिदायतें दे रहे हैं। सिंह को यह अहसास है कि मालेगांव बम धमाके और प्रज्ञा पर सीधे तौर पर कोई हमला होता है तो चुनावी दिशा बदल सकती है। दिग्विजय भोपाल के विकास का रोड मैप और अपने कार्यकाल में किए गए कामों का ब्योरा दे रहे हैं।

भोपाल के चुनाव में ध्रुवीकरण की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। कांग्रेस की हर संभव कोशिश होगी कि ध्रुवीकरण को किसी तरह रोका जाए, दिग्विजय सिंह स्वयं धार्मिक स्थलों पर जाकर अपनी छवि बनाने में लगे हैं तो दूसरी तरफ भाजपा दिग्विजय सिंह को मुस्लिम परस्त और हिंदू विरोधी बताने में लग गई है। वहीं प्रज्ञा को कांग्रेस द्वारा सताई गई हिंदू महिला के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है।

'कांग्रेस पर हिंदू विरोधी होने का आरोप'
उम्मीदवारी घोषित होने के बाद प्रज्ञा मतदाताओं को भावनात्मक तौर पर लुभाने में जुट गई है। उन्होंने कांग्रेस पर हिंदू विरोधी होने का आरोप तो लगाया ही साथ में हिंदू आतंकवाद और भगवा आतंकवाद का जिक्र छेड़ा और मालेगांव बम विस्फोट का आरोपी बनाए जाने के बाद पुलिस की प्रताड़ना का ब्योरा देना शुरू कर दिया। वे लोगों के बीच भावुक भी हो रही हैं। साध्वी प्रज्ञा ने पत्रकारों से बात करते हुए दिग्विजय सिंह को देश का दुश्मन बताया। उन्होंने कहा कि मैं देश के दुश्मनों के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार हूं। साध्वी प्रज्ञा मध्यप्रदेश के भिंड की रहने वाली हैं।

लगातार चार बार जीतें हैं सुशील चंद्र वर्मा
भोपाली सीट के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो 1989 से 99 के बीच हुए चार चुनावों में भाजपा के सुशील चंद्र वर्मा ने जीत हासिल की थी। 1999 में यहां से भाजपा की दिग्गज नेता उमा भारती जीती थीं। 2004 और 2009 में भाजपा के कैलाश जोशी ने जीत हासिल की थी। 2014 में आलोक संजर जीते थे। ऐसे में इस सीट पर कांग्रेसी दिग्गज दिग्विजय के लिए सिर्फ प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ चुनाव लड़ना ही चुनौती नहीं है, उन्हें आंकड़ों से भी लड़ाई लड़नी होगी जो उनकी तरफ अभी नहीं दिखाई दे रहे हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें