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नोटा से भी हार गए पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महासचिव

इस बार के चुनाव मे जो परिणाम आए हैं उनमें कुछ आंकड़े ऐसे हैं जो चौकाने वाले हैं। जी हां गोरखपुर और बस्ती लोकसभा क्षेत्र से दो पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महासचिव जीते हुए प्रत्याशी से छोड़िए नोटा...

नोटा से भी हार गए पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महासचिव
वरिष्ठ संवाददाता,गोरखपुरMon, 27 May 2019 03:56 PM
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इस बार के चुनाव मे जो परिणाम आए हैं उनमें कुछ आंकड़े ऐसे हैं जो चौकाने वाले हैं। जी हां गोरखपुर और बस्ती लोकसभा क्षेत्र से दो पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महासचिव जीते हुए प्रत्याशी से छोड़िए नोटा से भी हार गए। 

यकीन करना थोड़ा मुश्किल लेकिन सच है। गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से शान-ए-हिन्द पार्टी से उम्मीदवार अवधेश कुमार सिंह काफी कोशिशों के बाद भी महज 1305 वोट जुटा पाने में सफल रहे जबकि यहां नोटा को 7647 वोट मिले। वहीं बस्ती लोकसभा क्षेत्र से जनहित किसान पार्टी के महासचिव राम प्रसाद चौधरी भी नोटा से मात खा गए। यहां राम प्रसाद चौधरी को जहां 3734 वोट मिले वहीं नोटा को 10298 वोट मिले। 

49 पार्टियों के प्रत्याशियों को भी नोटा ने दी शिकस्त
गोरखपुर-बस्ती के सभी 9 लोकसभा सीटों पर 48 पार्टियों के प्रत्याशियों को भी नोटा ने जबरदस्त शिकस्त दी है। इन पार्टियों के प्रत्याशियों को जो वोट मिले हैं वह नोटा से कम हैं। इसमें गोरखपुर से चार, देवरिया से सात, सलेमपुर से नौ, कुशीनगर से आठ, महराजगंज से पांच, संतकबीरनगर से दो, बस्ती से पांच, बांसगांव से एक और डुमरियागंज में सात छोटी पार्टियां शामिल हैं। इन सभी प्रत्याशियों की जमानत भी जब्त हो चुकी है। 

किसी भी छोटे दल के प्रत्याशी की नहीं बची जमानत
एक ओर जहां भाजपा प्रत्याशियों ने अपने प्रतिद्वंदियों से एक से सवा तीन लाख तक के अंतर से जीत हासिल की है वहीं दूसरी ओर गोरखपुर-बस्ती मण्डल के सभी 9 सीटों पर 21 निर्दल प्रत्याशी मिलकर भी एक लाख वोट नहीं बटोर सके। यह हैरान करने वाला है लेकिन सच है। सभी 9 सीटों पर पड़े कुल वोटों में निर्दलियों की हिस्सेदारी महज 9.39 फीसदी ही है।

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