मैदान के महारथी: आजादी के बाद से ही राजनीति में सक्रिय रहे प्रकाश सिंह
पंजाब की सियासत की बात करते ही एक चेहरा सबसे पहले नजर आता है। वह है प्रकाश सिंह बादल। अकाली दल नेता के नाम से ही देश में पंजाब की राजनीति को पहचाना जाता है। आजादी के बाद से पंजाब में शायद ही कोई...
पंजाब की सियासत की बात करते ही एक चेहरा सबसे पहले नजर आता है। वह है प्रकाश सिंह बादल। अकाली दल नेता के नाम से ही देश में पंजाब की राजनीति को पहचाना जाता है। आजादी के बाद से पंजाब में शायद ही कोई चुनाव रहा हो, जिसके अभियान का हिस्सा वह न रहे हों।
91 वर्ष के हो चुके बादल पर अब उम्र का भी असर होने लगा है। शायद इस बार अभी तक चुनाव प्रचार में नहीं दिखे हैं। हालांकि माना जा रहा है कि जल्द ही प्रचार करते दिखेंगे। प्रकाश सिंह बादल 91 वर्ष के हो चुके हैं और संभवत: पंजाब के सबसे उम्रदराज और अनुभवी नेता हैं। मौजूदा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी उनसे 15 साल छोटे हैं। 1927 में जन्मे प्रकाश सिंह बादल ने आजादी के बाद से ही राजनीतिक सफर की शुरुआत कर दी थी। अपने लंबे व अथक प्रयासों के बूते प्रकाश सिंह बादल ने शिरोमणि अकाली दल को पंजाब ही नहीं बल्कि देश के मानचित्र पर भी पहचान दिलाई।
वर्तमान में भी अकाली दल के लोकसभा में 4 और राज्यसभा में 3 सांसद हैं। मोरारजी देसाई के शासनकाल में वह सांसद भी बने। उन्हें केन्द्रीय मंत्री के तौर पर कृषि और सिंचाई मंत्रालय का उत्तरदायित्व सौंपा गया। बादल पंजाब, पंजाबियत और पंजाबियों की रक्षा और उनके हितों के लिए आवाज उठाने के चलते अपने जीवन के लगभग 17 साल जेल में भी बिता चुके हैं। उन पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे। वर्ष 2003 में बादल, उनकी पत्नी सुरिंदर कौर और बेटे सुखबीर व सात अन्य पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। हालांकि वर्ष 2010 में सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया गया।
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पंजाब से सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री बने
प्रकाश सिंह बादल पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, जो कि सर्वाधिक है। पहली बार वह 1970-71 में मुख्यमंत्री चुने गए थे। इसके बाद 1977-80, 1997-2002, 2007-2012 और 2012-2017 के दौरान भी वह राज्य के मुख्यमंत्री बने।
राजनीतिक जीवन
-1947 में अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की
-1957 में पहली बार पंजाब से विधानसभा चुनाव जीता
-10 बार कुल पंजाब में विधायक चुने गए
-5 बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे
-1969 से सभी विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की बादल ने सिर्फ 1992 को छोड़कर
-फरवरी 1992 में बादल ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया था
-1977 में केंद्रीय मंत्री के पद भी रहे
निजी जीवन
-8 दिसंबर, 1927 को पंजाब के अबुल खुराना में जन्म
-लाहौर के फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली
-20 साल की उम्र में ही राजनीति से जुड़ गए
-बेटा सुखबीर सिंह बादल भी राजनीति में सक्रिय
-बेटी परणीत कौर का विवाह पूर्व सीएम के बेटे से हुआ
-2015 में पद्म विभूषण सम्मान से नवाजा गया
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