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Lok sabha Result 2019 : ज्यादातर दलबदलुओं से  जनता ने किनारा किया

ऐन वक्त पर किश्ती बदल कर साहिल तक आना मुश्किल भरा तो होता है। इसमें चुनावी दरिया में डूबने का खतरा भी होता है। ऐसे पाला बदल करने वाले तमाम नेताओं को जनता ने  झटका दिया और वह मंजिल तक पहुंच...

Lok sabha Result 2019 : ज्यादातर दलबदलुओं से  जनता ने किनारा किया
विशेष संवाददाता,लखनऊ। Sat, 25 May 2019 12:56 PM
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ऐन वक्त पर किश्ती बदल कर साहिल तक आना मुश्किल भरा तो होता है। इसमें चुनावी दरिया में डूबने का खतरा भी होता है। ऐसे पाला बदल करने वाले तमाम नेताओं को जनता ने  झटका दिया और वह मंजिल तक पहुंच पाए। 

भाजपा से जुड़े ऐसे दलबदलू जरूर कामयाब हुए, वरना विपक्षी दलों के टिकट पर लड़ने वाले तमाम पाला बदल करने वाले नेताओं को मुंह की खानी पड़ी है लेकिन कुछ को चुनावी दरिया में विपरीत लहरों के ऐसे थपेड़े पड़े कि खुद को डूबने से नहीं बचा पाए और हार का मंुह देखना पड़ा। 

सावित्री बाई फुले भी हारीं

बहराइच से पिछली बार भाजपा के टिकट पर जीती  सावित्री बाई फुले इस बार यहीं से कांग्रेस के जरिए लड़ी और हार गईं। रामचरित्र निषाद  भाजपा से सपा में आये और मछलीशहर के बजाए मिर्जापुर से चुनाव लड़ा और जीत नहीं सके। ऐन मौके पर सपा छोड़कर कांग्रेस में आये राजकिशोर अपने क्षेत्र बस्ती से लड़े लेकिन हार गये। भदोही से रमाकांत यादव भी हार गये। पिछली बार वह भाजपा से आजमगढ़  से लड़े थे। इस बार कांग्रेस से किस्मत आजमाई।  

आरके चौधरी व कैसरजहां भी हारीं
इसी तरह बसपा से सीतापुर से सांसद रहीं कैसर जहां इस बार अपनी पुरानी सीट सीतापुर कांग्रेस के जरिए किस्मत आजमाई लेकिन कामयाबी दूर ही रही। मोहनलालगंज सीट से आर के चौधरी तब कांग्रेस से लड़ने आये जब यह सीट सपा ने बसपा को दे दी । पर श्री चौधरी कांग्रेस के टिकट पर लडे़  कामयाब नहीं हुए। 

नसीमुद्दीन व जया प्रदा को शिकस्त
बसपा से एमएलसी नसीमुद्दीन कांग्रेस में आए थे। बिजनौर से चुनाव लड़ा लेकिन कामयाब नहीं हुए। जया प्रदा तेलूगुदेशम से सपा में आयीं। फिर रालोद गईं। भाजपा से रामपुर से लड़ीं। प्रतिद्वंदी आजम खां से हार गईं।  ओमवती नगीना सुरक्षित सीट से लड़ी। वह पहले बसपा में रहीं। चुनाव में वह कांग्रेस से प्रत्याशी हो गईं। अरुण कुमार कोरी चुनाव से पहले सपा छोड़ कर प्रसपा में आईं। मिश्रिख से लड़ीं और हार गईं। 

दिनेश सिंह और श्यामा चरण भी हारे
कांग्रेस में रहे एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह इस बार भाजपा के जरिए रायबरेली से सोनिया गांधी के खिलाफ लड़ गये और हार गये। बांदा में दो दलबदलू चुनाव हारे। श्यामा चरण गुप्ता भाजपा छोड़कर सपा में आये और बांदा से किस्मत आजमाई। इसी तरह सपा से बाल कुमार पटेल कांग्रेस में आ गये और यहीं से चुनाव लड़ा। यह दोनों भाजपा से हार गये। 

किस्मत के धनी रहे ये पाला बदल करने वाले 
पाला बदल करने वाले कुछ नेता किस्मत के धनी रहे। जय प्रकाश रावत हरदोई  सुरक्षित सीट से सपा छोड़ कर भाजपा में आये और जीतने में कामयाब रहे। वैसे वह कई सीटों से कई बार जीते हैं। मिश्रिख से अशोक रावत  बसपा से भाजपा में आये और सांसदी का चुनाव जीत गये। फुलपूर से केसरी देवी पटेलभी चुनाव जीत गईं। वह  बसपा से भाजपा में आयी थीं। भदोही से रमेश चंद्र बिंद जीते। वह बसपा से भाजपा में आये थे। कुंवर दानिश अली अमरोहा से लड़े और जीतने में कामयाब रहे।  वह जद सेकुलर से बसपा में आये थे। 
 

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