क्यों आंध्र प्रदेश के मुस्लिम बहुल इलाकों में वाईएसआर ने की थी फतह?
आंध्र प्रदेश में इस बार का मुकाबला बेहद रोचक होनेवाला है। तेलुगू देश पार्टी की तरफ से बीजेपी पर लगातार हमले करने और इस चुनाव को राज्य में मोदी बनाम नायडू करने की कोशिश के बावजूद यह साफ हो गया है कि...
आंध्र प्रदेश में इस बार का मुकाबला बेहद रोचक होनेवाला है। तेलुगू देश पार्टी की तरफ से बीजेपी पर लगातार हमले करने और इस चुनाव को राज्य में मोदी बनाम नायडू करने की कोशिश के बावजूद यह साफ हो गया है कि वे अभी तक मुस्लम वोटरों को रिझाने में बहुत ज्यादा कामयाब नहीं रहे।
छह जिलों में 10 फीसदी से ज्यादा मुसलमान
2011 की जनगणना के मुताबिक, राज्य में कुल आबादी का करीब साढ़े फीसदी मुसलमान है। केन्द्रीय आंकडों की मानें तो राज्य के कम से कम छह जिलों में इनकी आबादी करीब दस फीसदी से ज्यादा है। ये जिले हैं- कृष्णा, गुंटूर, नेल्लोर, कडप्पा, कुर्नूल और अनंतपुर। तो वहीं, प्रकाशम और चित्तोर में इस समुदाय की आबादी दस लगभग दस फीसदी है।
13 विधानसभा क्षेत्रों में 25 फीसदी मुस्लिम आबादी
आंकड़ों से यह जाहिर होता है कि रायलसीमा क्षेत्र की 13 विधानसभा सीट- कडप्पा, रायचोटी, कडप्पा के प्रदतुर, अडोनी, कुर्नूल, नांदयाल, गुंटकाल, हिन्दुपुर, कादिरी, अनंतपुर के तदिपत्री, चित्तूर को मदनपल्ले और गुंटूर के चिलकालुरिपेट और नरसरावपेट में मुस्लिमों की आबादी 25 फीसदी या उससे भी ज्यादा है।
ये भी पढ़ें: 680 करोड़ के साथ देश के अमीर प्रत्याशियों में से एक हैं जयदेव गल्ला
वाईएसआर ने 13 में से जीती थी 9 सीटें
वाईएसआर कांग्रेस ने इन तेरह सीटों में से नौ सीटें जीती थी। तेलुगू देशम पार्टी ने चार सीटें जीती थी। इसके अलावा, सात वो सीट जहां मुस्लिम केन्द्र में रहे वो हैं- गुंटूर के तडिकोंडा, नेल्लोर के उदयगिरी, चित्तूर के पिलेरू, नंदीकोटकुर, आत्माकुर, श्रीसैलम और कुर्नूल की अल्लागदा सीट।
मुस्लिम वोटरों के एक बड़ा हिस्सा पिछली बार के चुनाव में वाईएसआर कांग्रेस के साथ गया था। उसकी वजह थी टीडीपी का बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ना। लेकिन, पिछले साल टीडीपी ने बीजेपी के साथ अपने संबंध तोड़ लिए हैं।
ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या नायडू अब मुसलमानों के मन में अपनी जगह बिठा पाएंगे? शुक्रवार को अलुरू की कर्नूल रैली को संबोधित करते हुए नायडू ने इस बात की घोषणा की कि अगर टीडीपी सत्ता में वापसी करती है तो मुस्लिम को उप-मुख्यमंत्री बनाएंगे। इसके साथ ही, मुसलमानों के लिए अलग बैंक खोला जाएगा और उन्हें ब्याज मुक्त ऋण की सुविधा दी जाएगी। ऐसे में मुस्लिम वोट टीडीपी और वाईएसआर दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। सबसे खास बात ये है कि रायलसीमा में चुनाव प्रचार के लिए नायडू ने फारूक अब्दुल्ला को बुलाया था, जिन्होंने जगन पर हमला बोलते हुए यह आरोप लगाया कि जगनमोहन रेड्डी ने संयुक्त आंध्र प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेस को 15 सौ करोड़ दिए थे।
ये भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव 2019: जानिए, आंध्र की विजियानगरम लोकसभा सीट के बारे में