लोकसभा चुनाव 2019 : युवा प्रत्याशियों को टिकट देने में कंजूस रहे प्रमुख राजनीतिक दल
यहां उम्र नहीं,अनुभव बोलता है। युवाओं के नाम पर सिर्फ बातें होती हैं लेकिन जब बात राजनीति की हो तो उम्र के ऊपर अनुभव हावी हो जाता है। हर राजनीतिक दल युवा-युवा का नारा देता है लेकिन टिकट देते समय नई...
यहां उम्र नहीं,अनुभव बोलता है। युवाओं के नाम पर सिर्फ बातें होती हैं लेकिन जब बात राजनीति की हो तो उम्र के ऊपर अनुभव हावी हो जाता है। हर राजनीतिक दल युवा-युवा का नारा देता है लेकिन टिकट देते समय नई हवा पर भरोसा नहीं किया जाता। 16वीं लोकसभा इस मायने में यादगार रहेगी कि इसमें लगभग 50 फीसदी सांसद 55 वर्ष से ज्यादा के थे। युवा सांसदों का प्रतिशत लोकसभा में लगातार घट रहा है।
यदि 40 वर्ष तक के पैमाने पर भी युवा माने जाए तो बीते लोकसभा चुनाव में 10 ऐसे युवा सांसदों ने सूबे का प्रतिनिधित्व किया तो 2009 में यूपी से 14 युवा सांसद लोकसभा पहुंचे थे। हालांकि अन्य राज्यों के मुकाबले यूपी के संसद सदस्य अपेक्षाकृत युवा हैं। बीते लोकसभा चुनाव में इन 10 युवा सांसदों में 5 समाजवादी पार्टी के थे।
यूपी में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के अलावा बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टियों के टिकट पर लोगों की नजरें रहती हैं लेकिन यहां भी युवाओं को मौका देने के नाम पर कंजूसी कर जाती हैं। पार्टियां 60-70 फीसदी ऐसे प्रत्याशियों को टिकट देती हैं जो अनुभवी होने के साथ उम्रदराज भी होते हैं। इनमें बसपा ऐसी पार्टी है जो अपेक्षाकृत युवाओं को ज्यादा मौका देती है। ज्यादातर युवा प्रत्याशी निर्दलीय या छोटी पार्टियों के होते हैं।
1994 के चुनाव में 10 युवा सांसदों ने यूपी का प्रतिनिधित्व किया
नाम लोकसभा सीट जन्म वर्ष
अंजू बाला मिश्रिख 1979
कमलेश पासवान बांसगांव 1976
प्रियंका सिंह रावत बाराबंकी 1985
भोला सिंह बुलंदशहर 1977
डा कृष्ण प्रताप जौनपुर 1977
अंशुल वर्मा हरदोई 1974
अक्षय यादव फिरोजाबाद 1986
धर्मेन्द्र यादव बदायूू 1979
डिम्पल यादव कन्नौज 1978
तेजप्रताप यादव मैनपुरी 1987
सबसे बुजुर्ग रही 16वीं लोकसभा
एक सर्वे के मुताबिक 16वीं लोकसभा की औसत आयु 53.86 थी। यह अब तक की सबसे बूढ़ी लोकसभा थी। 543 में 253 सांसद 55 वर्ष की उम्र से ज्यादा के थे। लोकसभा में युवा सांसदों का प्रतिनिधित्व लगातार घट रहा है। 56 से 75 वर्ष के सांसदों की संख्या बढ़ रही है, तो 25 से 45 साल की उम्र वाले सांसद घट रहे हैं। पिछले 62 साल की लोकसभा पर गौर करे तो युवा सांसद एक तिहाई कम हो गये हैं। लेकिन 56 से 85 साल के सांसदों की संख्या 10 गुना तक बढ़ गई है। पहली लोकसभा में 66 से 75 वर्ष की आयु के सिर्फ 11 सांसद चुने गये थे लेकिन 2014 में यह संख्या 105 हो गई है।