लोकसभा चुनाव 2019 : बिलासपुर लोकसभा सीट पर रहा है भाजपा का वर्चस्व
छत्तीसगढ़ की बिलासपुर लोकसभा सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है। बिलासपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटों आती हैं। इनमें से दो अनूसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं, जिनमें कोटा, तखतपुर,...
छत्तीसगढ़ की बिलासपुर लोकसभा सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है। बिलासपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटों आती हैं। इनमें से दो अनूसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं, जिनमें कोटा, तखतपुर, बेलतेरा, लोरमी, बिल्हा, मस्तूरी(एससी), मुंगेली(एससी) और बिलासपुर शामिल है। वर्तमान में बिलासपुर जिले में 8 तहसील, 7 ब्लॉक और 909 गांव शामिल हैं। बिलासपुर राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। बिलासपुर हाईकोर्ट पूरे एशिया में सबसे बड़ा हाईकोर्ट है। बिलासपुर अपने खूश्बूदार चावलों की विविधता के लिए भी मशहूर है।
आजादी के बाद से बिलासपुर लोकसभा सीट पर कुल 16 चुनाव हो चुके हैं।1952 से 1999 के बीच बिलासपुर सीट मध्य प्रदेश का हिस्सा थी। छत्तीसगढ़ के अलग राज्य बनने के बाद यहां 2004, 2009 और 2014 में तीन बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। 1989 से यहां बीजेपी का दबदबा रहा है।
अगर 1991 को छोड़ दिया जाए तो पिछले आठ में से 7 चुनाव में भाजपा को ही सफलता मिली है। भाजपा के पुन्नूलाल मोहले बिलासपुर से लागतार चार बार जीत दर्ज कर चुके हैं।
वर्तमान सांसद : लखन लाल साहू (BJP)
प्रतिद्वद्वी और पार्टी : करुणा शुक्ला (Congress)
2014 में भाजपा को मिले वोट : 5,61,387
2014 में कांग्रेस को मिले वोट : 3,84,951
2014 चुनाव में जीत का अंतर : 1,76,436
नोटा दबाने वालों की संख्या : 7,566
2014 चुनाव में पुरुष मतदाता : 8,89,222
2014 चुनाव में महिला मतदाता : 8,38,103
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