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Lok sabha election Result 2019- जहानाबाद: वोटों की गिनती आज, प्रशासनिक तैयारियां पूरी

जहानाबाद में चुनाव के बाद रिजल्ट जानने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ा। लोकसभा का चुनाव 19 मई को  हुआ था और गुरुवार को मतदाताओं के फैसले की सबों को जानकारी हो जाएगी। डीएम नवीन कुमार ने बताया कि...

Lok sabha election Result 2019- जहानाबाद: वोटों की गिनती आज, प्रशासनिक तैयारियां पूरी
जहानाबाद | हिन्दुस्तान टीमThu, 23 May 2019 03:01 AM
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जहानाबाद में चुनाव के बाद रिजल्ट जानने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ा। लोकसभा का चुनाव 19 मई को  हुआ था और गुरुवार को मतदाताओं के फैसले की सबों को जानकारी हो जाएगी। डीएम नवीन कुमार ने बताया कि मतगणना कार्य के लिए प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली गई है। मतगणना का कार्य सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए डीएम ने कलेक्ट्रेट के ग्रामप्लेक्स में अधिकारियों के साथ बैठक कर कई निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि सुबह आठ बजे से एसएस कॉलेज परिसर में मतगणना का कार्य शुरू होगा। छह बजे सुबह ही मतगणनाकर्मी एसएस कॉलेज पहुंच जाएंगे। 

डीएम ने बताया कि मतगणना कार्य में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी। उन्होंने बताया कि जहानाबाद संसदीय क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र हैं। सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए अलग- अलग मतगणना कक्ष बनाए गए हैं। सभी मतदान कर्मियों को निर्धारित समय पर अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के टेबलों पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है। डीएम ने बताया कि वोटों की गिनती के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए एसएस कॉलेज में 14 टेबल लगाए गए हैं। गणना सहायक, पर्यवेक्षक, माईक्रो ऑब्जर्बर, लोकसेवक, निर्वाचन अभिकर्ता समेत अन्य कर्मियों को पहचान पत्र निर्गत किया गया है। 

चौक-चौराहों पर होती रही चर्चा
जहानाबाद संसदीय क्षेत्र में 15 लाख 80 हजार 563 मतदाता हैं। इस बार चुनाव में 51.77 प्रतिशत मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। इन मतदाताओं के द्वारा ही प्रत्याशियों की किस्मत लिखी गई है। गुरुवार की दोपहर 12 बजे तक अटकलों का बाजार समाप्त हो जाएगा। बुधवार की सुबह से ही शहर के चौक-चौराहों पर मतगणना की चर्चा होती रही। चाय तथा पान की दुकानों पर सिर्फ प्रत्याशियों के हार-जीत के दावे प्रस्तुत किए जा रहे थे। शहर के मल्लहचक मोड़, अरवल मोड़, राजाबाजार, कारगिल चौक, अस्पताल मोड़, स्टेशन मोड़, काको मोड़ समेत कई जगहों पर आमलोग भी प्रत्याशियों के समर्थकों की बात सुन रहे थे। चाय दुकान के अलावा पान दुकानदार भी इस मामले में दिलचस्पी ले रहे थे। मल्लहचक मोड़ के समीप सुबह में बहस छिड़ी हुई थी। इस बीच पान दुकानदार राजेश ने कहा कि एक ही रात की बात है, गुरुवार की दोपहर तक सब फैसला हो जाएगा।  

सोन, पुनपुन और फल्गु नदी से सिंचित वाणभट्ट की धरती सामाजिक रुप से चेतनशील रही है। इसी जागरूकता ने कम्युनिस्टों को मजबूती दी और समाजवाद के फलने-फूलने के लिए भी खाद-पानी मुहैया कराया। हालांकि, जहानाबाद में साम्यवाद से लेकर समाजवाद तक को जातिवाद के ईंधन से ही रफ्तार मिलती रही है। तीन जिलों, जहानाबाद, अरवल तथा गया के छह विधानसभा क्षेत्रों को समेटे  जहानाबाद संसदीय क्षेत्र में वर्ष 1996 के चुनाव तक साम्यवाद का बोलबाला रहा। लेकिन, राजद द्वारा सीपीआई से समर्थन वापस लेते ही वामपंथ धराशायी हो गया। 1998 के बाद से समाजवादी ही एक-दूसरे के खिलाफ लड़ते और जीतते रहे हैं। एक समाजवाद के पहरुआ नीतीश कुमार हैं तो दूसरे के लालू प्रसाद। भाजपा और कांग्रेस ने जहानाबाद में सहयोगी की भूमिका ही स्वीकार कर ली है। सीपीआई के रामाश्रय प्रसाद सिंह यहां से चार बार सांसद रहे। उनके हारने के बाद किसी भी    सांसद को लगातार दोबारा जीत नसीब नहीं हुई। 

1962 में अस्तित्व में आया क्षेत्र
वर्ष 1962 में जहानाबाद संसदीय क्षेत्र अस्तित्व में आया। जहानाबाद की पहली सांसद बनने का सौभाग्य कांग्रेस प्रत्याशी सत्यभामा देवी को मिला। इसके बाद किसी महिला को यह मौका नहीं मिला। हालांकि, बाद के चुनावों में कोई भी पार्टी महिला प्रत्याशी को उतारने से परहेज करती रही। 2009 में परिसीमन के बाद क्षेत्र में सामाजिक व जातीय समीकरण बदला। वर्ष 1998 से लेकर अब तक हुए पांच चुनावों में तीन बार एनडीए तथा दो बार राजद को जीत मिली है। जहानाबाद से भूमिहार और यादव जाति के प्रत्याशी ही चुनाव जीतते आए हैं। 

लड़ाके सहयोगी की भूमिका में
यादव व भूमिहार बहुल इस क्षेत्र में वर्ष 1977 के चुनाव को छोड़ आमने-सामने के मुकाबले में यादव तथा भूमिहार जाति के नेता ही रहे हैं। एनडीए ने इस बार नया प्रयोग किया है और अतिपिछड़ा समुदाय के चंद्रेश्वर प्रसाद  चंद्रवंशी पर भरोसा जताया है। ऐसे में भूमिहार जो पूर्व के चुनावों में लड़ाकों की भूमिका में रहते थे, वे अब सहयोगी की भूमिका में नजर आएंगे। वहीं राजद, एनडीए तथा वर्तमान सांसद डॉ. अरुण की नजर इसी कारण सबसे अधिक भूमिहार के वोटरों पर है। राजद से सुरेन्द्र प्रसाद यादव चुनाव मैदान में हैं। 

वर्तमान सांसद : डॉ.अरुण कुमार
एक बार जदयू तो दूसरी बार रालोसपा के टिकट पर जीते

रालोसपा के टिकट पर लड़े डॉ. अरुण कुमार यहां के सांसद हैं। इस बार एनडीए और महागठबंधन में उन्हें जगह नहीं मिली। नतीजतन वे अपनी पार्टी, रासपा से चुनावी समर में उतरे हैं। इसके पूर्व जदयू के टिकट पर वर्ष 1999 के चुनाव में इन्हें जीत मिली थी। वर्ष 1993 में वे स्नातक क्षेत्र से विधान पार्षद चुने गए। लोकसभा में उनकी 88 फीसदी उपस्थिति रही है। पांच साल के कार्यकाल में इन्होंने 62 सवाल पूछे।

कौन जीते कौन हारे 
2014

जीते: डॉ. अरुण कुमार, रालोसपा, 322647
हारे: सुरेन्द्र प्रसाद यादव, राजद, 280307

2009
जीते: जगदीश शर्मा, जदयू, 234769
हारे: सुरेन्द्र प्रसाद यादव, राजद, 213442

2004 
जीते: गणेश प्रसाद सिंह, राजद, 400063
हारे: डॉ. अरुण कुमार, जदयू,     353625

1999
जीते: डॉ. अरुण कुमार, जदयू,    333332
हारे: सुरेन्द्र प्रसाद यादव, राजद, 316045

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