फोटो गैलरी

Hindi News लोकसभा चुनावलोकसभा चुनाव 2019: 1980 में पहली बार बनारस का सांसद मंत्री बना

लोकसभा चुनाव 2019: 1980 में पहली बार बनारस का सांसद मंत्री बना

पूर्वांचल की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले वाराणसी को केंद्र में मंत्री बनने वाला प्रतिनिधि चुनने में लंबा वक्त लगा। आजादी के बाद 1952 से 67 तक कांग्रेस के रघुनाथ सिंह लगातार तीन बार सांसद रहे...

लोकसभा चुनाव 2019: 1980 में पहली बार बनारस का सांसद मंत्री बना
रमेंद्र सिंह,वाराणसीSun, 14 Apr 2019 03:26 PM
ऐप पर पढ़ें

पूर्वांचल की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले वाराणसी को केंद्र में मंत्री बनने वाला प्रतिनिधि चुनने में लंबा वक्त लगा। आजादी के बाद 1952 से 67 तक कांग्रेस के रघुनाथ सिंह लगातार तीन बार सांसद रहे पर केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं बना सके।

71 के चुनाव में सीपीआई (एम) के सत्यनारायण सिंह सांसद रहे पर वह विपक्षी बेंच पर बैठे। 71 से 77 तक कांग्रेस के प्रो. राजाराम शास्त्री बनारस से सांसद रहे पर मंत्रिमंडल में उन्हें भी स्थान नहीं मिला। 1977 की जनता लहर में चंद्रशेखर सिंह सांसद बने, लेकिन सत्ता में होने के बावजूद मंत्रीपद नहीं पा सके।

1980 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंडित कमलापति त्रिपाठी चुनाव मैदान में थे। उन्हें जीत मिली और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मंत्रिपरिषद में उन्हें रेलमंत्री बनाया गया। यह पहला मौका था जब वाराणसी से निर्वाचित किसी लोकसभा सदस्य को केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान मिला। वैसे 1977 से पहले पंडित कमलापति त्रिपाठी केंद्र सरकार में मंत्री थे लेकिन वह उस समय राज्यसभा के सदस्य थे। वह 1973 से 1977 तक जहाजरानी, परिवहन और रेलमंत्री रहे। 

1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर श्यामलाल यादव निर्वाचित हुए। उन्हें प्रधानमंत्री राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में कृषि राज्यमंत्री बनाया गया। इससे पहले श्यामलाल यादव राज्यसभा के उपसभापति भी रहे। 1989 में सता परिवर्तन की लहर चल रही थी। वाराणसी संसदीय क्षेत्र से जनता दल के टिकट पर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र अनिल शास्त्री मैदान में उतरे। भारी मतों से विजयी हुए। उन्हें भी प्रधानमंत्री वीपी सिंह के मंत्रिमंडल में वित्त उप मंत्री का पद मिला। 

दो दशक तक मंत्रिमंडल में वाराणसी से कोई नहीं
इसके बाद 1991 से 2014  तक केंद्रीय मंत्रिपरिषद में बनारस का कोई प्रतिनिधित्व नहीं था। भाजपा से शंकर प्रसाद जायसवाल तीन बार, श्रीशचंद दीक्षित और डॉ.मुरली मनोहर जोशी को सांसद बनने का गौरव हासिल हुआ। इनमें से किसी को मंत्रिमंडल में आने का मौका नहीं मिला।

2014 से 2019 तक का कार्यकाल ऐतिहासिक
2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर निर्वाचित नरेंद्र मोदी ने इतिहास रच दिया। उन्हें देश का प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला। इतना ही नहीं आसपास के संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित अन्य सदस्यों को भी मंत्रिमंडल में स्थान मिला। चंदौली से निर्वाचित डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री बनाए गए। प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाए जाने पर उन्होंने मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया। मिर्जापुर से अपना दल की टिकट पर चुनी गई अनुप्रिया पटेल को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री बनाया गया। गाजीपुर से निर्वाचित मनोज सिन्हा रेल और दूरसंचार राज्यमंत्री बने।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें