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Hindi News लोकसभा चुनावLok Sabha Elections 2019- पटना का ‘साहिब’ बनने को हर दर पर दस्तक

Lok Sabha Elections 2019- पटना का ‘साहिब’ बनने को हर दर पर दस्तक

पटना साहिब लोकसभा सीट इन दिनों सुर्खियों में है। कारण, दो बड़े दिग्गज यहां मैदान में उतरे हैं। एक तरफ भाजपा के भरोसेमंद और हर तीखे सवाल का सटीक जवाब देने वाले पार्टी के संकटमोचक रविशंकर प्रसाद हैं तो...

Lok Sabha Elections 2019- पटना का ‘साहिब’ बनने को हर दर पर दस्तक
पटना, आशीष कुमार मिश्रMon, 13 May 2019 11:26 AM
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पटना साहिब लोकसभा सीट इन दिनों सुर्खियों में है। कारण, दो बड़े दिग्गज यहां मैदान में उतरे हैं। एक तरफ भाजपा के भरोसेमंद और हर तीखे सवाल का सटीक जवाब देने वाले पार्टी के संकटमोचक रविशंकर प्रसाद हैं तो दूसरी तरफ बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा का ग्लैमर और पटना साहिब के लोगों से उनका अपनत्व है। आमजन के बीच दोनों के प्रस्तुत होने का तरीका भी अलग-अलग है। शत्रु जहां स्टारडम के साथ लोगों से मिलते हैं वहीं रवि खुद को भाजपा के आम कार्यकर्ता की तरह पेश कर रहे हैं। दोनों ही अपनी-अपनी जीत के प्रति आश्वस्त दिखते हैं, बावजूद प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। पटना का ‘साहिब’ बनने को हर घर दस्तक दे रहे हैं। पेश है दोनों के चुनाव प्रचार पर विशेष संवाददाता आशीष कुमार मिश्र की रिपोर्ट ...

रविशंकर छोटी सभाओं से जुटा रहे समर्थन
बह के दस बजे हैं। पटना के आवास से केन्द्रीय मंत्री और पटना साहिब से भाजपा के प्रत्याशी रविशंकर प्रसाद का काफिला जनसम्पर्क के लिए निकल चुका है। पहला पड़ाव है-गंगा के कछार पर गांधी घाट। नौजवान चाय दुकानदार कृष्णा से चाय-बिस्किट लेकर रविशंकर उन्हें घेर चुकी भीड़ से मुखातिब होते हैं। वोट देने जरूर पहुंचने का आग्रह करते हैं। एक बुजुर्ग द्वारा जीत का आशीर्वाद देने पर वहां खड़ी महिला पुष्पा तपाक से कहती है-‘जीते के का है, जीत गेलथिन ई । भीड़ ठहाका लगाती है, रविशंकर शुक्रिया अदा कर, गांधी की प्रतिमा को नमन कर निकल पड़ते हैं फतुहा में जनसम्पर्क अभियान पर। 

टिकट की घोषणा होने के बाद 26 मार्च को रविशंकर प्रसाद पटना आए थे। बीच में सिर्फ डेढ़ दिन के लिए दिल्ली गये। 26 अप्रैल को नामांकन किया और तब से पटना साहिब के क्षेत्रों में घूम रहे हैं।150 गांवों में तकरीबन 140 छोटी-बड़ी सभाएं कर चुके हैं। मौजूदा चुनाव को आशा बनाम अवसरवाद बताने वाले रविशंकर का जनसम्पर्क के दौरान हर चौक-चौराहे पर स्वागत होता है।  उनके, नीतीश और नरेन्द्र मोदी के जयकारे लगते हैं। गौरीचक, बेलदारीचक, सैदनपुर में उनका स्वागत किया गया। भेड़गामा के बुजुर्गों ने गांव चलने का आग्रह किया। मसाढ़ी गांव पहुंचने पर साइकिल के कैरियर पर बैंजो और हैंडिल पर लाउटस्पीकर टांगकर बैंड बजाती टोली ने उनका स्वागत किया। करकट के बड़े शेड में खचाखच भरी भीड़ के बीच रविशंकर बैठे और पूरी सभा के दौरान पसीने से तरबतर रहे। 

रविशंकर के सामने लोग सवाल भी करते हैं कि अबतक कहां थे? पहले चुनाव क्यों नहीं लड़ा? शत्रुघ्न सिन्हा की तरह गायब तो नहीं न हो जाएंगे? रविशंकर आश्वस्त करते हैं। वे कार्यकर्ता हैं और रहेंगे। राष्ट्रवाद, राज्य और केन्द्र सरकार के विकास, कांग्रेस पर प्रहार, विपक्ष का नेता कोई नहीं, जैसे मुद्दे वे उठाते हैं। नरेन्द्र मोदी को दुबारे प्रधानमंत्री बनाने के लिए लोगों से समर्थन मांगते हैं। साथ ही प्रतिद्वंद्वी शत्रुघ्न सिन्हा के लोकप्रिय डॉयलाग ‘खामोश’ की तोड़ में सभी जगह यही दोहराते हैं कि पटना साहिब अब खामोश नहीं रहेगा। 

पटना साहिब लोकसभा सीट: रविशंकर-शत्रुघ्न के बीच सीधा मुकाबला

सिम्बल भले ही बदला, सम्मान-स्नेह वही 
टगन और सबको खामोश कराने वाले शत्रुघ्न सिन्हा जब चुनाव प्रचार में निकल रहे हैं तो पटना साहिब की आम-अवाम उनकी एक झलक पाने को बेताब दिख रही। भले ही  इसबार कमल की जगह कांग्रेस के ‘हाथ’ छाप पर मैदान में उतरे हैं लेकिन जनसम्पर्क के दौरान पटना जिले के लोग उन्हें वही प्यार-सम्मान और स्नेह दे रहे। 19 मई को मतदान में क्या होगा इसकी चिन्ता न शत्रुघ्न सिन्हा और न ही उनके समर्थकों में दिखती है। हां, हर सभा में शत्रुघ्न सिन्हा के निशाने पर प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष ही होते हैं।

शत्रुघ्न सिन्हा अपने उसी अंदाज में लोगों से समर्थन मांगने निकलते हैं। करीने से सजा-धजा परिधान और हमेशा की तरह लोगों को अपने शानदार अंदाज से लुभाने वाले शॉटगन जब स्कार्पियो की अगली सीट से लोगों को हाथ हिलाते हैं तो स्कूटी चलाती लड़कियां भी उन्हें ‘हॉय’ करती हैं। वहां से गुजरते लोग हाथ दिखाकर यह कहना नहीं भूलते-देखो अपने बिहारी बाबू जा रहे हैं। आमतौर पर जनसम्पर्क के लिए शत्रुघ्न सिन्हा शाम को निकलते हैं। हालांकि दिन में फतुहा आदि जगहों पर उन्होंने रोड शो किया है। उन्हें पता है कि लड़ाई तगड़ी है और उन्हें चुनौती देने वाले रविशंकर प्रसाद मैदान के मजबूत खिलाड़ी हैं, सो वह भी जनसम्पर्क में कोई कमी नहीं करना चाहते। पत्नी पूनम सिन्हा के चुनाव से निश्चिंत होने के बाद अब पटना साहिब में जम गये हैं, बेटे लव के साथ। अब तो पूनम सिन्हा भी बेटे कुश के साथ पटना पहुंच चुकी हैं। 

शत्रुघ्न महागठबंधन के स्टार प्रचारक हैं। दिन में नरकटियागंज और वाल्मीकिनगर में सभा कर शाम को अपने चुनाव प्रचार में निकले। पहली सभा हुई जक्कनपुर-मीठापुर के गौरिया मठ में। उनसे हाथ मिलाने और एक झलक की जबर्दस्त होड़ । भीषण गर्मी में पौन घंटे की सभा के बाद इको पार्क के रास्ते शिवपुरी चले और गाड़ी जाम में फंस गयी। यहां भी उनका जनसम्पर्क आरंभ हो गया। लोग गाड़ी से उतरकर सेल्फी लेने लगे। शत्रुघ्न के चेहरे पर आत्मसंतोष तैर जाता है। राजद, हम के कार्यकर्ता अपने-अपने इलाके में सभा के लिए समय चाहते हैं। शत्रुघ्न भी सबको आने का वादा कर दूसरी सभा के लिए निकल जाते हैं।

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