फोटो गैलरी

Hindi News लोकसभा चुनावनुक्कड़ पर चुनाव: हमारे घर तक पहुंचनी चाहिए विकास की बयार...

नुक्कड़ पर चुनाव: हमारे घर तक पहुंचनी चाहिए विकास की बयार...

हरमू स्थित सहजानंद चौक के पास विशाल पेड़ के नीचे हर रोज छांव की तलाश में कई लोग अनायास ही पहुंच जाते हैं। जब कभी वहां से गुजरें, पेड़ के नीचे बने चबुतरे पर कुछ लोग बैठे मिल ही जाएंगे। शहर की प्रमुख...

नुक्कड़ पर चुनाव: हमारे घर तक पहुंचनी चाहिए विकास की बयार...
रांची, प्रणव प्रियदर्शी  Sat, 27 Apr 2019 09:56 PM
ऐप पर पढ़ें

हरमू स्थित सहजानंद चौक के पास विशाल पेड़ के नीचे हर रोज छांव की तलाश में कई लोग अनायास ही पहुंच जाते हैं। जब कभी वहां से गुजरें, पेड़ के नीचे बने चबुतरे पर कुछ लोग बैठे मिल ही जाएंगे। शहर की प्रमुख घटनाओं पर वहां चर्चाएं होती ही हैं, आजकल लोकसभा चुनाव से संबंधित चर्चाएं जोर पकड़ी हुई हैं।

 गुरुवार को वहां वोट की महत्ता पर चर्चा छिड़ी थी। एक बुजुर्ग ने कहा, देखो हम हवा में उड़नेवाले लोग नहीं हैं। हम हर काम को अपनी आंखों से देखते हैं। विकास की बयार हमारे घर तक पहुंचनी चाहिए और हम देख रहे हैं कि हमारे घर तक विकास की कोई किरण नहीं पहुंची है। बदले में महंगाई आयी है। रोज-रोज बदलाव और नया-नया जुमला देकर हमें परेशान किया गया है। यहां तक कि अपनी पहचान के लिए हजार तरह का पहचान पत्र बनाने का प्रावधान कर आदमी को भीड़ बनाया गया है। जिसे कोई फायदा पहुंचा है, वो अपनी जानें, मैं अपनी जानता हूं। चुनाव के समय कुछ सड़क बना देने और नाली साफ करा देने के प्रलोभन में हम नहीं पड़नेवाले हैं। एक युवक ने तराना छेड़ा : क्या से क्या हो गए देखते-देखते...।
   

अरे आप आज कुछ क्यों नहीं बोल रहे हैं, पहले तो आप ही बहस की शुरुआत करते थे। एक व्यक्ति ने दूसरे बुजुर्ग से सवाल किया, ताकि चर्चा की गंभीरता टूटे। उन्होंने शांत स्वर में कहा : हम घोषणा पत्र के आधार पर किसी को वोट करें या उसका पिछला काम देखकर। मैं देखकर दंग हूं कि सरकारें बनती हैं, लेकिन वे अपनी सभी घोषणाएं भी पूरी नहीं कर पातीं, फिर भी लोग उनके पीछे भागते-फिड़ते हैं। ये क्या हो गया है हमारे देश को? जो घोषणाएं पूरी नहीं हुई, उनका जवाब देना चाहिए पार्टी को। यह कहते हुए बुजुर्ग चुप हो गए। एक युवक ने चर्चा के बीच में कूदते हुए कहा कि लहर है लहर, लहर को देखिए, दरिया में मत कूदिए। माहौल फिर गंभीर हो गया। उसी क्षण दूसरे बुजुर्ग ने कहा, तुम युवक हो, अपनी तरफ तो देखो। अभी चुनाव का मौसम है तो सब हरियाली है। चुनाव के बाद फिर वही बेरोजगारी, पलायन और आपाधापी। फिर एक युवक ने तराना छेड़ा : कारवां गुजर गया, गुबार देखते रहे...। इसके बाद युवकों की टोली दूसरी ओर बढ़ गई। 
 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें