Lok Sabha Election 2019 : ‘14 दिन’ में ‘14 विधानसभा’ क्षेत्र करने होंगे कवर
मात्र 14 दिन में 14 विधानसभा क्षेत्र में प्रचार कर राजनीतिक दल और प्रत्याशियों को वोट मांगने हैं। नामांकन के बाद पहले दिन कहीं भी चुनाव प्रचार की गर्माहट नजर नहीं आई। अभी कहीं भी कोई पंपलेट या...
मात्र 14 दिन में 14 विधानसभा क्षेत्र में प्रचार कर राजनीतिक दल और प्रत्याशियों को वोट मांगने हैं। नामांकन के बाद पहले दिन कहीं भी चुनाव प्रचार की गर्माहट नजर नहीं आई। अभी कहीं भी कोई पंपलेट या होर्डिंग नहीं लगा है। कम समय में घर-घर संपर्क करना काफी मुश्किल होगा। ऐसे में प्रमुख दल प्रचार को गति देने के लिए रोड शो के साथ ही स्टार प्रचारकों को बुलाने पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। इसी को लेकर रणनीति तैयार की जा रही है। कांग्रेस प्रियंका गांधी के रोड शो की मांग कर रही है तो बसपा ने 6 अप्रैल को रुड़की में मायावती की चुनावी जनसभा करने की घोषणा कर दी है। स्टार प्रचारकों को लेकर भाजपा ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
हालांकि तीनों प्रमुख दलों के प्रत्याशियों ने मंगलवार को नुक्कड़ बैठकें कर जनसंपर्क शुरू कर दिया है। भाजपा प्रत्याशी डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने डोईवाला और कारगी क्षेत्र में चुनावी सभा की। कांग्रेस प्रत्याशी ने ज्वालापुर के साथ मायापुर यूनियन भवन में बैठक कर प्रचार की रणनीति बनाई। भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. जयपाल चौहान का कहना है कि बूथ स्तर पर सैकड़ों कार्यकर्ता पहले से ही भाजपा के पक्ष में अभियान चलाए हुए हैं। कांग्रेस महानगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल का कहना है कि बुधवार शाम को कांग्रेस नेताओं की प्रचार को लेकर मायापुर यूनियन भवन में बैठक बुलाई गई है। बैठक में प्रचार को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी। उधर, बसपा प्रत्याशी अंतरिक्ष सैनी ने मंगलवार को सुल्तानपुर क्षेत्र में प्रचार अभियान चलाया। बसपा प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप बालियान का कहना है कि नेता और कार्यकर्ताओं की टोलियां बना दी गई हैं, जो गांव-गांव प्रचार में जुट गई है।
सभी मतदाताओं तक पहुंचना बड़ी चुनौती
सबसे ज्यादा चुनौती कांग्रेस प्रत्याशी अम्बरीष कुमार के लिए है। अचानक टिकट फाइनल होने के बाद उन्हें सभी चौदह विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं तक पहुंचना है। हरिद्वार सीट पहले से भाजपा के पास होने के कारण भाजपा का टिकट मौजूदा सांसद निशंक को ही मिलने के कयास पूर्व से ही थे। इस लिहाज से निशंक पहले से सक्रिय थे। बसपा ने भी अपने प्रत्याशी डॉ. अंतरिक्ष सैनी को कई महीने पहले ही संयोजक बना दिया था। बसपा में अमूमन संयोजक को ही उम्मीदवार बनाने की परंपरा रही है।