अंबेडकरनगर लोकसभा सीट : यहां के मतदाताओं ने हर दल को दिया मौका
शायद अंबेडकरनगर एकमात्र ऐसी लोकसभा की सीट है जिसने हर दल को मौका दिया है। जीत का स्वाद हर राजनीतिक दल को चखाया है। यह अलग बात है कि किसी को आम तो किसी को उपचुनाव में जीत मिली। पूर्व में फैजाबाद...
शायद अंबेडकरनगर एकमात्र ऐसी लोकसभा की सीट है जिसने हर दल को मौका दिया है। जीत का स्वाद हर राजनीतिक दल को चखाया है। यह अलग बात है कि किसी को आम तो किसी को उपचुनाव में जीत मिली।
पूर्व में फैजाबाद पूर्व के नाम से, कालांतर में अकबरपुर सुरक्षित सीट के नाम से और अब अम्बेडकरनगर नाम की संसदीय सीट के लिए अब तक 18 चुनाव हो चुके हैं। जिसमें 16 सामान्य और दो उप चुनाव शामिल हैं। आगामी 12 मई को अम्बेडकरनगर के मतदाता 19वीं बार मतदान कर सांसद का चुनाव करेंगे। बात अगर राजनीतिक दलों की कामयाबी की करें तो अम्बेडकरनगर सीट पर कांग्रेस, भाजपा, बसपा और सपा ही नहीं वरन सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी, दलित मजदूर किसान पार्टी, लोकदल ने भी जीत दर्ज की है। आजादी के बाद से 2014 के चुनाव तक हुए 18 चुनाव में 12 लोगों के गले में जीत की माला पड़ चुकी है।
कांग्रेस को 1984 के बाद नसीब नहीं हुई जीत
देश की सबसे पुरानी पार्टी अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को पांच बार सफलता मिली है। 1952, 1957 और 1962 में कांग्रेस के पन्नालाल लोकसभा का चुनाव जीते थे। 1967 में जगजीवन राम और 1984 में रामप्यारे सुमन को जीत मिली थी। 1984 के बाद से अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अम्बेडकरनगर की लोक सभा की सीट पर जीत दर्ज करने को तरस रही है।
बसपा ने पांच बार चखा जीत का स्वाद
अम्बेडकरनगर संसदीय सीट पर बहुजन समाज पार्टी को पांच बार जीत मिली है। 1996 में पहली बार घनश्याम चंद्र खरवार जीते थे। 1998, 99 और 2004 में मायावती ने जीत की हैट्रिक लगाई थी। 2002 में उपचुनाव भी हुआ था। उपचुनाव में में त्रिभुवन दत्त ने बाजी मारी थी और सांसद चुने गए थे। वहीं 2009 के आम चुनाव में बसपा के ही राकेश पांडेय निर्वाचित हुए थे।
सपा को एक उपचुनाव में मिली है कामयाबी
समाजवादी पार्टी को अम्बेडकरनगर की लोकसभा सीट पर अभी किसी भी आम चुनाव में कामयाबी नहीं मिली है। सपा की साइकिल केवल एक बार विनर होने की रफ्तार पकड़ सकी है। केवल एक उप चुनाव में सपा चुनाव जीतने में सफल हुई है। मायावती के इस्तीफा देने के कारण साल 2004 में में उपचुनाव हुआ था। इस उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के शंखलाल मांझी सांसद चुने गए थे।
2014 में भाजपा ने हार को जीत में बदला
जीतते जीतते मिली हार को जीत में बदलने में भारतीय जनता पार्टी को डेढ़ दशक लग गए। 1989 में महज 127 से वोटों से चुनाव में हारने वाली भारतीय जनता पार्टी को अंबेडकरनगर संसदीय सीट पर पहली बार 2014 में जीत नसीब हुई। भाजपा के हरिओम पांडेय सांसद चुने गए और इस सीट से सांसद चुने जाने वाले भगवा खेमे के पहले सांसद भी बने।