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रिफ्रेशलोकसभा में पास हुआ नागरिकता संशोधन विधेयक, पक्ष में पड़े 311 वोट
लोकसभा में सोमवार रात नागरिकता संशोधन विधेयक पारित हो गया। इससे पहले गृह मंत्री शाह ने विधेयक को सदन में सोमवार दोपहर पेश किया था। इस विधेयक के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में...
लोकसभा में सोमवार रात नागरिकता संशोधन विधेयक पारित हो गया। इससे पहले गृह मंत्री शाह ने विधेयक को सदन में सोमवार दोपहर पेश किया था। इस विधेयक के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में नागरिक संशोधन बिल का विरोध करते हुए कहा कि यह कुछ और नहीं बल्कि देश के अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए लाया गया विधेयक है। जबकि, अमित शाह ने कहा कि यह बिल .001 फीसदी भी देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है। जबकि, दूसरी तरफ नागरिक संशोधन बिल पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और आजमगढ़ से सांसद अखिलेश यादव ने कहा- हम नागरिक संशोधन बिल के खिलाफ हैं और पार्टी हर कीमत पर इसका विरोध करेगी।
इस विधेयक के कारण पूर्वोत्तर के राज्यों में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं और काफी संख्या में लोग तथा संगठन विधेयक का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे असम समझौता 1985 के प्रावधान निरस्त हो जाएंगे जिसमें बिना धार्मिक भेदभाव के अवैध शरणार्थियों को वापस भेजे जाने की अंतिम तिथि 24 मार्च 1971 तय है। प्रभावशाली पूर्वोत्तर छात्र संगठन (नेसो) ने क्षेत्र में दस दिसम्बर को 11 घंटे के बंद का आह्वान किया है।
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नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसम्बर 2014 तक भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध शरणार्थी नहीं माना जाएगा बल्कि उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी। यह विधेयक 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा का चुनावी वादा था। भाजपा नीत राजग सरकार ने अपने पूर्ववर्ती कार्यकाल में इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया था और वहां पारित करा लिया था। लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों में प्रदर्शन की आशंका से उसने इसे राज्यसभा में पेश नहीं किया। पिछली लोकसभा के भंग होने के बाद विधेयक की मियाद भी खत्म हो गयी।
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नागरिकता (संशोधन) बिल के पास होने पर पीएम मोदी ने जताई खुशी
लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक के पारित होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जताई। उन्होंने लिखा, "लंबी और विस्तृत बहस के बाद लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक के पास होने पर खुश हूं। बिल का समर्थन करने वाले अलग-अलग दलों और सांसदों का मैं धन्यवाद करता हूं। यह विधेयक भारत के सदियों पुराने लोकाचार और मानवीय मूल्यों में विश्वास के अनुरूप है।"
Delighted that the Lok Sabha has passed the Citizenship (Amendment) Bill, 2019 after a rich and extensive debate. I thank the various MPs and parties that supported the Bill. This Bill is in line with India’s centuries old ethos of assimilation and belief in humanitarian values.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 9, 2019
लोकसभा में पास हुआ नागरिकता संशोधन विधेयक 2019
लोकसभा ने नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी दे दी । विधेयक के पक्ष में 311 मत और विरोध में 80 मत पड़े ।
Citizenship Amendment Bill, 2019 passed in Lok Sabha with 311 'ayes' & 80 'noes'. https://t.co/InH4W4dr4F pic.twitter.com/Nd4HpkjlEo
— ANI (@ANI) December 9, 2019
नागरिकता संशोधन विधेयक पर लोकसभा में वोटिंग की प्रकिया शुरू
नागरिकता संशोधन विधेयक पर लोकसभा में वोटिंग की प्रकिया शुरू
LIVE | नागरिकता संशोधन विधेयक पर लोकसभा में वोटिंग की प्रकिया शुरू
— Hindustan (@Live_Hindustan) December 9, 2019
अपडेट्स: https://t.co/8dPWIPrW5P#CitizenshipAmendmentBill2019 #LokSabha pic.twitter.com/9oXqmbK9kH
रोहिंग्या को कभी नहीं किया जाएगा स्वीकार: शाह
अमित शाह ने कहा कि देश में किसी शरणार्थी नीति की जरूरत नहीं है, भारत में शरणार्थियों के संरक्षण के लिए पर्याप्त कानून हैं। शाह ने आगे कहा कि रोहिंग्या को कभी भी स्वीकार नहीं किया जाएगा।
'किसी एक धर्म के लोगों के लिए नहीं लाया गया ये कानून'
नागरिकता संशोधन विधेयक पर जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि ये कानून किसी एक धर्म के लोगों के लिए नहीं लाया गया है। ये सभी प्रताड़ित अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए है। इसलिए इसमें आर्टिकल-14 का उल्लंघन नहीं होता।
बिल गैर संवैधानिक नहीं: शाह
अमित शाह ने कहा कि कई सदस्यों ने आर्टिकल-14 का हवाला देते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया। मैं कहना चाहता हूं कि किसी भी तरह से ये बिल गैर संवैधानिक नहीं है। न ही ये आर्टिकल-14 का उल्लंघन करता है।
धर्म के आधार पर हुआ विभाजन इसलिए बिल लाने की पड़ी जरूरत: शाह
नागरिकता संशोधन बिल पर जारी सदन में बहस को लेकर जवाब देते हुए शाह ने कहा कि धर्म के आधार पर विभाजन नहीं होता तो बिल लाने की जरूरत नहीं पड़ती।
ओवैसी ने किया इस बिल का विरोध
असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध किया। ओवैसी ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक मजहब की बुनियाद बनाया जा रहा है। ओवैसी ने इस बिल को सुरक्षा के लिहाज से बलंडर बताया। यह कानून दोबारा बंटवारे के लिए बनाया जा रहा है। यह तो हिटलर के कानून से भी बदतर है। हम मुसलमानों का गुनाह क्या है। ओवैसी ने कहा कि मैं इस बिल को फाड़ता हूं क्योंकि यह हिन्दुस्तान को तोड़ने का काम करता है।
बीजेपी भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की दिशा में बढ़ रही है: कांग्रेस
नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में बोलते हुए लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम इस विधेयक का विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि यह भेदभावपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि इस बिल के बारे में पढ़ने के बाद मुझे लगता है कि आप भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए इस दिशा में जा रहे हैं। यह बिल धर्म की भावना पर आधारित है। हर धर्म के लोगों ने अपना खून बहाया है उसके बाद जाकर यह हिन्दुस्तान बना है। मैं कहना चाहता हूं कि इस हिन्दुस्तान को जोड़ने का काम करें, तोड़ने का नहीं।
कांग्रेस ने किया इस विधेयक का किया विरोध
नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध का कांग्रेस ने विरोध किया। लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम इस विधेयक का विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि यह भेदभावपूर्ण है।
तेलंगाना राष्ट्र समिति ने भी बिल का विरोध किया
टीआरएस सांसद नामा नागेश्वर राव ने लोकसभा में कहा कि हम इस नागरिकता संशोधन विधेयक बिल का विरोध करते हैं। हम भारतीय संविधान की आत्मा और प्रावधान को सख्ती से अनुसरण करते हैं।
Nama Nageswara Rao, Telangana Rashtra Samithi (TRS) in Lok Sabha: We oppose #CitizenshipAmendmentBill2019, in line with our secular party policy. We strictly follow the provisions & spirit of Indian Constitution. pic.twitter.com/7vGudIRRxQ
— ANI (@ANI) December 9, 2019
लोजपा ने भी किया बिल का समर्थन
लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किया। मैंने जितना इस बिल को पढ़ा और समझा है, उससे यह साफ तौर पर कह सकता हूं कि यह बिल कहीं से भी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ नहीं है। भ्रम फैलाया जा रहा है कि इससे भारत के मुसलमानों और अल्पसंख्यकों को परेशान किया जाएगा। इस बिल का भारत के अल्पसंख्यकों का कोई लेना देना नहीं है। ये सिर्फ उन तीन देशों के अल्पसंख्यकों के लिए है।सपा सासंद एस टी हसन ने नागरिकता संशोधन विधेयक का किया विरोध
सपा सासंद एसटी हसन ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक बिल का किया विरोध। उन्होंने कहा कि यह एनआरसी की भूमिका बना रहा है। मैं गृहमंत्री से पूछना चाहता हूं कि गरीब मुसलमान के पास पांच साल का भी सबूत नहीं है। जब एनआरसी लागू हो जाएगा हम गरीब मुसलमान घुसपैठिए करार दिए जाएंगे।
नागरिकता संशोधन विधेयक का बसपा ने किया विरोध
नागरिकता संशोधन विधेयक पर बसपा सासंद अफजाल अंसारी ने कहा कि हम इस विधेयक का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी मुखिया मायावती जी ने भी इसका विरोध किया है, क्योंकि यह असंवैधानिक है।
एनसीपी ने किया नागरिकता संशोधन बिल का विरोध
एनसीपी ने किया नागरिकता संशोधन बिल का विरोध
एनसीपी सासंद सुप्रिया सदानंद सुले ने नागरिकता संशोधन विधेयक बिल का विरोध किया। सांसद सुप्रिया सुले ने गृह मंत्री से सवाल किया कि क्या एनआरसी असफल हो गया है, जिसकी वजह से यह बिल लाया गया है?
BJD ने किया नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन
बीजेडी नेता प्रसन्ना आचार्य ने कहा कि हम इस नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन करते हैं, मगर हमारा सुझाव है कि इसमें श्रीलंका को शामिल किया जाए क्योंकि क्योंकि अतीत में अल्पसंख्यकों के प्रति दुर्व्यवहार की खबरें भी आईं हैं। इसके अलावा सरकार को इस बात की गलतफहमी दूर करनी चाहिए कि बिल मुसलमानों के खिलाफ है।
Prasanna Acharya, BJD: We'll support #CitizenshipAmendmentBill but our suggestion is to include Sri Lanka in it because there were reports about mistreatment towards minorities there in the past. Also, Govt should allay any misunderstanding that bill is against Muslims. pic.twitter.com/yNo2f6Dbe8
— ANI (@ANI) December 9, 2019
जदयू ने किया नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन
जदयू सांसद राजीव रंजन ने लोकसभा में कहा कि हम इस बिल का समर्थन करते हैं। अगर पाकिस्तान के सताए गए अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दी जाती है तो मुझे लगता है कि यह सही बात है।
Rajiv Ranjan Singh,JDU in Lok Sabha: We support this bill. This bill should not been seen in light of Indian citizens,both majority and minority. If persecuted minorities of Pakistan are given Indian citizenship then I think this is the right thing. #CitizenshipAmendmentBill pic.twitter.com/U4nF6Q2mp7
— ANI (@ANI) December 9, 2019
नागरिकता संशोधन विधेयक पर शिवसेना सांसद ने अमित शाह से पूछा सवाल
शिवसेना सांसद विनायक राउत ने नागरिकता संशोधन विधेयक बिल पर बहस के दौरान लोकसभा में सवाल किया कि बिल में उल्लिखित इन 6 समुदायों के कितने शरणार्थी भारत में रह रहे हैं? गृह मंत्री ने इसका जवाब नहीं दिया कि नागरिकता मिलने पर हमारी आबादी कितनी बढ़ जाएगी? इसके अलावा, श्रीलंका से आने वाले तमिलों के बारे में क्या?
Vinayak Raut,Shiv Sena: How many refugees from these six communities which are mentioned in the Bill are living in India? HM has not answered this, how much will our population increase when they get citizenship? Also, what about Tamils from Sri Lanka? pic.twitter.com/gJzUAmGEwG
— ANI (@ANI) December 9, 2019
सम्मान के साथ भारत के नागरिक बन जाएंगे: शाह
शाह ने लोकसभा में कहा कि इस विधेयक को इस महान सदन की अनुशंसा मिलने के बाद ही लाखों करोड़ों लोग यातना पूर्ण जीवन से मुक्त हो जायेंगे और सम्मान के साथ भारत के नागरिक बन जाएंगे।
हमने एकल नागरिकता का प्रावधान किया: शाह
अमित शाह ने कहा कि किसी भी देश की सरकार का ये कर्तव्य है कि सीमाओं की रक्षा करे, घुसपैठिओं को रोके, शरणार्थियों और घुसपैठिओं की पहचान करे। कौन सा ऐसा देश है जिसने बाहर के लोगों को नागरिकता देने के लिए कानून न बनाया हो। हमने भी ऐसा कानून बनाया है। हमने एकल नागरिकता का प्रावधान किया है।