
प्रॉपर्टी से जुड़ी इच्छाएं पूरी करने के लिए फेमस हैं साउथ का ये मंदिर, जानें विशेषताएं और पहुंचने का तरीका
संक्षेप: इस मंदिर को लेकर लोगों का कहना है कि यहां दर्शन करने आए श्रद्धालु की भूमि और संपत्ति से संबंधित सभी इच्छाओं को भगवान जरूर पूरा करते हैं। आइए जानते हैं क्या है इस मंदिर की विशेषताएं और पहुंचने का सही तरीका।
प्रॉपर्टी के आसमान छूते रेट को देखते हुए मेट्रो सिटीज में अपना घर या कोई प्रॉपटी लेना , किसी सपने से कम नहीं है। अपने इस सपने को पूरा करने के लिए लोग दिन-रात कड़ी मेहनत करते हैं। लेकिन कड़ी मेहनत के बावजूद हर किसी के लिए यह सपना पूरा करना संभव नहीं हो पाता है। अगर आप भी अपना जमीन जायदाद बनाने का सपना पूरा नहीं कर पा रहे हैं तो तुरंत कर्नाटक के कल्लहल्ली में स्थित श्री भू-वराह स्वामी मंदिर के दर्शन के लिए निकल पड़िए। जी हां, इस मंदिर को लेकर लोगों का कहना है कि यहां दर्शन करने आए श्रद्धालु की भूमि और संपत्ति से संबंधित सभी इच्छाओं को भगवान जरूर पूरा करते हैं। आइए जानते हैं क्या है इस मंदिर की विशेषताएं और पहुंचने का सही तरीका।
श्री भू-वराह स्वामी मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा
श्री भू-वराह स्वामी मंदिर से जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने वराह अवतार में धरती माता (भू-देवी) को दानव हिरण्याक्ष से बचाया था। इस मंदिर में भगवान वराह अपनी पत्नी भू-देवी के साथ विराजमान हैं, जो भूमि और समृद्धि की प्रतीक हैं। भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में प्रार्थना करने से भूमि खरीदने, घर बनाने, संपत्ति विवाद सुलझाने और निर्माण कार्यों में सफलता मिलती है।
भूमि और संपत्ति से जुड़ी मनोकामनाएं
श्री भू-वराह स्वामी मंदिर, भगवान विष्णु के तीसरे अवतार, वराह (सुअर रूप) को समर्पित एक प्राचीन और शक्तिशाली तीर्थ स्थल है। यह मंदिर विशेष रूप से उन भक्तों के बीच प्रसिद्ध है जो नया घर बनाने या जमीन खरीदने जैसी इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करने आते हैं। इस मंदिर की एक अनूठी परंपरा है। जिसमें मृत्तिका पूजा के दौरान भक्त मंदिर परिसर से मिट्टी लेते हैं और पूजा के लिए दो ईंटें खरीदी जाती हैं। जिसमें से एक ईंट मंदिर में रखी जाती है और दूसरी घर ले जाकर पूजा के लिए उत्तर-पूर्व दिशा में रखी जाती है। भक्तों का विश्वास है कि यह अनुष्ठान भूमि और संपत्ति से संबंधित इच्छाओं को पूरा करता है।
श्री भू-वराह स्वामी मंदिर की विशेषताएं
श्री भू-वराह स्वामी मंदिर में 14-18 फीट ऊंची भगवान वराह की शालिग्राम पत्थर की मूर्ति है, जिसमें भू-देवी उनकी गोद में विराजमान हैं। मंदिर का शांत वातावरण और नदी के किनारे का प्राकृतिक सौंदर्य भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है। मंदिर में मुफ्त प्रसाद भोजन की व्यवस्था, जो सभी भक्तों के लिए उपलब्ध है। यह मंदिर द्रविड़ वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है, जिसका मध्यकालीन चोलों और थंजावुर नायक राजवंश द्वारा विस्तार किया गया।
श्री भू-वराह स्वामी मंदिर कैसे पहुंचें
कल्लहल्ली मंदिर, मैसूर से लगभग 50 किमी दूर है। यहां भक्त बस या अपने निजी वाहन से पहुंच सकते हैं। मंदिर खुलने का समय सुबह साढ़े 9 बजे से दोपहर डेढ़ और दोपहर साढ़े 3 से शाम 7 बजे तक का है। मंदिर जाने के लिए सप्ताह के अंत में प्लान ना बनाएं, सप्ताहांत में भीड़ अधिक होती है।

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