टीनएज हो गए बेटे या बेटी की परवरिश में रहे सतर्क नहीं तो मां-बाप से दूर हो जाएंगे
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन।
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन द्वारा हाल ही में टीनएज और मानसिक स्वास्थ्य पर एक अध्ययन किया गया है। वॉशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित खबर के अनुसार इस अध्ययन में माता-पिता और उनके किशोर बच्चों ने हिस्सा लिया। 64 प्रतिशत अभिभावकों ने कहा कि वे अपने किशोर होते बच्चों को भावनात्मक तौर पर पूरी तरह सहयोग करते हैं। वहीं 68 प्रतिशत टीनएजर ने कहा कि उनके माता-पिता उन्हें समझते ही नहीं हैं। 56 प्रतिशत टीनएजर कहते हैं कि वो अपने दिल की बातें अपने पेरेंट्स को नहीं बताते। कारण, वो उनकी बातें, उनका पक्ष नहीं समझते। 25 प्रतिशत टीनएजर ने माना कि उनके माता-पिता हर समय उनके लिए उपलब्ध रहते हैं। 36 प्रतिशत मांओं ने कहा कि उनके टीनएजर बेटी या बेटे का व्यवहार उनके साथ बदल गया है। इस अध्ययन के नतीजों पर आधारित अभिभावकों और टीनएजरों के काउंसिलिंग की भी व्यवस्था की जा रही है। इस अध्ययन ने जुड़े डॉक्टर डोरोथी वड्र्स कहती हैं, ‘जेनरेशन जेड के टीनएजर्स की दुनिया तेजी से बदल रही है। उनकी महत्वाकांक्षाएं, कुंठाएं और प्राथमिकताएं बेहद अलग हैं। इस प्रतिभाशाली पीढ़ी को समाज और अभिभावकों का कम सहयोग मिल रहा है।’ इस अध्ययन में यह बात भी सामने आई कि यह पीढ़ी अपने बलबूते आगे बढ़ना चाहती है और पुराने नियमों को मानने में उनकी खास रुचि नहीं रहती।
जुए की शौकीन हो रही हैं महिलाएं
वैसे यह खबर ब्रिटेन से जुड़ी हुई है, पर माना जा रहा है कि दुनिया भर में महिलाओं का एक प्रतिशत ऑनलाइन गेम्स और जुए की लत का शिकार हो रहा है। डेली मेल में प्रकाशित समाचार के मुताबिक इस समय ब्रिटेन में हर 40 में से एक व्यक्ति को जुए की लत लग चुकी है।
गौरतलब है कि पिछले पांच सालों में जुआ खेलने वाली महिलाओं की संख्या में अच्छा-खासा इजाफा हुआ है और यह लगभग आठ गुना बढ़ गया है। एक लाख लोगों पर किए गए इस अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि पिछले दो सालों में 18 से 34 साल की महिलाएं जुआ खेलने लगी हैं। गैम्र्बंलग कमीशन के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ऑफ रिसर्च एंड पॉलिसी के प्रोफेसर टिम मिलर कहते हैं, ‘इंग्लैंड की लगभग चार प्रतिशत महिलाएं गैम्बलिंग में पैसा लगा रही हैं। इस लत की वजह से उन्हें लाखों का नुकसान हो रहा है। इस लत को दूर करने के लिए हम कई उपाय कर रहे हैं। पर जरूरी है कि ऑनलाइन या ऑफलाइन जुए पर पैसे लगाते समय लोग सतर्क रहें। इसे नशे या पैसा कमाने का जरिया की तरह ना लें।’
प्रीति सूदन यूपीएससी की नई अध्यक्ष बनीं
भूतपूर्व स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन संघ लोक सेवा आयोग की नई अक्ष्यक्ष नियुक्त हुई हैं। 1983 बैच की आईएएस अधिकारी इससे पहले कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुकी हैं। 64 वर्ष की प्रीति सूदन मूलत: आंध्र प्रदेश की हैं। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई करने के बाद कुछ वर्षों तक उन्होंने र्वांशगटन में भी काम किया। प्रीति सूदन सेवा निवृत्ति के बाद भी लगातार काम कर रही हैं।
पूजा नहीं बन सकेगी आईएएस अधिकारी
पूजा खेडकर के बारे में बात करना इसलिए भी जरूरी है, ताकि अपने करियर को ले कर आगे बढ़ने का सोच रखने वाली युवतियां उनकी तरह गलत कदम ना उठाएं। आईएएस प्रशिक्षु बनने के बाद से उनकी अजीबोगरीब मांगें मीडिया में सुर्खियां बनी। इसके बाद उनके फर्जी सर्टिफिकेट को लेकर भी बात उठी। अब यूपीएससी ने गहन जांच के बाद यह घोषणा कर दी है कि पूजा खेडकर की उम्मीदवारी खत्म हो गई है और वो भविष्य में भी दोबारा यह परीक्षा नहीं दे पाएंगी। आयोग ने कहा कि पूजा खेडकर ने इस पूरी प्रक्रिया में धोखाधड़ी की है, फर्जी पहचान पत्र दिया है और कई प्रावधानों का उल्लंघन किया है।
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