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आपके फ्लैट को हरा-भरा रखें वर्टिकल गार्डन

सोसाइटियों और फ्लैटों में जगह की कमी की वजह से लोगों का झुकाव वर्टिकल गार्डनिंग की ओर ज्यादा दिख रहा है। जिनके घर में इस तरह के गार्डन हैं, वे इसका महत्व भी जानते हैं। बागवानी के शौकीन लोगों का झुकाव...

आपके फ्लैट को हरा-भरा रखें वर्टिकल गार्डन
हिन्दुस्तान फीचर टीम,नई दिल्ली Sat, 15 Dec 2018 01:39 PM
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सोसाइटियों और फ्लैटों में जगह की कमी की वजह से लोगों का झुकाव वर्टिकल गार्डनिंग की ओर ज्यादा दिख रहा है। जिनके घर में इस तरह के गार्डन हैं, वे इसका महत्व भी जानते हैं। बागवानी के शौकीन लोगों का झुकाव आजकल वर्टिकल गार्डनिंग की तरफ देखने को मिल रहा है। इस तरह की गार्डनिंग इंडोर और आउटडोर दोनों ही जगहों के लिए उपयुक्त रहती है। यह नई तकनीक है। वर्टिकल गार्डन की खास बात यह है कि इसमें पेड़ पौधों को जमीन पर न उगाकर बाउंड्री वॉल, घर की दीवारों पर उगाया जाता है, जिससे मकान के बेकार स्पेस का भी इस्तेमाल हो जाता है। दिलचस्प यह भी है कि इसमें फूलों के साथ-साथ सब्जियों और फलों के पौधे भी लगाए जा सकते हैं। कम जगह में भी आप बागवानी के शौक को कैसे पूरा कर सकते हैं, जानकारी दे रहे हैं ऋषभ सक्सेना

दीवारों को करें हरा-भरा
घर की दीवारें वर्टिकल गार्डन के लिए बहुत उपयुक्त रहती हैं। अगर आपको अपना र्लिंवग एरिया बहुत अच्छा लगता है तो आप उसकी दीवार पर वर्टिकल गार्डन बना सकते हैं। दीवार पर आप चाहें तो वुडन फ्र्रेंमग कराकर इसमें अपनी पसंद के पौधों को जगह दे सकते हैं। घर की किसी भी बड़ी दीवार पर वुडन फ्र्रेंमग करवाएं और इसमें फर्न और मॉस के पौधे लगाएं। फर्न और मॉस को फ्रेम में ऐसे प्लेस करें कि वो एक र्पेंंटग की तरह लगें। इसके लिए आप डार्क और लाइट कलर के पौधों का प्रयोग करें। बस, ध्यान रखें कि दीवार पर सूरज की रोशनी आती हो। अगर आपका घर छोटा है तो भी आप वर्टिकल गार्डन को अपने घर में जगह दे सकते हैं। बस छोटी-छोटी बास्केट लाकर उन्हें अपनी पसंद की दीवार पर फिट करवा दें। अब इनमें अपनी पसंद के पौधे लगाएं। कोशिश करें कि पौधे कम ग्रोथ वाले हों, क्योंकि अगर पौधों की ग्रोथ ज्यादा होगी तो उनका ख्याल भी ज्यादा रखना होगा।

सुकून देने वाली बालकनी बनाएं
बालकनी ऐसी जगह होती है, जहां थोड़ी देर ही बैठकर सुकून सा मिल जाता है। सुबह का वक्त हो या शाम का, कैसा लगेगा जब आप चाय का कप हाथ में लिए बालकनी में पहुंचें और वहां हरी-भरी छोटी-सी बगिया आपका स्वागत करे। ऐसे में बालकनी में वर्टिकल गार्डन का आइडिया काफी अच्छा साबित होता है। बालकनी में आप खुशबूदार फूलों वाली बेल लगाएं तो अच्छा रहेगा। इससे आप गर्मियों के दिनों में तरोताजा महसूस करेंगे। अगर यहां जगह ज्यादा न हो तो वर्टिकल प्लेट लगा सकते हैं। रात के समय यहां पर लैंप आदि लगाने से बालकनी की सुंदरता में चार चांद लग जाएंगे। इसके अलावा बालकनी की दीवारों पर भी छोटे-छोटे वुडन पैलट की सहायता से वर्टिकल गार्डन बना सकते है।

छोटे घर के लिए विकल्प 
अगर आपका घर छोटा है तो निराश होने की जरूरत नहीं है। आप भी वर्टिकल गार्डन को अपने छोटे से आशियाने में जगह दे सकते हैं। इसके लिए बस अपनी पसंद की छोटी-छोटी बास्केट लाकर उन्हें दीवार पर फिट करवा दें। अब इनमें अपनी पसंद के मनचाहे खुशबूदार फूल वाले पौधे लगवा सकते हैं। कोशिश करें कि ये पौधे कम ग्रोथ वाले हों, ताकि इनकी आसानी से केयर की जा सके। हब्र्स के शौकीन लोगों के लिए वर्टिकल गार्डन एक बेहतरीन विकल्प है, क्योंकि हर्बल प्लांट्स को ज्यादा पानी या धूप की जरूरत नहीं होती है। इनका ख्याल रखना भी आसान होता है। किचन में पड़े पुराने डिब्बे, टिफिन बॉक्स, जार, बोतल आदि को वुडन वॉल में फ्रेम करवाकर इसमें अपनी पसंद के हर्बल प्लांट लगाएं।

पौधों में पानी का रखें ध्यान
वर्टिकल गार्डन में लगने वाले ऐसे पौधों को चुनें, जिन्हें बहुत कम पानी की आवश्यकता पड़ती हो। इस प्रकार के बहुत से पौधे हैं, जैसे बोगनवेलिया, ग्रास प्लांट, कैक्टस आदि। जहां तक हो सके, स्थानीय पौधों को ही वर्टिकल गार्डन में लगाएं। ये पौधे स्थानीय वातावरण में जीवित रहने के लिए अनुकूल होते हैं और इन्हें पानी कम देना पड़ता है। पौधों का नियोजन इस प्रकार करें कि वे सभी पौधे, जिन्हें समान मात्रा में पानी की जरूरत हो, एक जगह रखें। इसके लिए वर्टिकल गार्डन में ड्रिप वॉटर सप्लाई सिस्टम का उपयोग कर सकते हैं। इसमें सभी पौधों की जड़ों तक पतली पाइपें बिछाई जाती हैं। इन पाइपों में पौधों की जड़ों के पास एक छोटा छेद रहता है, जिसमें से पानी टपकता रहता है। इससे पौधे को उतना ही पानी प्राप्त होता है, जितना जरूरी हो।

कम होगा प्रदूषण
वर्टिकल गार्डन से प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इन दिनों गाड़ियों से सड़कों पर होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने की तर्ज पर फ्लाई ओवरों के पिलरों पर वर्टिकल गार्डन बनाये जा रहे हंै। हवा को शुद्ध करने के उद्देश्य से कई जगह सरकार ने कई प्लांट भी लगाए हैं। वर्टिकल गार्डन के द्वारा पिलर्स पर फ्रेम बनाकर छोटे-छोटे गमलों के पौधों को इस तरह से लगाया जाता है कि वे सीधे एक के ऊपर एक हो जाते हैं और पूरा पिलर या दीवार हरी-भरी दिखाई देने लगती है। वायु प्रदूषण से निपटने के लिए भारत में वर्टिकल गार्डन एक बेहतर विकल्प हो सकता है। गौरतलब है कि प्रदूषण गाड़ी, फैक्टरी, सिगरेट-बीड़ी आदि से ही नहीं, अगरबत्तियों के धुएं से भी फैलता है। इस तरह के प्रदूषण से निपटने के लिए वर्टीकल गार्डन बेहतर विकल्प है।

ऐसे करें देखभाल
’इंडोर वर्टिकल गार्डन में पानी की मात्रा बाकी की तुलना में 25-30 प्रतिशत व आउटडोर में 80 प्रतिशत तक होती है ’अगर घर के अंदर वर्टिकल गार्डन बना रहे हैं तो पौधों में सुबह में पानी दें और अगर वर्टिकल गार्डन आउटडोर साइड हो तो किसी भी समय पानी दिया जा सकता है ’हर तीन महीने में पौधों की खाद बदलें और समय-समय पर इनकी छंटाई भी करते रहना चाहिए ’बालकनी में बने गार्डन के पौधों की सही से देखभाल के लिए मेटल स्टिक का प्रयोग करें।

(इंद्रप्रस्थ हॉर्टिकल्चर सोसाइटी के अध्यक्ष कृष्ण गुप्ता से की गई बातचीत पर आधारित)

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