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विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस : अभी लंबा सफर तय करना बाकी

सैनिटरी पैड ज्यादातर प्लास्टिक के बने होते हैं और इनमें सेल्यूलोज गम के साथ-साथ शोषक तत्व भी होते हैं, जो किसी तरल पदार्थ को जेल में बदल देते हैं। इस तरह की चीजों से तैयार होने वाले सैनिटरी नैपकिन...

विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस : अभी लंबा सफर तय करना बाकी
लाइव हिन्दुस्तान टीम ,नई दिल्ली Wed, 27 May 2020 04:54 PM
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सैनिटरी पैड ज्यादातर प्लास्टिक के बने होते हैं और इनमें सेल्यूलोज गम के साथ-साथ शोषक तत्व भी होते हैं, जो किसी तरल पदार्थ को जेल में बदल देते हैं। इस तरह की चीजों से तैयार होने वाले सैनिटरी नैपकिन पयार्वरण के लिए बेहद हानिकारक होते हैं, क्योंकि इनमें उचित निपटान प्रणालियों की पयार्प्त कमी होती है। ऐसे में ये कई बार बहकर समंदर में चले जाते हैं और इनसे शहरी इलाकों में सीवर के जाम होने का भी खतरा बना रहता है। इन सारी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सिरोना (पीबडी) की चिकित्सा व सीएसआर विभाग की निदेशक डॉ. दीक्षा एस. चड्ढा का कहना है कि अब पयार्वरण के अनुकूल विचारों पर गौर फरमाया जाना चाहिए, क्योंकि इनमें से अधिकांश सामग्रियों का पुन: उपयोग किया जा सकता है और इन्हें डिस्पोजल भी आसानी से किया जा सकता है। वह बताती हैं, इन डिस्पोजेबल विकल्पों में बायोडिग्रेडेबल पैड्स और ऑर्गेनिक टैम्पोन या कार्डबोर्ड एप्लिकेटर के साथ टैम्पोन इत्यादि शामिल हैं।

बायोडिग्रेडेबल पैड जैव-प्लास्टिक और प्राकृतिक यौगिकों जैसे कपास, बनाना या केले से प्राप्त फाइबर, बांस और इसी तरह के उत्पादों के समुचित अनुपात से बने होते हैं। इनमें भी तरल को सोखने की बेहतर क्षमता होती है और इन्हें खाद के गड्ढे में भी डाला जा सकता है। इनमें मौजूद बायो-प्लास्टिक की मात्रा के आधार पर ये कुछ महीनों से लेकर सालों में खाद में बदल जाते हैं। मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बरतने की बात पर डॉ. चड्ढा ने कुछ उपाय भी बताए हैं। फिर से उपयोग किए जाने वाले पैड : इस विकल्प में कपड़ों से बने पैड को शामिल किया जा सकता है, जिनमें विंग्स या बटन की सुविधा रहती है। इन्हें धोकर इनका दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। कपड़े की गुणवत्ता के आधार पर इन्हें 200-400 साफ कर इनका उपयोग किया जा सकता है। इन्हें कीटाणुओं से बचाए रखने के लिए धूप में सुखाया जाना चाहिए।

पीरियड पैंटी : ये भी दोबारा उपयोग में लाए जाने वाले पैड की तरह होती हैं, जिनमें पहले से कॉटन की पट्टी लगी होती है, जिससे स्राव को रोकने में मदद मिलती है।

मेंस्ट्रुअल कप : इनका उपयोग एक बार में छह से सात घंटे के लिए किया जा सकता है। इसके बाद इसे साफ कर दोबारा से इस्तेमाल किया जा सकता है। माहवारी के दौरान कप को केवल एक बार स्टीम स्टरलाइजेशन (जिसके लिए उपकरण अब बाजार में उपलब्ध हैं) करने की जरूरत पड़ती है या इन्हें धोने के लिए डिसइंफेक्टेड वॉश का भी उपयोग किया जा सकता है। ये उपयुक्त सिलिकॉन से बने होते हैं और अगर इनका सही से रखरखाव किया जाए, तो यह 3-5 या 1० साल तक चल सकते हैं। ये पयार्वरण के अनुकूल होने के साथ ही साथ किफायती और चिकित्सकीय रूप से सुरक्षित होते हैं। 

ऑक्सो-बायोडिग्रेडेबल बैग : आजकल बाजारों में ऑक्सो-बायोडिग्रेडेबल बैग भी उपलब्ध हैं, जिन्हें आराम से बिना किसी फिक्र के फेंका जा सकता है। हालांकि नगर निगम के निदेशोर्ं के अनुसार, सार्वजनिक शौचालय का उपयोग करते समय इन्हें सही कूड़ेदान में फेंका जाना चाहिए या घर पर भी बाकी के कूड़ों से अलग कर फेंका जाना चाहिए।
 

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