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क्या है नाखूनों के पास की त्वचा चबाने की आदत यानी एसपीडी, जानें इसके बारे में

कुछ लोगों को नाखूनों के पास की त्वचा चबाने की आदत होती है। बार-बार ऐसा करते रहने पर कईबार खून आने लगता है, घाव हो जाते हैं व निशान पड़ जाते हैं। अगर ऐसा है तो यह महज आदत नहीं है। इसे स्किन पिकिंग...

क्या है  नाखूनों के पास की त्वचा चबाने की आदत यानी एसपीडी, जानें इसके बारे में
हिन्दुस्तान फीचर टीम,नई दिल्लीFri, 22 Feb 2019 01:17 PM
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कुछ लोगों को नाखूनों के पास की त्वचा चबाने की आदत होती है। बार-बार ऐसा करते रहने पर कईबार खून आने लगता है, घाव हो जाते हैं व निशान पड़ जाते हैं। अगर ऐसा है तो यह महज आदत नहीं है। इसे स्किन पिकिंग डिसॉर्डर यानी एसपीडी कहते हैं, जो मनोवैज्ञानिक विकार भी हो सकता है।.

क्या हैं लक्षण 

यह कहना मुश्किल है कि कभी-कभार तनाव या बेचैनी के क्षणों में नाखूनों के आसपास की त्वचा चबाने या नोचने लगना, कब आदत बन जाता है और फिर गंभीर समस्या। यह डिसॉर्डर बच्चों व बड़ों में किसी भी उम्र में हो सकता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। कुछ लोग तनाव के दौरान, अनजाने में नाखून के आसपास की त्वचा (क्यूटिकल्स) चबाने लगते हैं। ऐसा बार-बार करने पर उन्हें तनाव कम होने का एहसास होता है। धीरे-धीरे यह आदत बन जाती है। 

कई बार त्वचा के किसी संक्रमण या चोट के कारण भी व्यक्ति उस जगह को बार-बार खींचने लगता है, जिससे पहले से हुई समस्या और बढ़ जाती है। घाव भरने में समय लगता है। वहां होने वाली खुजली से त्वचा को बार-बार खींचने का मन होता है। कुछ में यह आनुवंशिक भी हो सकता है। जिनके मूड में तेजी से उतार-चढ़ाव आते हैं, उनमें भी इसके लक्षण मिलते हैं। 

स्किन पिकिंग डिसॉर्डर, को बॉडी फोकस्ड रिपिटिटिव बिहेवियर भी कहा जाता है। अपने व्यक्तित्व, पहचान को लेकर अति सतर्क व परफेक्शनिस्ट लोगों में भी इसके लक्षण देखने को मिल जाते हैं। नाखून या बाल खींचना या चबाना भी इसी में आता है। 

यह एक तरह का ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसॉर्डर है, जिसमें कोईव्यक्ति किसी खास काम को बार-बार दोहराने लगता है। यह जानते हुए भी कि ऐसा करना नुकसान पहुंचाएगा, वे खुद को रोक नहीं पाते। देर तक यही करते रहते हैं। हालांकि यह समझना जरूरी है कि कुछ में यह केवल एक आदत होती है और कुछ में यह मानसिक विकार का रूप ले लेती है। कब उपचार जरूरी है, इस बारे में कुछसवाल खुद से पूछें....

' क्या दिनभर में कई बार नाखूनों की त्वचा को चबाते हैं? .

' क्या त्वचा पर घाव हो गए हैं या उनसे खून आने लगा है? .

' आप खुद इस आदत को छोड़ना चाहते हैं? सब टोकते हैं? .

उपचार

एसपीडी को थेरेपी व दवाओं से ठीक किया जाता है। कितनी ही बार छोटे-छोटे उपायों से ही सुधार आने लगता है-.

हैबिट रिवर्सल ट्रेनिंग : इसके तहत थेरेपिस्ट उन हालात, तनाव व कारकों को समझने में मदद करते हैं, जिसमें व्यक्ति त्वचा को चबाने या खींचने के लिए प्रेरित होता है। ऐसे में थेरेपिस्ट आपको तनावपूर्ण हालात में कुछ और चीजें करने की सलाह देंगे। एक आदत को दूसरी आदत से पूरा करने की कोशिश की जाती है। जैसे, रबड़ की बॉल दबाते रहना, पेन के पीछे के बटन को बार-बार दबाना व छोड़ना आदि। इससे तनाव कम होता महसूस होगा और हाथ भी व्यस्त रहते हैं। 

त्वचा का ध्यान रखना : कईबार त्वचा रोग विशेषज्ञ अच्छी क्रीम या लोशन लगातार लगाते रहने की सलाह देते हैं। इससे त्वचा में नमी बनी रहती है। 

नाखूनों का ध्यान रखना : उंगलियों की सुंदरता का ध्यान रखें। हाथों की मालिश करें। मेनिक्योर करवाएं। 

ग्लव्स पहनना: इसे ट्मम्यिूलस कंट्रोल कहते हैं। इसमें थेरेपिस्ट कुछ समय तक आपको हाथों में दस्ताने, बड़े-बड़े नकली नाखून पहनने या बैंड पहनने की सलाह दे सकते हैं। नाखून बढ़ाना भी सहायक होता है।

फीचर डेस्क

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