मटकी दाल जिसे आमतौर पर मोठ या मट बीन कहा जाता है, यह टैन या लाइट ब्राउन कलर की होती है। यह आकार में आयताकार होता है और आमतौर पर भारतीय रसोई में किसी खास त्योहार या मौके पर बनाई जाती है। यह प्रोटीन से भरपूर होती है और हर भारतीय किराने की दुकान में आसानी से मिल जाती है। मटकी की दाल खरीदने से पहले उसकी चेक कर लेना चाहिए क्योंकि वह फटी नहीं होनी चाहिए और इसमें कोई मिलावट भी नहीं होनी चाहिए। इस दाल को हवाबंद सूखे डिब्बे में भरकर कई महीनों तक रखा जा सकता है। इसमें इम्युनिटी बढ़ाने के लिए जरूरी सभी पोषक तत्व होते हैं।
मटकी दाल के फायदे
एक कटोरी मटकी इम्युनिटी बूस्टर है। मोठबीन फाइबर, जिंक से भरपूर होता है। मांसपेशियों का निर्माण करता है और वेट लॉस के लिए फायदेमंद है। इस दाल की फलियों में विटामिन बी होता है, जो मानव शरीर के समुचित कार्य में मदद करता है। डॉक्टर हृदय रोगियों को कोलेस्ट्रॉल के स्तर और हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए अपने आहार में मोठ की फलियों को शामिल करने का सुझाव देते हैं। सबसे खास बात यह है कि हेल्थ के साथ यह दाल एंटी एजिंग भी है और आपकी स्किन को ग्लोइंग बनाने में मदद करती है। इसके अलावा अगर आपको सुबह शौच करने में परेशानी होती है, तो भी मटकी दाल खाने से पेट आसानी से साफ हो जाता है।
कैसे बनाएं
मोठ दाल को सबसे पहले अच्छी तरह से चेक करें। इनमें पत्थरों और दूसरी चीजों को निकाल दें। फिर उन्हें साफ पानी से अच्छी तरह से धोना होगा। पकाने से पहले इसे 4-6 घंटे के लिए ठंडे पानी में भिगोना होता है।
दाल के अलावा यह चीजें भी बनाएं
इन बीन्स का इस्तेमाल दाल बनाने के लिए करें, जो हर भारतीय घर में आम व्यंजन है। फलियों को अच्छी तरह उबाल लें, सब्जियों के साथ मिला लें और मसाले के मिश्रण के साथ सीजन करें ताकि यह स्वादिष्ट और स्वस्थ हो जाए। खिचड़ी बनाने के लिए मोठ की फलियों को अक्सर चावल के साथ मिलाया जाता है।मटकी बीन्स को सूखे मसाले में मिलाकर परांठे और पूरी में भर सकते हैं।मटकी पुलाव स्वादिष्ट ही नहीं पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इस पुलाव को आप दही या सब्जी के रायते के साथ खा सकते हैं।मटकी दाल का उपयोग पौष्टिक सूप बनाने के लिए किया जाता है।
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