अब कहां है किष्किंधा जहां मिले थे राम-हनुमान? चेक करें कितना तेज है आपका रामायण ज्ञान
Ramayan Places: राम 14 साल के वनवास में कहां-कहां भटके, यह तो आप रामायण की कथा से जान चुके होंगे। क्या आपको पता है कि इन जगहों को अब क्या कहते हैं। चेक करें आप कितनी जगहों को जानते हैं?

रामायण की कहानी सच है या नहीं इस बात पर अक्सर चर्चा की जाती है। इंटरनेट पर भी इसका जवाब खूब सर्च किया जाता है। हिंदू धर्म मानने वाले ज्यादातर लोग राम और उनकी कथा को सच मानते हैं। वहीं समय-समय पर कई ऐसी चीजें भी मिलती रहती हैं जिनका रामायण की कहानी में जिक्र किया गया है। लोगों को वो जगहें देखने की उत्सुकता होती है जहां राम ने वनवास काटा और लीलाएं कीं। अयोध्या, चित्रकूट, प्रयाग वगैरह तो सबको पता है। क्या आप जानते हैं, किष्किंधा और दंडकारण्य कहां हैं?
अयोध्या से श्रीलंका पहुंचे थे राम
कथाओं के मुताबिक, राम, लक्ष्मण और सीता ने अपना वनवास अयोध्या से शुरू किया और यह श्रीलंका पर खत्म हुआ। जिन जगहों का जिक्र है, वहां कई शोधकर्ता और पुरातत्विद जांच करते रहते हैं। बताया जाता है कि 14 साल के वनवास में राम करीब 17 जगहें ऐसी हैं जिनका कथा में वर्णन है।
अयोध्या
अयोध्या में भगवान राम पैदा हुए थे। यह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पास है। माना जाता है कि यहां के रामकोट इलाके में राम जन्मे थे। राम नवमी पर यहां श्रद्धालु जुटते हैं।
मिथिला
राजा जनक मिथिला के राजा थे। सीताजी का जन्म जनकपुर में हुआ था। यह अब नेपाल में है। मान्यता है कि सीताजी जमीन से पैदा हुई थीं। उन्हें भूसुता भी कहा जाता है।
प्रयाग
प्रयाग का वर्तमान नाम इलाहाबाद है। तमसा नदी, शृ्ंगेवेर, कुरई होते हुए राम प्रयाग पहुंचे थे। वनवास के बाद राम, सीता और लक्ष्मण का यह पहला ठहराव था। यहां से तीनों चित्रकूट पहुंचे थे।
चित्रकूट
माना जाता है कि राम ने अपने वनवास के 14 में से 12 साल चित्रकूट बिताए थे। राम को मनाने के लिए भरत चित्रकूट ही पहुंचे थे।
सतना
सतना मध्यप्रदेश में है। यह चित्रकूट के पास ही है। यहां भगवान राम जहां रुके थे उसे रामवन कहा जाता है।
दंडकारण्य
चित्रकूट से आगे बढ़कर राम जंगलों में भटके। आगे चलकर राम, लक्ष्मण और सीता दंडकारण्य पहुंचे थे। यहां ऋषि-मुनियों के आश्रम में रहे। यह जगह छत्तीसगढ़ के बस्तर में है। दंडकारण्य में एमपी के बालघाट और महाराष्ट्र के कुछ जिले आते हैं।
पंचवटी
मान्यताओं के मुताबिक, पंचवटी में सूर्पणखा राम और लक्ष्मण के पास विवाह का प्रस्ताव लेकर पहुंची थी। यहीं लक्ष्मण ने उसकी नाक काटी थी। इसके बाद रावण बदला लेने आया था। उसने पंचवटी से सीता का हरण किया था। यह जगह अब महाराष्ट्र में नासिक के नाम से जानी जाती है। वहां रामकुंड है। मान्यता है कि राम-सीता इसी में नहाते थे।
किष्किंधा
किष्किंधा वो जगह है जहां राम को हनुमान मिले थे। यह बाली और सुग्रीव का राज्य था। किष्किंधा कर्नाटक के कोपल जिले में हम्पी के पास है।
