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आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ मानसिक शांति भी बनाए रखता है उत्तानासन, जानें इसके फायदे और प्रक्रिया 

आयुर्वेद में खानपान के साथ योग को भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। आज हम आपको ऐसा ही आसन बताने जा रहे हैं, जो न सिर्फ आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनाता है बल्कि...

आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ मानसिक शांति भी बनाए रखता है उत्तानासन, जानें इसके फायदे और प्रक्रिया 
लाइव हिन्दुस्तान टीम ,नई दिल्ली Wed, 27 May 2020 03:19 PM
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आयुर्वेद में खानपान के साथ योग को भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। आज हम आपको ऐसा ही आसन बताने जा रहे हैं, जो न सिर्फ आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनाता है बल्कि मानसिक रूप से आपको शांत रखने में मदद भी करता है।
उत्तानासन को अंग्रेजी में इसे स्टैंडिंग फॉरवर्ड बेंड (Standing Forward Bend) के नाम से भी जानते हैं। योग के ऊपर हुए कई अध्ययनों में इस बात की पुष्टि की गई है कि उत्तानासन से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलती है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन के अनुसार, इस योगासन को करने से पूरे शरीर में रक्त का प्रवाह ठीक तरह से होता है। इसका सकारात्मक प्रभाव इम्यून सेल्स पर पड़ता है। इस कारण उत्तानासन योगासन इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में लाभदायक माना जाता है।

कैसे करें-
सबसे पहले किसी समतल स्थान पर योग मैट बिछा लें।
अब इस पर खड़े हो जाएं और पैरों के बीच में एक फीट की दूरी रखें।
अब अपने पैरों को सीधा रखें और एक गहरी सांस लेते हुए हाथों को नीचे की ओर ले आएं।
ध्यान रहे कि आपके पैर घुटने से न मुड़ें।
इसी अवस्था को बरकरार रखते हुए अपने हाथों से पैरों के अंगूठे को छूने की कोशिश करें।
जब आप यहां तक की प्रक्रिया को अच्छे से करने लगें तो उसके बाद अपने हाथों को पीछे की ओर ले जाएं।
अब एड़ी के ऊपरी हिस्से को (चित्रानुसार) पकड़ने की कोशिश करें।
थोड़ी देर इसी मुद्रा में रहें और फिर वापस सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
अब इसी चक्र को तीन-चार बार दोहराएं।


उत्तानासन के फायदे- 
यह दिखने में तो एक सरल सा आसन लगता है किंतु यह आपके शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित करता है।
मस्तिष्क को शांत करता है, साथ ही तनाव और हल्के डिप्रेशन में राहत देने में मदद करता है।
जिगर और गुर्दों के बेहतर कार्य पद्धति में मदद करता है।
हैमस्ट्रिंग, पिंडली, और कूल्हों में ज़रूरी खिचाव पैदा करता है।
जांघों और घुटनों को मज़बूत करता है।
पाचन में सुधार लाता है।
 

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