प्रदूषण से बचना है तो आजमाएं ये आयुर्वेदिक नुस्खे, नहीं पड़ेगा कोई बुरा असर
दिल्ली-एनसीआर में गंभीर श्रेणी में पहुंच चुका प्रदूषण लोगों के शरीर पर खतरनाक दुष्प्रभाव छोड़ रहा है, मगर कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे अपनाकर प्रदूषण के असर से काफी हद तक बचा जा सकता है। नगर निगम के प्रशांत...
दिल्ली-एनसीआर में गंभीर श्रेणी में पहुंच चुका प्रदूषण लोगों के शरीर पर खतरनाक दुष्प्रभाव छोड़ रहा है, मगर कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे अपनाकर प्रदूषण के असर से काफी हद तक बचा जा सकता है। नगर निगम के प्रशांत विहार स्थित पंचकर्मा अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक आर.पी पराशर के मुताबिक, प्रदूषण के असर को कम करने में स्वेदन प्रक्रिया और जलनेति बहुत ही कारगर हैं। एक रिपोर्ट...
स्वेदन प्रक्रिया भी कारगर
100 से 500 मिलीलीटर गरम पानी, दूध या चाय पीकर व मोटा कपड़ा ओढ़कर पसीना लाने से फेफड़ों तथा शरीर के अन्य अंगों में पहुंचे प्रदूषण के कण शरीर से बाहर निकल जाते हैं और शरीर को हानि नहीं पहुंचा पाते हैं।
खासी के लिए ये आजमाएं
डॉ. पराशर के मुताबिक, दूध या चाय में तुलसी, अदरक, लोंग, काली मिर्च उबालकर पीने से गले की खराश ठीक हो जाएगी और प्रदूषण कण भी शरीर से बाहर निकल जाएंगे। दूध में खजूर, छोटी पीपल, काली मिर्च और सौंठ उबालकर पीने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ेगी, इससे प्रदूषण से होने वाले रोगों से बचाव हो सकेगा। ये सभी उपाय दिन में एक बार करने से शरीर स्वस्थ रहेगा और प्रदूषण का शरीर पर कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होगा।
जलनेति से फायदा
जलनेति के अंतर्गत एक लोटे से गरम पानी को नाक के एक छिद्र में डालकर दूसरे से निकाला जाता है और फिर नाक में डालकर मुंह से निकाला जाता है। इससे श्वास पथ में चिपके प्रदूषण के हानिकारक कण शरीर से बाहर निकल जाते हैं और आगे फेफड़ों व श्वसन तंत्र में नहीं पहुंच पाते हैं।
इन चीजों से परहेज करें
चावल, दही, गोभी, मटर, मूली, उड़द की दाल जैसी ठंडी तासीर की चीजों का इन दिनों परहेज करना चाहिए। घीया, तोरी, टिंडा, पालक जैसी हरी सब्जियां तथा मूंग व मसूर की दाल का प्रयोग प्रदूषण से बचाव में कारगर है।
गुड़ और तुलसी श्वसन तंत्र के लिए लाभदायक
नियमित रूप से गुड़ का सेवन करने से श्वसन तंत्र बेहतर हो सकता है। गुड़ में प्रोटीन, फैट, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम और मैगनीज का मिश्रण होता है। इसके अलावा विटामिन बी, कैल्शियम, फास्फोरस, जिंक और कॉपर भी पाया जाता है। यह मिश्रण फेफड़ों के लिए लाभप्रद है। वहीं, तुलसी ज्यादातर बीमारियों में काम आती है।