इंट्रोवर्ट होना कोई डिसऑर्डर नहीं है, जानिए आप कैसे बढ़ा सकती हैं अपना सोशल सर्कल
हमारा व्यवहार भी उसी प्रकार का होने लगता है जैसे माहौल में हमारी परवरिश होती है। यही वजह है कि कुछ लोग बेहद हंसमुख और मुखर होते हैं, तो कुछ लोग शांत और अंतर्मुखी। ऐसा क्यों होता है।

अगर कोई व्यक्ति आपसे ज्यादा बात नहीं करता या हर छोटी-बड़ी बात को हंसी में नहीं उड़ा रहा, तो इसका ये अर्थ नहीं कि वो व्यक्ति किसी पर्सनैलिटी डिसऑर्डर का शिकार है। दरअसल, ऐसे लोग इन्ट्रोवर्ट होते है। बिना किसी को नुकसान पहुंचाएं और नीचा दिखाए अपनी बुद्धि और विवेक से किसी निष्कर्ष पर पहुंचने वाले लोग अर्तंमुखी कहलाते हैं। इसमें कोई दोराय नहीं कि हमारी परवरिश जिस माहौल में होती है। हमारा व्यवहार भी उसी प्रकार का होने लगता है। अर्तंमुखी लोग अक्सर गंभीर विचारधारा के होते हैं और समाज में उनकी एक स्वच्छ छवि भी विकसित होती है। बावजूद इसके ये लोग बहुत बड़ी मित्र संख्या में घिरे नहीं रहते हैं। जानते हैं इन्ट्रोवर्ट होने के संकेत (Signs of an introvert person) और इससे बाहर निकलने (how to stop being an introvert) के उपाय भी। अधिक जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें - इंट्रोवर्ट होना कोई डिसऑर्डर नहीं है, जानिए आप कैसे बढ़ा सकती हैं अपना सोशल सर्कल
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