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कोरोना से ठीक होने के बाद पानी और प्रोटीन का रखें खास ख्याल,जल्द रिकवरी में मदद करेंगे ये टिप्स

अगर आप संक्रमण से उबरकर सुधार के दौर में हैं तो अपने शरीर में पानी और प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा का विशेष ध्यान रखें। कोविड रिकवरी के दौर में कमजोर शरीर और स्वाद-गंध की कमी से आपको परेशानियां तो...

कोरोना से ठीक होने के बाद पानी और प्रोटीन का रखें खास ख्याल,जल्द रिकवरी में मदद करेंगे ये टिप्स
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीTue, 18 May 2021 08:46 AM
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अगर आप संक्रमण से उबरकर सुधार के दौर में हैं तो अपने शरीर में पानी और प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा का विशेष ध्यान रखें। कोविड रिकवरी के दौर में कमजोर शरीर और स्वाद-गंध की कमी से आपको परेशानियां तो आएंगी पर बेहतर खानपान आपको धीरे-धीरे अच्छे स्वास्थ्य की ओर ले जाएगा। आज रिकवरी के वक्त के खानपान के बारे में सलाह जानिए पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट व डायटीशियन स्वाति बाथवाल से। 

कई बार में थोड़ा-थोड़ा भोजन करें  
डायटीशियन स्वाति बाथवाल का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बाद मरीज के शरीर में बेहद कमजोरी आ जाती है, पाचन भी ठीक नहीं होता। ऐसे में वह एक बार में भरपूर भोजन नहीं कर सकता। ऐसे में जरूरी है कि उसे दो-तीन घंटों के अंतराल पर कुछ पौष्टिक भोजन दिया जाए। इस बात का भी ध्यान रखें कि मरीज की स्वाद और गंध शक्ति लौटने में 20 से 25 दिन लग सकते हैं। ऐसे में मरीज जो भी घर का बना भोजन मन से खाता हो, उसका बनाकर खिलाएं। अगर मरीज खाने में ना-नुकुर कर रहा है तो जो कुछ भी थोड़ी मात्रा में उसे खाने के लिए दे रहे हैं, उसमें एक चम्मच देशी घी या अल्सी का पाउडर मिला दें। इससे मरीज जितनी मात्रा में भी भोजन करेगा, उसे उसमें ही पर्याप्त कैलोरी मिल जाएगी जो उसे कमजोर नहीं होने देगी। 

प्रोटीन : दालें और अलसी मददगार 
 भोजन में प्रोटीन शामिल करने के लिए मरीज को दाल और बेसन की रोटी (गेहूं के आटे संग गूंथकर ) बनाकर खिलाएं। इसके अलावा, बची हुई रात से आंटा गूंथकर दाल की रोटी, दाल का चीला बनाकर खिलाना भी अच्छा है। इसके अलावा अलसी के पाउडर के रूप में बनाकर खिलाने से प्रोटीन की पूर्ति होगी। दलिया, ओट्स को जरूर शामिल करें। 

हाइड्रेशन : सत्तू और सब्जा के बीज खिलाएं 
शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा के लिए तुलसी या सब्जा के बीजों का पानी पीना लाभदायक होगा क्योंकि यह शरीर की गर्मी को कम करता है। इसके अलावा, नारियल का पानी पीना लाभदायक है। सत्तू का पानी या छाछ-दही में मिलाकर सत्तू पीने के लिए दिया जा सकता है। अगर छाछ-दही से सर्दी लगने का डर हो तो उसमें जीरा पाउडर मिला सकते हैं। नीबू पानी या शिकंजी भी मरीज को दी जा सकती है जिससे उसके शरीर में पानी की पूर्ति होगी। ध्यान रखें कि फ्रिज के पानी की जगह सादा पानी ही दिया जाए। इसके अलावा,  पके हुए चावल की कुछ मात्रा को एक गिलास पानी में डालकर सात-आठ घंटे तक रख देने के बाद जो पानी तैयार होगा, वह पेट को ठंडा रखने में मददगार होगा। 
 
एंटी इन्फ्लेमेशन : हल्दी-अखरोट उपयोगी
इन्फ्लेमेशन या सूजन संक्रमण से लड़ने के लिए शरीर का तंत्र है लेकिन कभी-कभी ये शरीर में स्वस्थ कोशिकाओं को प्रभावित करने लगता है। तब आपको एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट की जरूरत होती है। हल्दी पाउडर, अखरोट, सब्जा ऐसी खाद्य सामग्रियां हैं जो इन्फ्लेमेशन की समस्या को रोकने में मददगार हैं। 

इन तरीकों से बढ़ाएं इम्युनिटी 
-चुकुंदर, नाशपाती, सेब जैसे लाल रंग वाले फल खाने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।  
-मरीज आठ घंटे की नींद जरूर ले और मोबाइल या टीवी पर बिताने वाले समय को कम करें। 
-दूध की चाय की जगह ब्लैक टी पीने से इम्यूनिटी बढ़ेगी, सुबह नौ बजे से पहले की धूप में बैठें।
-विटामिन सी की मात्रा बढ़ाने के लिए हरे धनिए की चटनी, आंवला और नींबू के रस का सेवन करें।
-रिकवरी के वक्त मरीज प्राणायाम करे जिससे उसके शरीर में स्फूर्ति आएगी, मन तरोताजा होगा। 

काढ़ा एक बार ही पियें 
डायटीशियन स्वाति का कहना है कि रिकवरी के दौर से गुजर रहे मरीजों के शरीर में काढ़े की अधिकता से नुकसान हो सकता है। ध्यान रखें कि तेज गर्मी पड़ने लगी है, सिर्फ तुलसी की पत्ती, अदरक, हल्दी और काली मिर्च से ही काढ़ा बनाए और एक से अधिक बार न पियें। 

अगर डायबिटीज भी है तो ये करें 
कोरेाना संक्रमण से ठीक हो रहा मरीज अगर मधुमेह का भी रोगी है या उसके शुगर का स्तर बढ़ा हुआ है तो उसे बेहद सतर्कता बरतने की जरूरत है। डायटीशियन स्वाति का कहना है कि शुगर का स्तर शरीर में इन्फ्लेमेशन या इन्सुलिन के कारण भी हो सकता है। ऐसी स्थिति अकेले खानपान से नहीं संभाली जा सकती, जिसके लिए डॉक्टरी सलाह से दवाइयां लेनी होगी। साथ ही, मरीज को खानपान में फाइवरयुक्त खाद्य और दालचीनी (श्रीलंका वैरायटी वाली) ही लेनी चाहिए। इसके अलावा, प्रोसेज्ड फूड न खाएं। 

मरीज माहवारी में हो तो ये करें  
ऐसी महिलाओं को अपने शरीर में आयरन की मात्रा और पानी की पर्याप्त मात्रा को बनाए रखने वाले खाद्य पदार्थ खाने चाहिए और ज्यादा से ज्यादा आराम करने की आवश्यकता है। 

गंडूषा क्रिया से मुंह की सुरक्षा  
संक्रमण से उबर रहे लोगों के लिए तेल से कुल्ला करना या गंडूषा क्रिया लाभदायक हो सकती है क्योंकि यह हमारे मुंह को स्वस्थ रखती है। तिल के तेल या नारियल के तेल की एक चम्मच मात्रा लेकर निहार मुंह कुल्ला करना है। इसके बाद ही ब्रुख करें। रोज ऐसा करने से हमारे मुंह और पेट की गंदगी दूर होती है।

इसका ध्यान रखें 
-दूध में हल्दी के साथ काली मिर्च डालने पर ही हल्दी का लाभ मिलेगा।
-अलसी को हमेशा पाउडर के रूप में ही इस्तेमाल करें वरना ये पाचन में दिक्कत करेगी।
-दालचीनी की भारतीय वैरायटी के बजाय श्रीलंका वैरायटी ही डायबिटीज में मददगार। 

 

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