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बच्चे को सिखाएं डाइनिंग टेबल मैनर्स

बच्चों को अच्छे-बुरे की सीख देना अभिभावक का फर्ज होता है,क्योंकि व्यवहार संबंधी आदतें बच्चा घर से ही सीखता है। माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वह उसके विकास में संस्कारों की नींव डालें। कुछ माता-पिता...

बच्चे को सिखाएं डाइनिंग टेबल मैनर्स
स्मार्ट डेस्क,नई दिल्लीWed, 28 Aug 2019 01:57 PM
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बच्चों को अच्छे-बुरे की सीख देना अभिभावक का फर्ज होता है,क्योंकि व्यवहार संबंधी आदतें बच्चा घर से ही सीखता है। माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वह उसके विकास में संस्कारों की नींव डालें। कुछ माता-पिता अक्सर परेशान रहते हैं कि उनके बच्चे खाना उठाकर फेंक देते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि बच्चे वही करते हैं, जिसका असर होता देखते हैं। यदि उसका खाना फेंकना ध्यान आकर्षित करता है, तो वह बार-बार वही दोहराते रहते हैं। इसीलिए आप जो उससे चाहते हैं, उसी पर ध्यान दीजिए। तारीफ कभी बेकार नहीं जाती, इसलिए जब वे सही व्यवहार करें तो उनके टेबल एटीकेट्स की तारीफ़ जरूर करें। 

गलती को समझें
छोटे बच्चों को सिखाने में कठिनाई होती है मगर किशोर उम्र के बच्चों के साथ व्यवहार को बरकरार रखने में दिक्कत होती है। इस उम्र के बच्चे कभी जान-बूझकर और कभी अनजाने ही गलतियां करते हैं। जैसे खाने की बुराई या टेबल पर साथ में खाने के बजाय अकेले कमरे में खाने की जिद, लेकिन उन्हें सिखाना चाहिए कि ये दोनों ही बातें गलत हैं। मजाक में भी ऐसी आदतों को नजरअंदाज न करें, जो बाद में परेशानी का कारण बनें। जैसे आवाज निकालकर चबाना या पानी पीना। अपने बच्चों को बताएं कि फॉर्मल लंच या डिनर के दौरान जब तक होस्ट न कहे तब तक बैठना नहीं चाहिए। डाइनिंग टेबल मैनर्स का सबसे पहला उसूल है, मेजबान की सेटिंग को बनाए रखना। ग्लास-प्लेट वगैरह नियत स्थान पर ही रखना। 

धैर्य रखें
छोटे बच्चों से एक बार में ही सब सीख जाने की उम्मीद नहीं कर सकते, क्योंकि उनके लिए हर चीज एक खेल होती है, तो वे बार-बार भूलते हैं और बार-बार सीखते हैं. इसीलिए जरूरी है कि माता-पिता टेबल पर बच्चों से जिस-तरह के व्यवहार की उम्मीद करते हैं, उसे बचपन से उनके सामने दोहराते रहें, लेकिन ज्यादा बेहतर होगा कि खाने से संबंधित नियम और शिष्टाचार कहकर सिखाने के बजाय, उन्हें करके दिखाएं। उन्हें बताएं कि  डाइनिंग टेबल पर आने से पहले हाथ साफ़ हों। जब मुंह में खाना हो, तो बात नहीं करनी चाहिए। नैपकिन से मुंह पोंछें। घर या बाहर हेल्पिंग हैंड बनें। बनाने से लेकर जूठे बर्तन समेटने तक, जैसी भी हो मदद जरूर करें। मुंह खोलकर न चबाएं।


खेल-खेल में सिखाएं
पिक्चर बुक के जरिए कोई कहानी सुनाकर उन्हें बताया जा सकता है कि उनसे किस व्यवहार की उम्मीद की जा रही है। बच्चा बहुत छोटा हो तो एनिमेशन वीडियोज का सहारा ले सकते हैं। मैच द थिंग्स एक आसान गेम है, जिसमें किसी भी पेपर सीट पर टेबल अरेंजमेंट्स के मुताबि पिक्चर बनाकर बच्चों से कहें कि जहां जो सामान है, वहां वही समान मैच करके रखें। धीरे-धीरे उनके दिमाग में सही कॉन्सेप्ट बैठने लगता है।
  

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