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Hindi News लाइफस्टाइलSwami Vivekananda Jayanti : विवेकानंद रॉक मेमोरियल जहां सनसेट का दिलचस्प नजारा देखने दुनियाभर से आते हैं टूरिस्ट, जानें खास बातें

Swami Vivekananda Jayanti : विवेकानंद रॉक मेमोरियल जहां सनसेट का दिलचस्प नजारा देखने दुनियाभर से आते हैं टूरिस्ट, जानें खास बातें

कुछ महान विचारक ऐसे होते हैं, जिनके पूरे जीवन से हम कुछ न कुछ सीख सकते हैं।स्वामी विवेकानंद भी ऐसी ही शख्सियत हैं। 12 जनवरी 1863 को जन्में विवेकानंद के बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। उनके जीवन...

Swami Vivekananda Jayanti :  विवेकानंद रॉक मेमोरियल जहां सनसेट का दिलचस्प नजारा देखने दुनियाभर से आते हैं टूरिस्ट, जानें खास बातें
लाइव हिन्दुस्तान टीम ,नई दिल्ली Sat, 11 Jan 2020 04:23 PM
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कुछ महान विचारक ऐसे होते हैं, जिनके पूरे जीवन से हम कुछ न कुछ सीख सकते हैं।स्वामी विवेकानंद भी ऐसी ही शख्सियत हैं। 12 जनवरी 1863 को जन्में विवेकानंद के बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। उनके जीवन की एक ऐसी घटना है, जो आज भी पूरे विश्व के लिए मशहूर है। विवेकानंद रॉक मेमोरियल, जहां उन्होंने साधना की थी। आइए, जानते हैं इससे जुड़ी कुछ खास बातें-  


एक दिन में तैरकर पहुंचे थे विशाल शिला पर 
विवेकानंद रॉक मेमोरियल तमिलनाडु के कन्याकुमारी शहर में स्थित है। सन 1892 में स्वामी विवेकानंद कन्याकुमारी आए थे। एक दिन में तैरकर इस विशाल शिला पर पहुंच गए। इस सुनसान स्थान पर साधना के बाद उन्हें जीवन का लक्ष्य एवं लक्ष्य प्राप्ति के लिए मार्ग दर्शन मिला था। 


समुद्र से घिरी हुई अद्भुत विरासत 
यहां बहुत ही सुंदर मंदिर के रूप में विवेकानंद स्मारक भवन बनाया गया है। विवेकानंद जयंती पर बहुत से लोग यहां आते हैं।  स्वामी विवेकानंद के संदेशों को साकार रूप देने के लिए ही 1970 में उस विशाल शिला पर एक भव्य स्मृति भवन का निर्माण किया गया। भारत ही नहीं, पूरी दुनिया से लोग समुद्र की लहरों से घिरी इस विरासत को देखने के लिए आते हैं। अप्रैल में पड़ने वाली चैत्र पूर्णिमा पर यहां चन्द्रमा और सूर्य दोनों एकसाथ एक ही क्षितिज पर आमने-सामने दिखाई देते हैं। इस स्मारक का प्रवेश द्वार अजन्ता तथा एलोरा गुफा मन्दिरों के समान है।

 

vivekanand

 

70 फीट ऊंचा गुंबद का खूबसूरत नजारा 
यह विवेकानंद स्मारक भवन बहुत ही सुंदर मंदिर के रूप में बनाया गया है। इसका मुख्य द्वार अत्यंत सुंदर है। इसका वास्तुशिल्प अजंता-एलोरा की गुफाओं के प्रस्तर शिल्पों से लिया गया लगता है। नीले तथा लाल ग्रेनाइट के पत्थरों से निर्मित स्मारक पर 70 फीट ऊंचा गुंबद है। यह समुद्रतल से करीब 17 मीटर की ऊंचाई पर एक पत्थर के टापू की चोटी पर स्थित है। यह स्थान 6 एकड़ के क्षेत्र में फैला है। यह स्मारक 2 पत्थरों के शीर्ष पर स्थित है और मुख्य द्वीप से लगभग 500 मीटर की दूरी पर है। जो समुद्र के भीतर दूर से ही दिखाई देता है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय बहुत ही सुंदर लगता है।

 

साढ़े 8 फीट ऊंची कांसे की मूर्ति
भवन के अंदर चार फीट से ज्यादा ऊंचे प्लेट फॉर्म पर संत स्वामी विवेकानंद की मूर्ति है। यह मूर्ति कांसे की बनी है, जिसकी ऊंचाई साढ़े आठ फीट है। 

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