शोध: अगर पसंद है अकेलापन, तो दूसरों से ज्यादा होशियार हैं आप!
एकांत और अकेलेपन को लोग अक्सर नकारात्मक रूप में देखते हैं। लेकिन आपको शायद ये जानकर हैरानी होगी कि सोशल लाइफ से अलग रहने से आपकी रचनात्मकता बढ़ती है। ये बात एक शोध में सामने आई...
एकांत और अकेलेपन को लोग अक्सर नकारात्मक रूप में देखते हैं। लेकिन आपको शायद ये जानकर हैरानी होगी कि सोशल लाइफ से अलग रहने से आपकी रचनात्मकता बढ़ती है। ये बात एक शोध में सामने आई है।
'Personality and Individual Differences' पत्रिका में छपे इस शोध के मुताबिक जो लोग अपनी सोशल लाइफ से अलग होकर अकेले में समय बताना पसंद करते हैं उनकी क्रिएटिविटी में इजाफा होता है। साथ ही ऐसे लोग नए आइडिया खोजने में ज्यादा कुशल होते हैं। शोध से जुड़ी लेखक जूली बॉकर ने कहा, 'हमें दोस्तों या रिश्तेदारों से अलग रहना वाले लोगों की इस आदत के फायदे और नुकसान को समझने की जरूरत है।'
शोध के अनुसार कुछ लोग डर या घबराहट के चलते अकेले रहते हैं। वहीं कुछ अन्य लोगों को ज्यादा मिलना-जुलना पसंद नहीं होता। ऐसे लोग सोशल लाइफ से भागना चाहते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो बिना किसी डर या शर्म के बावजूद लोगों के साथ रहन के बजाए एकांत ज्यादा पसंद करते हैं।
अकेलेपन का नहीं है कोई नकारात्मक प्रभाव
इस शोध में कहा गया है कि ऐसे व्यक्ति जो अपने जीवन के कुछ पल दूसरों से अलग रहकर पढ़ने, कोई काम करने या कंप्यूटर पर बिताते हैं उन पर इस अकेलेपन का सकारात्मक असर होता है। दूसरों के साथ के बजाए खुद के साथ ज्यादा समय बिताने वाले युवाओं की रचनात्मकता बढ़ती है और साथ ही वो दूसरों के मकाबले नए आइडिया लाने में ज्यादा बेहतर होते हैं।
इस स्टडी में कहा गया है कि ज्यादा समय एकांत में रहने वाले लोग किसी दूसरे शख्स से बात करने की पहल नहीं करते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि वो किसी सामूहिक स्ममेलन में जाने के न्योता ठुकरा देते हों।