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सावधान! चीनी-चावल का चस्का कहीं आपके चेहरे की रौनक न छीन लें, चेहरे की रंगत बनाए रखने के लिए करें ये उपाय

चीनी-चावल का चस्का आपको वक्त से पहले बूढ़ा बना सकता है। ‘जर्नल ऑफ अमेरिकन कॉलेज ऑफ न्यूट्रिशन’ में हाल ही में छपे एक अध्ययन में यह चेतावनी दी गई है। शोधकर्ताओं के मुताबिक चीनी और...

सावधान! चीनी-चावल का चस्का कहीं आपके चेहरे की रौनक न छीन लें, चेहरे की रंगत बनाए रखने के लिए करें ये उपाय
एजेंसी,वाशिंगटनSun, 22 Nov 2020 11:16 PM
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चीनी-चावल का चस्का आपको वक्त से पहले बूढ़ा बना सकता है। ‘जर्नल ऑफ अमेरिकन कॉलेज ऑफ न्यूट्रिशन’ में हाल ही में छपे एक अध्ययन में यह चेतावनी दी गई है। शोधकर्ताओं के मुताबिक चीनी और चावल के अत्यधिक सेवन से त्वचा न सिर्फ रूखी होती है, बल्कि उसका लचीलापन भी घट जाता है। यह बदलाव चेहरे की रौनक छिनने का सबब बनने के साथ ही झुर्रियों और धाग-धब्बों की शिकायत को भी जन्म देता है। ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने से इनसान को झुर्रियां जल्दी पनपने की समस्या भी सता सकती है।


धाग-धब्बों और झुर्रियों की शिकायत सताएगी
-कार्बोहाइड्रेट और शर्करा युक्त खाद्य सामग्री मसलन चावल, मिठाई, व्हाइट ब्रेड, नूडल्स, पास्ता के अत्यधिक सेवन से ब्लड शुगर के स्तर में इजाफा होता है 
-शरीर में ‘ग्लाइकेशन’ नाम की रासायनिक क्रिया भी शुरू होती है, इससे खून में मौजूद शर्करा के अणु त्वचा में पाए जाने वाले ‘कोलाजेन’ से जुड़ने लगते हैं

सिगरेट-शराब, फास्टफूड से दूरी बनाना भी जरूरी
-‘कोलाजन’ त्वचा की चमक और लचीलेपन के लिए जिम्मेदार प्रोटीन होता है, शर्करा के अणु इसे नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे चेहरा रूखा-बेजान दिखता है
-उस पर झुर्रियां और दाग-धब्बे भी पनपने लगते हैं, विशेषज्ञ ‘ग्लाइकेशन’ से बचने के लिए सिगरेट-शराब से तौबा करने व खूब पानी पीने की भी सलाह देते हैं

इन 5 उपायों से दूर होंगे बुढ़ापे के लक्षण
-विशेषज्ञों की मानें तो खानपान पर ध्यान देकर चीनी-चावल से त्वचा को पहुंचे नुकसान की भरपाई करना मुमकिन है।

1.दाल-सब्जी से भरपूर आहार लें
-फाइबर से लैस हरी पत्तेदार सब्जियां, दाल, बींस और अंकुरित अनाज पाचन तंत्र को तो दुरुस्त रखते ही हैं, साथ में ब्लड शुगर का स्तर भी घटाते हैं। इनके नियमित सेवन से ‘ग्लाइकेशन’ की प्रक्रिया काफी धीमी पड़ जाती है।

2.ग्रीन-टी और टमाटर का सेवन बढ़ाएं
-ग्रीन-टी ‘कोलाजेन’ का उत्पादन बढ़ाकर झुर्रियों और दाग-धब्बों का नामोनिशान मिटाती है। वहीं, टमाटर में मौजूद ‘लाइकोपीन’ ग्लाइकेशन-रोधी गुणों के लिए जाना जाता है। यह अल्ट्रावायलेट विकिरणों के दुष्प्रभाव से भी बचाता है।

3.अंडा, मछली, सोयाबीन भी फायदेमंद
-अंडा, मछली, अनार, गाजर, सोयाबीन, खीरा, लहसुन और ऑर्गेनिक चीज में ‘कार्नोसिन’ नाम का अमीनो-एसिड पाया जाता है, जो ‘ग्लाइकेशन’ की प्रक्रिया में शर्करा के अणुओं को ‘कोलाजेन’ को नुकसान पहुंचने से रोकता है।

4.मेवे और खट्टे फले खासे असरदार
-विटामिन-सी, ई और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर संतरा, नाशपाती, मौसमी व स्ट्रॉबेरी जैसे फल ‘कोलाजेन’ की सुरक्षा कर झुर्रियों से बचाते हैं। वहीं, गुड फैट से लैस काजू, बादाम, अखरोट त्वचा में सूजन, जलन, लालीपन की शिकायत दूर रखते हैं। 

5.धीमी आंच पर खाना पकाएं, मसाले खूब खाएं
-120 डिग्री सेल्सियस से कम आंच पर खाना पकाने और उसमें हल्दी, दालचीनी, लौंग, इलायची, अदरक, लहसुन जैसे मसाले मिलाने से शरीर में ‘ग्लाइकेशन’ की क्रिया को बढ़ावा देने वाले ‘ग्लाइकोटॉक्सिन’ का उत्पादन कम होता है। 

 

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